श्रीगंगानगर। नार्को कोर्डिनेशन सेंटर तंत्र की जिला स्तरीय स्टेडिंग कमेटी की बैठक मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला कलक्टर डॉ. मंजू की अध्यक्षता में हुई। इस दौरान जिला कलक्टर ने नशा मुक्त श्रीगंगानगर अभियान के अंतर्गत जिले में जारी गतिविधियों को नियमित रूप से सम्पादित करने के निर्देश देते हुए कहा कि नशा करने वालों को नशा छोड़ने के लिये प्रेरित करने में सभी सक्रिय भूमिका निभाएं।
नशा मुक्ति अभियान के तहत अब तक हुई गतिविधियों की समीक्षा करते हुए जिला कलक्टर ने कहा कि जिले में नशा करने वालों को नशा छोड़ने के लिये प्रेरित करने में समस्त विभागीय अधिकारियों और कार्मिकों के साथ-साथ आमजन भी सक्रिय सहयोग करें। सामाजिक संस्थाओं सहित अन्य संगठनों का भी सहयोग लेकर समाज को नशा मुक्त बनाने के लिये गंभीरतापूर्वक मुहिम चलाई जाये। नशा मुक्ति केन्द्रों, मेडिकल स्टोर्स सहित अन्य संस्थाओं के रिकॉर्ड संधारण के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि नियमित रूप से इसकी मॉनिटरिंग की जाये।
जिला कलक्टर ने बैठक में कहा कि नशा छोड़ने के लिये उपचार लेने वालों का रिकॉर्ड संधारित करने के साथ-साथ नियमित रूप से उनका फॉलोअप भी किया जाये। जिला स्तर के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों से आने वालों का रिकॉर्ड संधारित किया जाये। नशे में प्रयुक्त होने वाली दवाओं की उपलब्धता और स्टॉक की नियमित जांच की जाये। मेडिकल स्टोर्स पर सीसीटीवी कैमरा और दवाओं के रिकॉर्ड की आकस्मिक जांच कर अनियमितता पाये जाने पर संबंधित के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाये। साथ ही औषधि नियंत्रक विभाग जिले के समस्त खुदरा विक्रेताओं को एनडीपीएस दवाओं की पर्ची पर दवा देने के पश्चात मोहर लगाया जाना सुनिश्चित करावे।
नशा मुक्त श्रीगंगानगर अभियान के तहत जागरूकता गतिविधियों का उल्लेख करते हुए जिला कलक्टर ने कहा कि रात्रि चौपाल, शिक्षण संस्थानों सहित अन्य जागरूक कार्यक्रमों में नशे के दुष्प्रभाव बताने के साथ-साथ नशा छोड़ने के लिये प्रेरित किया जाये। वीडियो फिल्म, लघु नाटक, रैली, भाषण, चित्रकला सहित अन्य गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों और आमजन को नशा मुक्ति का संकल्प दिलाया जाये।
जिला पुलिस अधीक्षक श्री गौरव यादव ने कहा कि सबके सामूहिक प्रयासों से ही नशे की रोकथाम संभव है। जिला पुलिस द्वारा जागरूकता अभियानों के साथ-साथ नशे के कारोबार में संलिप्त रहने वालों के खिलाफ लगातार कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्र में सोलर लाइट लगाने के साथ-साथ नियमित रूप से निगरानी रखी जाये। पुलिस और बीएसएफ सहित अन्य एजेंसियां समन्वय बनाकर सीमावर्ती क्षेत्रों में आकस्मिक निरीक्षण करें ताकि अवांछित गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके।
बैठक में प्रशिक्षु आईएएस अदिति यादव, जिला आबकारी अधिकारी श्रीमती शिवा चौधरी, सीएमएचओ डॉ. अजय सिंगला, सहायक औषधि नियंत्रक श्री अशोक कुमार मित्तल, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक श्री वीरेन्द्र पाल, सीडीईओ श्री गिरजेश कांत शर्मा सहित अन्य मौजूद रहे।