संगम विश्वविद्यालय, भीलवाड़ा के रसायन विज्ञान विभाग में एम.एससी. अंतिम वर्ष के छात्रो आशना श्रृंगी, विवेक पारीक और तनिष्का द्वारा किए गए शोध कार्य को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। उनका शोध पत्र “Green Synthesis of Zno Nanoparticles Using Leaves Extract of Quisqualis Indica (Madhumalti): Textile Effluent Treatment and their WQI Study” शीर्षक से एक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। इस शोध में ज़िंक ऑक्साइड नैनोपार्टिकल्स को ग्रीन संश्लेषण विधि (Green synthesis method) द्वारा तैयार किया गया, जिसमें पर्यावरण के अनुकूल तरीके से उच्च गुणवत्ता वाले नैनोकणों का निर्माण किया गया। ज़िंक ऑक्साइड नैनोपार्टिकल्स का उपयोग वस्त्र उद्योग के अपशिष्ट जल (टेक्सटाइल एफ्लुएंट) के शोधन में किया, जिसमें उन्हें अत्यंत सराहनीय सफलता प्राप्त हुई। शोध के अनुसार ज़िंक ऑक्साइड नैनोपार्टिकल्स में फोटोकैटलिटिक गुण होते हैं, जो सूर्य के प्रकाश अथवा यूवी लाइट की उपस्थिति में टेक्सटाइल अपशिष्ट जल में उपस्थित रंजक , कार्बनिक यौगिक तथा हानिकारक रसायनों को प्रभावी ढंग से नष्ट कर देते हैं।
शोध कार्य का निर्देशन विश्वविद्यालय के रसायन विज्ञान विभाग के सह - प्राध्यापक डॉ. पंकज सेन के मार्गदर्शन में हुआ। विश्वविद्यालय प्रशासन, विभागाध्यक्ष और संकाय सदस्यों ने इस उपलब्धि के लिए छात्रो को बधाई दी और इसे विश्वविद्यालय के लिए गौरव की बात बताया। यह उपलब्धि विद्यार्थियों को अनुसंधान के क्षेत्र में प्रेरणा देने वाली है और यह प्रमाणित करती है कि संगम विश्वविद्यालय के छात्र उच्च स्तर के वैज्ञानिक शोध में भी अपनी पहचान बना रहे हैं।