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पंडित दीनदयाल उपाध्याय की विचारधारा को साकार कर रहा वर्तमान नेतृत्व - श्री देवनानी

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05 Jun 25
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पंडित दीनदयाल उपाध्याय की विचारधारा को साकार कर रहा वर्तमान नेतृत्व - श्री देवनानी

राजनीति में आई गिरावट के लिए समाज भी जिम्मेदार - श्री देवनानी

जयपुरविधानसभाध्यक्ष प्रो. वासुदेव देवनानी ने कहा कि एकात्म मानवदर्शन के प्रतिष्ठापक पं. दीनदयाल उपाध्याय राजनीति में संयम, त्याग और नैतिकता के प्रबल पक्षधर थे और अंत्योदय को स्वतंत्र भारत की आत्मा मानते थे। राजनीति में इन मूल्यों की लगातार ह्रास हुआ है। देश का वर्तमान नेतृत्व इन मूल्यों को पुनः स्थापित करने की दिशा में कार्य कर रहा है। देवनानी बुधवार को प्रसिद्ध चिंतक व विचारक, भारतीय जनसंघ के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष की ओर से प्रदत्त एकात्म मानवदर्शन के साठ वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित हो रहे दो दिवसीय समारोह के उद्घाटन अवसर एवं प्रथम सत्र को संबोधित कर रहे थे। पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति समारोह समिति जयपुर, भूपाल नोबल्स संस्थान व राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में दीनदयाल उपाध्याय एकात्म मानवदर्शन - हीरक जयंती समारोह भूपाल नोबल्स विवि के सभागार में में आयोजित हो रहा है।

देवनानी ने कहा कि पंडित जी के दृष्टिकोण में राष्ट्र भौगोलिक सीमाओं से परे एक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक इकाई है। राष्ट्र निर्माण का आधार केवल सीमाएं नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक चेतना, स्वदेशी दृष्टिकोण और अंतिम पंक्ति के व्यक्ति के कल्याण में निहित है। देवनानी ने कहा कि वर्तमान में राजनीति के स्तर में भी गिरावट आई है इसके लिए समाज का बदलता स्वरूप जिम्मेदार है समाज का स्वरूप ही जीवन से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर प्रतिबिम्बित होता है।

दीनदयाल की राजनीतिक विचारधारा को आगे बढ़ा रहा है देश का वर्तमान नेतृत्व

देवनानी ने कहा कि देश का वर्तमान नेतृत्व अंत्योदय की दिशा में कार्य करते हुए दीनदयाल की विचारधारा को पुष्ट करने का कार्य कर रहा है। जनधन योजना, उज्ज्वला योजना जैसी कई योजनाएं इसका प्रमाण हैं। यही नहीं स्वदेशी पर वर्तमान नेतृत्व का काफी जोर है जिसके फलस्वरूप मेक इन इंडिया अभियान को आगे बढ़ाया जा रहा है। हाल ही में पाकिस्तान के विरुद्ध ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने मेक इन इंडिया हथियारों से विजयी प्रदर्शन कर पूरे विश्व में अपना लोहा मनवाया है।

प्रथम दिन हुआ इन विषयों पर मंथन

पहले दिन राजनीतिज्ञ पंडित दीनदयाल उपाध्याय, पत्रकार और साहित्यकार के रूप में पंडित जी विषय पर डॉ. एस. एस. उपाध्याय, डॉ. इन्दूशेखर तत्पुरूष, गोपाल शर्मा ने, संस्थान एवं गैर-सरकारी संगठनों में दीनदयाल दर्शन की भूमिका पर अतुल जैन , प्रो मोहन लाल छीपा, दीनदयाल उपाध्याय शोधपीठ के निदेशक प्रो. के. के. सिंह प्रो. महेन्द्र सिंह आगरिया, प्रबंध निदेशक मोहब्बत सिंह रूपाखेड़ी ने विचार व्यक्त किए।

 

श्री देवनानी ने संवेदना व्यक्त की

राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने बुधवार को उदयपुर में उद्‌द्योगपति श्री अरविन्द सिघल की माता के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया। श्री देवनानी ने उदयपुर में श्री सिंघल के निवास स्थल पर पहुंचकर उनकी माता के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्र‌द्धाजलि दी। श्री देवनानी ने दिवगत आत्मा की शाति और शोक संतप्त परिजनों को इस दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने के लिए परमपिता परमेश्वर से प्रार्थना की है।


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