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भारतीय मूल्यों के आधार पर हो पत्रकारिता: प्रो. द्विवेदी

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18 May 22
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डॉ. प्रभात कुमार सिंघल

भारतीय मूल्यों के आधार पर हो पत्रकारिता: प्रो. द्विवेदी

लखनऊ, भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी), नई दिल्ली के महानिदेशक *प्रो. संजय द्विवेदी* ने कहा है कि भारत की पत्रकारिता का भारतीयकरण किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भारतीय मूल्यों के आधार पर होने वाली पत्रकारिता से ही नवभारत का निर्माण होगा। प्रो. द्विवेदी *नारद जयंती* के अवसर पर *देवर्षि नारद जयंती आयोजन समिति, लखनऊ* द्वारा *'पत्रकार का लोकधर्म और देवर्षि नारद'* विषय पर आयोजित संगोष्ठी को संबो​धित कर रहे थे। लखनऊ के *अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान, गोमती नगर* में आयोजित इस कार्यक्रम में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ के कुलपति *प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र* एवं वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार *श्री नरेंद्र भदौरिया* ने भी हिस्सा लिया।
     कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के तौर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए प्रो. द्विवेदी ने कहा कि नारद जी लगातार प्रवास करते थे। आज पत्रकारों को उनके इस गुण से सीखना चाहिए। पत्रकार अगर बैठ जाएगा, तो समाज से उसका संपर्क टूट जायेगा। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता में विश्वसनीयता और प्रामाणिकता का संकट है। पश्चिम के मूल्यों के कारण मीडिया में नकारात्मकता का भाव आया है। आज पत्रकार होने का मतलब ही नकारात्मकता को खोजना हो गया है। इसका कारण है कि हम अपने मूल्यों को भूलकर पश्चिम की पत्रकारिता को अपना रहे हैं।
      आईआईएमसी के महानिदेशक के अनुसार आज समाज के हर वर्ग में गिरावट आई है। समाज से अलग पत्रकारिता नहीं हो सकती। इसलिए सारी अपेक्षाएं पत्रकारों से करना ठीक नहीं है। प्रो. द्विवेदी ने कहा कि पत्रकारों के अंदर सामाजिक सरोकार और समाज के लिए कुछ करने की संवेदना होती है। पत्रकारिता कठिन मार्ग है। अपनी जान को जोखिम में डालकर पत्रकार पत्रकारिता करते हैं। आजादी के आंदोलन में भी पत्रकारों ने अहम भूमिका निभाई थी।
    कार्यक्रम के मुख्य अतिथि *डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ* के *कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र* ने कहा कि भारत को आगे बढ़ना है, तो विद्यार्थीपरक शिक्षा होनी चाहिए, मातृ सत्तात्मक परिवार होना चाहिए और समाज ज्ञानपरक होना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के निर्माण में पत्रकारिता का बड़ा योगदान है, लेकिन मीडिया में नवाचार की भी आवश्यकता है।
         कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए *वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार श्री नरेंद्र भदौरिया* ने कहा कि नारद जी पत्रकार ही नहीं, बल्कि वेदों के प्रसारक भी थे। वैदिक वांग्मय से ही भारतीय संस्कृति समृद्ध हुई है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने हमारे इतिहास को कलंकित किया है, उन्हें इतिहास से बाहर करना होगा। 
       कार्यक्रम की प्रस्तावना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, अवध प्रांत के प्रचार प्रमुख *डॉ. अशोक दुबे* ने रखी। संगोष्ठी का संचालन वरिष्ठ पत्रकार *श्री सर्वेश सिंह* ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ठ पत्रकार *श्री पी.एन. द्विवेदी* ने किया। इस अवसर पर रॉबर्ट्सगंज के विधायक *श्री भूपेश चौबे*, भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश महामंत्री *श्री हर्षवर्धन सिंह*, सिंधी अकादमी के उपाध्यक्ष *श्री नानक चंद लखमानी*, बाल आयोग के सदस्य *श्री श्याम त्रिपाठी*, विश्व संवाद केंद्र के *श्री मनीष कुमार* एवं *डॉ. शैलेष* भी प्रमुख रूप से उपस्थित थे।


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