पेसिफिक विश्वविद्यालय में रसायन विभाग व स्नातकोत्तर अध्ययन एवं एसोसिएषन ऑफ केमेस्ट्री टीचर्स, मुम्बई के संयुक्त तत्वाधान में डेवेलपिंग ट्रेंडस इन केमिकल सांइसेस विशय पर आयोजित दो दिवसीय अन्तर्राश्ट्रीय क्रान्फं्रेस का उद्घाटन समारोह सम्पन्न हुआ। समारोह के मुख्य अतिथि वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय, सूरत के पूर्व विभागाध्यक्ष के. आर. देसाई ने क्लाइमेट चैंज और ग्लोबल वार्मिंग जैसी वैष्विक समस्याओं के निराकरण में हरित रसायन (ग्रीन केमेस्ट्री) की महत्ता को उजागर किया। इस अवसर पर स्नातकोत्तर अध्ययन के अधिश्ठाता प्रो. हेमन्त कोठारी ने विश्वविद्यालय में हो रहे शोध कार्यों का विवरण प्रस्तुत कियाय साथ ही वैष्विक स्तर पर वर्तमान में उपस्थित चुनौतियों में वैज्ञानिकों और शोध कार्य की महत्ता पर भी उन्होनें प्रकाष डाला। कान्फें्रस अध्यक्ष प्रो. सुरेष आमेटा ने युवा पीढी को शोध कार्य हेतु आगे आने का आह्वान किया। उन्होनें भविश्य की समस्याओं, कार्बन उत्सर्जन का नियन्त्रण एवं भविष्य का ईंधन हाइड्रोजन के बारे में ध्यान आकर्शित किया। प्रो. बी. पी. षर्मा ने प्राचीन विज्ञान की वर्तमान परिप्रेक्ष्य में महत्ता को उजागर किया। विषिश्ट अतिथि जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. प्रदीप षर्मा ने अपने व्याख्यान में वर्तमान में अकादमिक क्षेत्र में हो रहे नैतिक मूल्यों के पतन पर चिंता व्यक्त की। उन्होनें कहा कि शोध-पत्र लेखन, पुस्तक लेखन आदि अकादमिक कार्यों में एक सच्चे शोधकर्ता को साहित्यिक चोरी से निवृत रहना होगा। प्रो. रामेष्वर आमेटा ने बताया कि विज्ञान संकाय में चल रहे शोध कार्यं विशेष रूप से नैनोमटिरीयल का जलप्रदूशण निवारण में उपयोग पर जिसमें विश्वविद्यालय को अन्तर्राश्ट्रीय पहचान मिली हैय की जानकारी दी इस क्रान्फं्रेस में देष-विदेष के १७० प्रतिभागी भाग ले रहे है। कार्यक्रम के अध्यक्ष पेसिफिक विश्वविद्यालय के प्रेसिडेंट प्रो. कृष्णकांत दवे ने क्रान्फेंस की सफलता हेतु शुभकामनाएँ प्रेषित करते हेतु विज्ञान के क्षेत्र में हो रहे नवीन आविष्कारों एवं शोध परक गतिविधियों को बढाने की प्रेरणा दी। प्रो. रक्षित आमेटा ने संगोष्ठी के उद्धेष्यों एवे देशभर से भाग लेने आए प्रतिभागियों का विवरण प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. सीमा कोठारी तथा धन्यवाद डॉ. दिलेन्द्र हिरन ने ज्ञापित किया।
उद्घाटन सत्र के बाद प्रथम तकनीकी सत्र में इराक के कर्बला विश्वविद्यालय की प्रो. लूमा अहमद ने नेनौ पदार्थों के संष्लेशण में पृष्ठ सक्रिय कारकों का उपयोग विशय पर आंमत्रित व्याख्यान दिया। प्रथम दिन २० मौखिक एवं ४५ पोस्टर रूप में शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। तकनीकी सत्र की अध्यक्षता प्रो. संगीता शर्मा एवं प्रो. रक्षित आमेटा ने की।