1. बड़े भाई के देहदान से प्रेरित थे,कर गये अपना नेत्रदान
2. घर में परंपरा बनाएंगे नेत्रदान अंगदान
आज से 2 वर्ष पूर्व बाराँ निवासी रेवती ठाकुर जी के निधन के उपरांत उनके परिवार के सदस्यों ने उनका नेत्रदान और देहदान का कार्य संपन्न कराया था,उसी समय रेवती जी के गुमानपुरा निवासी भाई प्रदीप ठाकुर 'राजा बाबू' (62 वर्ष ) ने अपने सामने नेत्रदान और देहदान की सारी प्रक्रिया को देखा था,और परिवार के सदस्यों को अपने नेत्रदान करवाने की इच्छा जता दी थी ।
आज इन्हीं प्रदीप ठाकुर जी आकस्मिक निधन हो गया प्रदीप जी की अंतिम इच्छा के अनुसार उनके बेटे प्रकाश ने अपने पिता के नेत्रदान करवाने के लिए शाइन इंडिया फाउंडेशन को संपर्क किया ।
ईबीएसआर कोटा चैप्टर के टेक्नीशियन और पैन इंडिया फाउंडेशन के सहयोग से प्रदीप ठाकुर जी का नेत्रदान परिवार के सभी सदस्यों और रिश्तेदारों के बीच संपन्न हुआ नेत्रदान प्रक्रिया के दौरान परिवार के सदस्यों को यह संतोष था कि जो उनके मन की इच्छा थी वह अंत समय में पूरी हो सकी अब राजा बाबू एक राजा की तरह ही किसी और की आंखों में जीवित बनकर रह सकेंगे ।
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