’न्यायालय अति० मुख्य न्यायिक मजिस्ट्ेट, अरनोद, मुख्यालय प्रतापगढ की पीठासीन अधिकारी कुमकुम सिंह ने दिनांक-२१.०५.२०१९ को वर्ष २०१२ के मामले में निर्णय पारित करते हुए मुल्जिमान देऊबाई पत्नी उदेराम उर्फ उदयलाल जाति कीर, नि०-कोटडी, थाना-अरनोद, जिला-प्रतापगढ तथा भैरुलाल पिता भोगजी जाति मीणा, नि०-डोरानाखेडा, थाना-अरनोद, जिला-प्रतापगढ को धारा ३८८/३४ भारतीय दण्ड संहिता के अधीन दण्डनीय अपराध के आरोप में दोषसिद्व करार दिया जाकर तीन-तीन वर्ष के साधारण कारावास तथा ५०००-५०००/- रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
मामला इस प्रकार है कि प्रार्थी कुलदीप पिता हीरालाल उपाध्याय निवासी-अरनोद ने एक लिखित रिपोर्ट दिनांक-०३.०५.२०१२ को इस आशय की पेश की कि दिनांक-३०.०४.२०१२ को दोपहर ३ः०० बजे वह अपनी दुकान रुपाली स्टुडियो जोकि बस स्टेण्ड, अरनोद पर स्थित है, पर था कि भैरु पिता भोगजी मीणा निवासी डोराना खेडा एक महिला आयु ४५ वर्ष के करीबन के साथ आया और महिला का फोटो खींचने की कहा। फोटो खींचने के लिए जैसे ही महिला दुकान के अन्दर आई तो स्टूडियो के अन्दर घुसते ही महिला ने हो-हल्ला मचाना प्रारम्भ कर दिया व चिल्लाने लग गई और प्रार्थी का हाथ पकड लिया और उसकी इज्जत खराब करने लग गई तथा प्रार्थी से पचास हजार रुपये की मांग की, जिस पर प्रार्थी की ओर से प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर थाना अरनोद में प्रकरण दर्ज किया जाकर चालान अभियुक्तगण देउबाई व भैरुलाल के विरुद्व न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया, न्यायालय ने अन्वीक्षा के दौरान कुल ०९ गवाहों के बयान लेखबद्व किये तथा बाद सुनवाई अभियुक्तगण को दोषी मानते हुए कारावास के दण्ड से दण्डित किया गया।