विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने बृहस्पतिवार को कहा कि निर्वाचन आयोग को सपा और राजद की मान्यता रद्द कर देनी चाहिए क्योंकि उन्होंने रामचरितमानस पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं करके उन ‘बुनियादी शर्तों' का उल्लंघन किया है जिनके तहत उन्हें राजनीतिक दलों के रूप में पंजीकृत किया गया था। संगठन ने एक बयान में कहा कि विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने इस मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करने और समाजवादी पार्टी (सपा) तथा राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का पंजीकरण रद्द करने का आग्रह करने के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार से मिलने का समय मांगा है। कुमार ने आरोप लगाया‚ ‘रामचरित मानस का अपमान करने के सपा के स्वामी प्रसाद मौर्य के हाल के बयान और इसके पन्नों को जलाया जाना भारत के नागरिकों के एक बड़़े वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का जानबूझकर किया गया दुर्भावनापूर्ण कृत्य है।' उन्होंने दावा किया कि तथ्य यह है कि मौर्य को उनकी टिप्पणी के तुरंत बाद सपा द्वारा महासचिव के पद पर पदोन्नत किया गया जो यह साबित करता है कि उनके बयान को उनकी पार्टी का समर्थन प्राप्त है।