प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इंक्रेडिबल आइडिया से भारत में पर्यटन उद्योग को नए पंख लग रहे है। प्रसाद और स्वदेश दर्शन जैसी योजनाएं भारत के पर्यटन क्षेत्र को सशक्त बना रहीं है । प्रधानमंत्री मोदी कई बार देशवासियों से यह अपील कर चुके है कि भारत में पर्यटन जितना विविधतापूर्ण है ऐसा विश्व में और कहीं नहीं,आवश्यकता है उसे बढ़ावा देने की। बेशक भारतीय दुनिया को भी देखें, लेकिन सबसे पहले अपने देश को जाने और भारत के पर्यटन उद्योग को बढ़ावा दें। लक्षद्वीप के मामलें में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इंक्रेडिबल आइडिया से पूरी दुनिया में हड़कम्प मच गया था और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन माफिया ने भी अपनी बौखलाहट में प्रतिक्रियाएं दी थी।
पर्यटन किसी भी देश की आर्थिक व्यवस्था का सुदृढ़ आधार साबित हों सकता है,यदि इसके लिए सरकार के मजबूत संकल्प और राजनीतिक इच्छा शक्ति को अपने ही देश के नागरिकों और पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों का सही ढंग से साथ मिलें। एक जमाने में विश्व गुरु और सोने की चिड़िया माने जाने वाले भारत के मसालों की खुशबू में दर-दर भटका था पुर्तगाली अन्वेषक वास्को-डी-गामा। वास्को-डी-गामा ने 1498 में भारत के लिए समुद्री मार्ग की खोज की थी। आज भी, वास्को- डी- गामा की यात्रा को भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की उच्च स्तरीय समीक्षात्मक बैठक की अध्यक्षता करते हुए मंत्रालय की योजनाओं का विस्तार से फीडबैक लिया। इस महत्वपूर्ण बैठक में केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ उच्च अधिकारी भी उपस्थित रहे। केंद्रीय मंत्री शेखावत ने बताया कि भारत के पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए आयोजित इस समीक्षा बैठक में प्रधानमंत्री मोदी जी ने मार्गदर्शन देते हुए कई नवाचारों को अपनाने के सुझाव भी दिए। शेखावत ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी, पर्यटन विकास को देश के सामाजिक-आर्थिक जीवन में सुधार से जोड़ते है। इसलिए वे भारत को दुनिया का एक विश्वसनीय और सुविधाजनक पर्यटन केंद्र बनाने की नीति में निरंतर सुधार को प्रोत्साहन देने के साथ ही हर बार नए ‘इंक्रेडिबल आइडिया’ देते हैं।
शेखावत ने बताया कि भारत को दुनिया का विश्वसनीय और सुविधाजनक पर्यटन केंद्र बनाने में मोदी सरकार की विभिन्न योजनाएं भी अहम भूमिका निभा रहीं हैं। जिसमें प्रसाद और स्वदेश दर्शन योजनाएं खास भूमिका निभा रही हैं। प्रसाद योजना, तीर्थयात्रा का कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्द्धन का एक अभियान है, जिसका उद्देश्य देश के प्रमुख तीर्थ स्थलों का समग्र विकास करना है। जिससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिले और स्थानीय अर्थव्यवस्था भी सशक्त हो सके। इस योजना के तहत अब तक 48 परियोजनाओं को 1646.99 करोड़ रु. की मंजूरी दी जा चुकी हैं,जिनमें से 23 परियोजनाओं को पूरा किया जा चुका है। स्वदेश दर्शन योजना का उद्देश्य थीम आधारित पर्यटन सर्किटों का विकास करना है। अब तक इस योजना के तहत 76 परियोजनाओं को 5287.90 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई है, जिनमें से 75 परियोजनाएं पूरी की जा चुकी हैं। अतुल्य भारत अभियान के तहत मीट इन इंडिया पहल भी इस दिशा में अहम भूमिका निभा रही है।
केंद्र सरकार की इन योजनाओं के माध्यम से पर्यटन स्थलों का विकास,रोजगार सृजन, सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण और स्थानीय समुदायों की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है।इससे न केवल घरेलू,बल्कि अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या में भी वृद्धि हो रही है,बल्कि इससे भारत का पर्यटन क्षेत्र नई ऊंचाइयों को छू रहा है।
