GMCH STORIES

प्रदेश में सुचारू पेयजल आपूर्ति के लिए निगरानी तंत्रा को मुस्तैद रखे ंः मुख्य सचिव

( Read 11178 Times)

30 May 20
Share |
Print This Page
प्रदेश में सुचारू पेयजल आपूर्ति के लिए निगरानी तंत्रा को मुस्तैद रखे ंः मुख्य सचिव

श्रीगंगानगर । मुख्य सचिव श्री डी. बी. गुप्ता ने गर्मी के इस सीजन में प्रदेश में आमजन को सुचारू पेयजल आपूर्ति के लिए निगरानी तंत्रा को मुस्तैद रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि पेयजल उपलब्ध कराने में विभागों के बीच आपसी मसलों में कहीं पर भी किसी प्रकार की दिक्कत आए तो विभागों के उच्चाधिकारी वार्ता एवं समन्वय से उनका तत्काल समाधान करें।
 मुख्य सचिव श्री गुप्ता शुक्रवार को शासन सचिवालय में प्रदेश में पेयजल प्रबंधन से जुड़े अंतरविभागीय मुद्दों के सम्बंध में चार प्रमुख विभागों के अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्राी ने गत दिनों प्रदेश में पेयजल प्रबंधन के बारे में इन विभागों से सम्बंधित विषयों पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक आयोजित करने के निर्देश प्रदान किए थे। इसी सिलसिले में इस बैठक का आयोजन किया गया। यह बैठक प्रत्येक माह आयोजित की जाएगी।
 बैठक में ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राजेश्वर सिंह, जलदाय विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री राजेश यादव, ऊर्जा विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री अजिताभ शर्मा एवं जल संसाधन विभाग के शासन सचिव श्री नवीन महाजन के अलावा विभागों के अन्य सम्बंधित अधिकारी मौजूद थे।  
 श्री गुप्ता ने प्रदेश में जनता जल योजनाओं की स्थिति की समीक्षा करते हुए निर्देश प्रदान किए कि जहां-जहां पंचायतों के पास राज्य वित्त आयोग एवं केन्द्रीय वित्त आयोग का बजट उपलब्ध है, वहां इन योजनाओं के रख-रखाव एवं कमीशनिंग के कार्यों को शीघ्रता से पूर्ण किया जाए। मुख्य सचिव को जलदाय विभाग के प्रमुख सचिव श्री राजेश यादव ने अवगत कराया कि प्रदेश में 6500 जनता जल योजनाओं में से करीब एक तिहाई समस्याग्रस्त है, इन योजनाओं के क्षेत्रों में पीएचईडी द्वारा टैंकर्स के माध्यम से जल परिवहन की व्यवस्था की जा रही है। वर्तमान में पंचायतीराज संस्थाओं के पास राज्य वित्त आयोग के मद में 1250 करोड़ बजट है, साथ ही केन्द्रीय वित्त आयोग की ओर से इस वर्ष आवंटित 3862 करोड़ की राशि उपलब्ध है, जिसमें करीब आधी राशि का उपयोग पेयजल एवं स्वच्छता से सम्बंधित कार्यों के लिए किया जाना है। मुख्य सचिव ने इस राशि में से बिजली कनैक्शंस के चार्जेज और मरम्मत के कार्यों पर व्यय के निर्देश दिए।
 मुख्य सचिव ने पेयजल योजनाओं के लम्बित विद्युत कनैक्शन के बारे में जलदाय एवं ऊर्जा विभाग के अधिकारियों से जानकारी लेते हुए इस कार्य को शीघ्रता से पूर्ण करने के निर्देश दिए। ऊर्जा विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री अजिताभ शर्मा ने बताया कि पेयजल परियोजनाओं के बकाया कनैक्शंस के बारे में दोनों विभागों के स्तर पर वार्ता में सहमति हो चुकी है और बचे हुए कनैक्शंस को जारी करने की कार्यवाही चल रही है। करीब एक हजार बकाया कनैक्शंस में से 200 जारी किए जा चुके है, शेष 799 कनैक्शंस में से 517 आगामी जून माह में जारी कर दिए जाएंगे, इसके बाद बचे कनैक्शंस भी आने वाले महीनों में प्राथमिकता के आधार पर जारी कर दिए जाएंगे।
 श्री गुप्ता ने जलदाय विभाग की विभिन्न योजनाओं में जल संसाधन विभाग की बकाया हिस्सा राशि के बारे में दोनों विभागों के उच्चाधिकारियों को अतिरिक्त मुख्य सचिव (वित्त) से वार्ता कर इस बारे में अग्रिम कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
 बैठक में जलदाय विभाग की ओर से प्रदेश में गर्मियों के मौसम में पेयजल प्रबंधन के लिए किए जा रहे कार्यों के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया गया। इसमें बताया गया कि प्रदेश के सभी क्षेत्रों में लोगों की मांग और आवश्यकता के आधार पर पेयजल आपूर्ति के लिए विभाग द्वारा सजगता के साथ समुचित कार्यवाही की जा रही है। प्रदेश में एक अप्रेल से चल रहे हैंड पम्प रिपेयरिंग अभियान के तहत अब तक शहरी क्षेत्रा में 3424 तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 28 हजार 180 हैण्डपम्पों की मरम्मत की जा चुकी है। राज्य में 3338 हैण्डपम्प, 1942 ट्यूबवैल्स तथा 339 सिंगल फेज ट्यूबवैल्स की स्वीकृतियां जारी की गई हैं, इनमें से 617 हैण्डपम्प, 989 ट्यूबवैल्स तथा 76 सिंगल फेज ट्यूबवैल्स अब तक खोदे जा चुके हैं, जबकि 359 हैण्डपम्प, 352 ट्यूबवैल्स तथा 15 सिंगल फेज ट्यूबवैल्स की कमीशनिंग की जा चुकी है। पूरे प्रदेश में 38 शहरों में 396 टैंकर्स के माध्यम से 2468 ट्रिप प्रतिदिन एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 844 गांवों एवं 796 ढाणियों में 519 टैंकर्स के माध्यम से 1905 ट्रिप प्रतिदन के आधार पर जलापूर्ति की जा रही है। राज्य एवं जिला स्तरीय नियंत्राण कक्षों के अलावा सम्पर्क पोर्टल के माध्यम से प्राप्त होने वाले प्रकरणों का विभाग के स्तर पर समयबद्ध रूप से निस्तारण किया जा रहा है। विभाग के कार्यालयों के अलावा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों के माध्यम से पेयजल की गुणवत्ता के परीक्षण के लिए सैम्पल कलैक्शन कर कैमिकल जांच एवं अवशेष क्लोरीन की जांच की कार्यवाही लगातार जारी है।


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories : Shri Ganga NagarNews
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like