उदयपुर: दुनियाभर में कैंसर के कारण लाखों महिलाओं की मौत होती है और इसमें अधिकतर मामलों में उनकी मौत का मुख्य कारण गाइनेकोलॉजिकल कैंसर होता है। भारत में इसको लेकर महिलाओं में जागरूकता की बहुत कमी है। इस प्रकार के मामले राजस्थान व उसके आसपास के क्षेत्र में तेजी से बढ़ रहे हैं।
पारस हेल्थ, उदयपुर की गाइनेकोलॉजिस्ट, डॉ. शीतल कौशिक ने बताया कि इस कैंसर के बारे में समझाना बहुत जरूरी है उन्होंने बताया की, सबसे पहले तो यह जानना जरूरी है कि गायनेकोलॉजिकल कैंसर कितने प्रकार के होते हैं। यह मुख्य रूप से 6 प्रकार के होते हैं सर्वाइकल कैंसर, ग्रीवा कैंसर, गर्भाशय का कैसर, योनि का कैंसर, वुल्वर कैंसर, गर्भकालीन ट्रोफोब्लास्टिक कैंसर। इसके बाद उनके कारणों को भी समझना जरूरी है, यह मासिक धर्म 10 साल से पहले या मोनोपॉज 50 साल के बाद, मोटापा या डायबिटीज से ग्रसित, बार-बार यूटीआई, बहुत अधिक जंकफूड, धूम्रपान व शराब का ज्यादा सेवन, 2 साल से ज्याद हार्मोनल थेरिपी या आपके परिवार में किसी को भी इसका इतिहास होना आदि कारणों से यह कैंसर होता है।
इसके अलावा इसके लक्षणों पर भी ध्यान देना बहुत जरूरी है जैसे- सर्वाइकल कैंसर में- मेनोपॉज के बाद योनि से रक्त स्राव होना, शारीरिक संबंध बनाते समय दर्द महसूस होना, मटमैला या गंदा पानी का योनि से रिसाव, ओवेरियन कैंसर- में पेट के निचले हिस्से में दर्द व भारीपन, गर्भाशय कैंसर में- अधिक रक्तस्राव या इसके साथ गांठ व मांस के टुकड़े गिरना जैसे लक्षण शामिल है। यदि इस प्रकार के लक्षण दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इसका उपचार सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी, हार्मोन थेरेपी, इम्यूनोथेरेपी, टारगेटेड थेरेपी और दवाइयों के माध्यम से किया जा सकता है। यदि आप जल्द इन लक्षणों पर गौर करके डॉक्टर के पास पहुंचते हैं तो इसका इलाज पूरी तरह से किया जा सकता है। इसलिए इसमें जरा भी लापरवाही ना बरतें और किसी भी प्रकार के लक्षण दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।