सिरोही। धार्मिक पर्यटन को बढावा देने के लिए अतिप्राचीन मार्कुंडेश्वर सरस्वती तीर्थ धाम के विकास के लिए जल्द ही उसका मास्टर प्लान तैयार करवाया जावेगा। यह जानकारी बुधवार को माँ सरस्वतीजी के दर्शन पूजन एवं जाप साधना के बाद खनन, व गौपालन मंत्री एवं सिरोही जिला प्रभारी मंत्री ने अजारी मे दी। तीर्थ धाम के महंत श्री रेवानंद जी महाराज से आर्शीवाद लेते वक्त मंहतजी ने मंत्रीजी को तीर्थ की प्राचीनता की जानकारी देते हुऐ कहा कि इस तीर्थ मे सरकार आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध करवावे तो देश भर से आने वाले धार्मिक श्रद्धालु आसानी से महादेव व सरस्वती माँ के दर्शन से लाभान्वित हो सकेगें।
मंदिर के पुजारी हरेश रावल ने मंत्री प्रमोद भाया को बताया कि इस तीर्थ मे स्थापित माँ सरस्वती की महिमा व प्रभाव साक्षात हैं और इस प्रतिमा के सामने राजा भरत, जैनाचार्य हेमचन्द्रसूरी व मांडोली के शांतिसूरीजी म. सा. सहित अनेक साधु सन्तो व राजा महाराजाओ ने साधना कर ज्ञान अर्जित किया हैं। आज भी कोई बालक तुतलाता है तो वो यहॉ आकर माँ से प्रार्थना करता है तो उसका तोतलापन चला जाता हैं ओर ऐसे लोग रजत व स्वर्ण की जीभ भी मा केा अपर्ण करते हैं।
सिरोही जिला विकास परिषद् के सचिव महावीर जैन व अजारी के सामाजिक कार्यकर्ता खुशवंतसिंह चौहान ने मंत्री को विकास का विभाग वार एक ज्ञापन सुर्पुद किया जिसमे बताया गया कि सडक, पर्यटन, हाट बाजार, बिजली, पानी, यातायात, पर्यावरण, व शिक्षा के क्षेत्र मे क्या क्या कार्य करवाये जाने से यहॉ पर धार्मिक पर्यटन को बढावा मिलेगा।
प्रभारी मंत्री ने यहां पर राष्ट्रीय पक्षी ‘‘ मोर ‘‘ की बाहुल्यता को देखते हुऐ मोर उधान बनाने के प्रस्ताव को मुर्त रूप दिलाने का आश्वासन दिया। ग्रामवासियो ने ६५ लाख की लागत से सडक के चौडा करने का काम रूका होने की जानकारी देते हुऐ उसे चालु करने का भी अनुरोध किया। यह प्राचीन तीर्थधाम आबुरोड-उदयपुर फोरलेन पर स्थित होने से अब देश भर से श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहता है। यहां पर कुण्ड भी हैं लेकिन उनका रिनोवेसन नही होने से वे भी अब अनुपयोगी साबित होते हैं। श्रद्धालु यहां पर अपने पूर्वजो की अस्थियों का विर्सजन व तर्पण विधि भी करते हैं। स्थानीय कांग्रेसजनो ने भी प्रभारी मंत्री का स्वागत करते हुऐ उनसे धाम मे आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने का अनुरोध किया ।
ज्ञात रहे इस तीर्थ धाम को तत्तकालीन उपराष्ट्रपति स्व. भेरासिंह शेखावत ने विकसित करने की घोषणा उस वक्त की थी लेकिन आज भी कोई विकास नही हुआ।