नई दिल्ली। कांग्रेस के हाल ही में संपन्न चिंतन शिविर को पार्टी में सुधार और पुनरुûत्थान की कवायद करार देते हुए वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने बुधवार को कहा कि कई पार्टी नेताओं की इच्छाओं के अनुरूप इस ‘प्रक्रिया' के परिणामों को देखना अभी बाकी है। पार्टी के ‘जी २३' के सदस्य थरूर ने यह भी कहा कि राहुल गांधी अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस के ज्यादातर कार्यकर्ताओं की पहली पसंद है‚ हालांकि उन्होंने (राहुल) इस जिम्मेदारी को ग्रहण करने का संकेत नहीं दिया है । उनका कहना है कि पार्टी में ‘सुधारवादी' लोग चाहते थे कि विचार–विमर्श की प्रक्रिया का विस्तार हो‚ जहां कोई निर्णय किए जाने से पहले व्यापक स्तर पर लोगों की बात सुनी जाए। उन्होंने कहा‚ अगर प्रस्तावित सलाहकार समूह में इस तरह की चर्चा होती है तो मकसद पूरा हो जाएगा। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि आगे देखना होगा कि क्या होता है। थरूर ने कहा‚ संसदीय बोर्ड़ को फिर से बनाने और कार्य समिति का चुनाव कराने जैसे प्रस्तावों का मकसद नई आवाज को सामने लाना था। इस तरह की चर्चा के बाद आखिरी निर्णय हमेशा नेतृत्व का ही होता है।