सिरोही। सिरोडी नगर में आज सोमवार को सिरोडी के प्रथम आर्चाय आबुगोड रत्न रविरत्न सूरीश्वरजी व पंन्यास वैराग्य रत्न विजयजी म. सा. आदि का जीरावला तीर्थ मे ं आयोजित उपधान तप में जुडे सिरोडी क तपस्वी २७ युवक-युवतियों का सामैया सहित प्रवेश हुआ। सामैया प्रवचन सभा में परिवर्तित हुआ। प्रवचन में सभी उपधान तप के तपस्वियों का जीरावला उपधान ग्रुप, सिरोडी द्वारा माला-श्रीफल-तिलक करके सत्कार-सम्मान किया गया। जिसमें सिरोडी व आबुगोड जैन समाज के ५०० लोग उपस्थित रहे।
पूज्य आर्चायश्री ने सभी तपस्विायों को आर्शीवाद दिया व अनुमोदना की। उन्होने कहा कि तप से अपनी आत्मा शुद्ध-विशुद्ध व सिद्ध बनती हैं। नवकार मंत्र गिनने का लाईसेंस इस उपधान तप से प्राप्त होता है। जिस तरह कार को चलाने का लाइंसेंस जरूरी है वैसे नवकार मंत्र गिनने का लाईसेंस उपधान तप में मिलता है। उपधान साधु जीवन जीने का एक व्यवहारिक प्रशिक्षण भ हैं। दोपहर में गीत-सांझी का कार्यक्रम रखा गया। बाद मे आर्चायश्री अपने साधु-साध्वी भंगवतो के साथ पावापुरी पधारे ओर यहॉ मंदिर मे परमात्मा के दर्शन कर सिरोही के लिए विहार किया। कल सुबह सिरोही मे आर्चायश्री का जैन सकल संघ की ओर से सामैया होगा ओर बुधवार को सुबह प्राचीन तीर्थ बालदा मे आर्चायश्री का प्रवेश होगा जहॉ पर इस तीर्थ की प्रतिष्ठा निमित चढावे होगें।