प्रसाद योजना का उद्देश्य तीर्थ स्थलों और धार्मिक महत्व वाले स्थानों के विकास के लिए है। इस योजना के तहत,सरकार तीर्थ स्थलों के बुनियादी ढांचे को विकसित करने और पर्यटन सुविधाओं को बढ़ाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है। वहीं स्वदेश दर्शन योजना का उद्देश्य भारत के विभिन्न पर्यटन स्थलों को विकसित करना और उन्हें विश्व स्तरीय बनाना है। इस योजना के तहत, सरकार पर्यटन स्थलों के बुनियादी ढांचे को विकसित करने,पर्यटन सुविधाओं को बढ़ाने और स्थानीय समुदायों को लाभ पहुंचाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है।इन योजनाओं के माध्यम से मोदी सरकार पर्यटन क्षेत्र में वृद्धि करना, रोजगार के अवसर बढ़ाना,देश की सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत का संरक्षण करने के साथ ही स्थानीय समुदायों का विकास और उनके जीवन स्तर में सुधार करना है।
भारत में पिछले वर्षों में पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। वर्ष 2023-24 के अनुसार लगभग 95.2 लाख विदेशी पर्यटकों ने भारत का दौरा किया,जो पिछले दो वर्षों की तुलना में 47.9 प्रतिशत अधिक था, जोकि 2022 की इसी अवधि की तुलना में 106 प्रतिशत अधिक है। देशी पर्यटकों की बात करें तो वर्ष 2022 में घरेलू पर्यटन की संख्या 173.1 करोड़ थी, जो 2021 की 67.7 करोड़ की तुलना में काफी अधिक थी। धारा 370 के हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में 2023 में 2.11 करोड़ से अधिक पर्यटक और 2024 में 2.35 करोड़ से अधिक पर्यटक आए, जिनमें क्रमशः 55,337 और 65,452 विदेशी पर्यटक भी शामिल थे। हालाँकि बाईस अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमलें और भारत पाक तनाव के बाद वहाँ पर्यटन को थोड़ा धक्का अवश्य लगा है।
भारत,विश्व पर्यटन में अपनी स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन के मई 2024 के आंकड़ों के अनुसार,भारत 2023 में अंतरराष्ट्रीय पर्यटक आगमन के मामले में वैश्विक स्तर पर 24वें स्थान पर रहा। वर्ष 2023 में भारत में 1.889 करोड़ अंतरराष्ट्रीय पर्यटक आए,जो 2022 के 1.433 करोड़ पर्यटकों की तुलना में लगभग 31.9 प्रतिशत की वृद्धि है ।
इसके अतिरिक्त, भारत का वैश्विक पर्यटन आगमन में हिस्सा 1.5 प्रतिशत रहा और पर्यटन से प्राप्त अंतरराष्ट्रीय राजस्व में भारत का हिस्सा 2.1 प्रतिशत था । यह इंगित करता है कि भारत न केवल अधिक पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है, बल्कि प्रति पर्यटक अधिक राजस्व भी प्राप्त कर रहा है। विश्व आर्थिक मंच द्वारा प्रकाशित ट्रैवल एंड टूरिज्म डेवलपमेंट इंडेक्स-2024 में भारत 119 देशों में 39 वें स्थान पर है। हालांकि, यह रैंकिंग 2021 में प्रकाशित पिछले सूचकांक में 54 वीं थी। इन आंकड़ों से संकेत मिलते है कि भारत वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर तेजी से उभर रहा है और भविष्य में इसकी स्थिति और भी सुदृढ़ होने की संभावना है।
केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत राजस्थान की राजधानी जयपुर के बाद राज्य के दूसरे सबसे बड़े और खूबसूरत शहर जोधपुर के बाशिंदे है। वैसे भी राजस्थान का विश्व पर्यटन मानचित्र पर एक खास स्थान है लेकिन, खुली कला दीर्घा माने जाने वाले राजस्थान को हेरिटेज प्रदेश का दर्जा तथा हेरिटेज विकास के लिए केन्द्र सरकार से अतिरिक्त धन दिला कर राजस्थान को देश विदेश में पर्यटन का सिरमौर प्रदेश बनाया जा सकता है। राजस्थान की भजन लाल सरकार ने भी हेरिटेज और पर्यटन का महत्व समझने वाली उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी को अपना पर्यटन मन्त्री बनाया है। उम्मीद है केन्द्र और राज्य की डबल इंजन सरकार से राजस्थान में भी पर्यटन विकास को नए पँख लगेंगे।