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सुखमय जीवन जीने की पद्धति हैं योग" - योगीराज डांगी

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04 Jun 25
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सुखमय जीवन जीने की पद्धति हैं योग" - योगीराज डांगी

उदयपुर जिले को स्वस्थ एवं निरोग बनाने की दिशा में पतंजलि योग परिवार उदयपुर द्वारा मनवाखेड़ा स्थित वीरवाल जैन समाज छात्रावास में इंटीग्रेटेड सह-योग शिक्षक प्रशिक्षण शिविर 18 मई 2025 से सतत योगानुष्ठान चल रहा हैं।

 

योग साधक एवं संवाद प्रभारी जिग्नेश शर्मा ने जानकारी व्यक्त करते हुए बताया कि सतत चल रहें योगानुष्ठान में इंटीग्रेटेड सह-योग शिक्षक प्रशिक्षण शिविर के साथ जिला स्तरीय योग प्रोटोकॉल का पूर्वाभ्यास शीर्षासन में वर्ल्ड रिकॉर्ड धारी योगीराज गोपाल डांगी ने करवाया। योगाभ्यास कराते हुए डांगी ने बताया कि योग केवल एक प्रदर्शन कला नहीं है अपितु योग एक जीवन पद्धति है जिससे व्यक्ति नियमित अभ्यास से निरोगमय, सुखमय और आनन्दमय जीवन व्यतीत कर सकता है। साथ ही आसान एवं प्राणायाम की सूक्ष्म विधि समझते हुए लाभ एवं सावधानियां भी बतायी।

 

रामचंद्र मिशन व हार्टफुलनेस की ओर से प्रोफेसर डॉ राकेश दशोरा, प्रफुल्ल गांधी एवं देवी लाल चंदेल बताया कि एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति बिना दवा द्वारा रोग निदान, सस्ती, सुगम एवं प्रतिकूल प्रभावों से सर्वथा मुक्त हैं। रिफ्लेक्सोलॉजी एक वैकल्पिक चिकित्सा है जो पैरों, हाथों और कानों पर विशिष्ट बिंदुओं पर दबाव डालकर शरीर के विभिन्न भागों को प्रभावित करती है। साथ ही शिविरार्थियों द्वारा पूछे गए व्याधियों का क्रियात्मक विधि द्वारा दबाव बिंदु बताकर समस्या से राहत पाने का मार्गदर्शन किया। तत्पश्चात डॉ दशोरा ने बताया कि ध्यान की 104 विधियां होती हैं, अतः अपनी अनुकूलतानुसार सहज विधि का चयन कर नित्य ध्यान अवश्य करना चाहिए। ध्यान से मन शांत, संतुलित होकर एकाग्रता व कार्यक्षमता बढ़ती हैं। योग एवं ध्यान अभ्यास पश्चात शिविरार्थियों ने सकारात्मक प्रतिक्रियाएं व्यक्त किया।

 

भारत स्वाभिमान न्यास के जिला प्रभारी मोहन सिंह शक्तावत ने आभार व्यक्त करते हुए प्रेरित किया कि नियमित चल रहें योगाभ्यास शिविर में अधिकाधिक संख्या में आमजन, योगप्रेमी सपरिवार आकर लाभ प्राप्त कर सकतें हैं।

 

पतंजलि योग समिति के जिला प्रभारी मुकेश पाठक ने योगीजन का उत्साह वर्धन करते हुए सिंहासन, हास्यासन, तालिवादन व शांतिपाठ करवाया।


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