नई दिल्ली :- चित्तौडगढ सांसद सी.पी.जोशी ने आज लोकसभा की कार्यवाही में शुन्य काल के दौरान भाग लेते हुये संसदीय क्षेत्र चित्तौडगढ समेत पुरे राजस्थान में इस वर्ष भारी बारीश के कारण हुये फसल खराबे पर राजस्थान सरकार की उदासीनता व भेदभाव कर किसानों को उनका हक नही मिलने के संबध में विषय रखा।
सांसद जोशी ने सदन में इस संबध में किसानों का पक्ष रखते हुये बताया की संसदीय क्षेत्र के चित्तौडगढ़-प्रतापगढ समेत पुरे राजस्थान में इस वर्ष भारी बारीश हुयी।
पिछले कार्यकाल में जब राजस्थान में वसुन्धरा राजे की सरकार थी उस समय भी भारी बारीश के कारण फसल खराबे पर तीन दिवस विधानसभा बन्द कर जनप्रतिनिधीयों को अपने क्षेत्रों मे फसल खराबे के जायजे के लिये भेजा था, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने पहली बार किसानों की समस्या को समझते हुये संसद में कानुन बनाकर 50 प्रतिशत फसल खराबे का नियम परिवर्तीत कर उसे 33 प्रतिशत किया गया जिसके कारण किसानों के खातों में करोडो रूपये की राशि भारत सरकार के द्वारा एनडीआरएफ व एसडीआरएफ के माध्यम से पंहुची थी।
इस वर्ष भी चित्तौडगढ संसदीय क्षेत्र समेत राजस्थान में कई बार एक ही दिन में 8 से 10 इंच तक की भारी बारीश हुयी, प्रतापगढ़ जिले में तो सवा सौ इंच तक की रिकार्ड बारीश हुयी जो की उम्मीद से परे हैं , कई किसानों के खेतों में अभी भी पानी भरा पड़ा है।
सांसद जोशी ने सदन के माध्यम से सरकार से मांग करी की किसानों की मांग पर राज्य सरकार ने गिरदावरी करना तो प्रारंभ किया हैं लेकिन इस प्रकार से अधिकारीयों को निर्देशित किया जा रहा हैं की गिरदावरी में 30 से 32 प्रतिशत तक का खराबा प्रदर्शित हो रहा जबकी वास्तविक खराबा वहॉ पर 80 प्रतिशत से ज्यादा हुया है, इस हेतु पहलें की भातिं भारत सरकार से एक टीम आये एवं जो वास्तविक फसल खराबा हुया उसका आंकलन किया जाये जिससे किसानों को उनके हक की राशि मिल सके।
इसके साथ ही संसदीय क्षेत्र में अफीम किसानों के लिये भी इस वर्ष प्रतिकुल मौसम के कारण अफीम में मार्फीन अपेक्षित नही प्राप्त हो पायी है सांसद जोशी ने सदन के माध्यम से सरकार से आग्रह किया की किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुये यदि सरकार के द्वारा मार्फीन में कमी कि जाती हैं तो इससे किसानों का भला होगा।
Source :