उपभोक्ता कार्य विभाग सचिव ने कल नयी दिल्ली में उच्चस्तरीय बैठक की और कैबिनेट सचिव को प्याज की उपलब्धता और कीमतों की मौजूदा स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने प्याज के निर्यात पर पाबंदी लगाने और व्यापारियों के लिए भंडारण सीमा तय करने सहित अबतक की कार्रवाई की भी जानकारी दी। उपभोक्ता कार्य विभाग देशभर में प्याज की उपलब्धता और कीमतों पर बारीकी से नज़र रख रहा है। मूल्य कम करने और उपलब्धता बढ़ाने के लिए कई फैसले किये गये हैं। धातु और खनिज व्यापार निगम-एमएमटीसी से दुबई और अन्य देशों से तुरन्त प्याज आयात करने को कहा गया है। घरेलू स्तर पर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए निविदा में लगने वाला समय कम करने की भी मंजूरी दी गई है। इस बारे में एक निविदा जारी कर दी गई है।
एमएमटीसी, नेफेड तथा कृषि और उपभोक्ता कार्य मंत्रालय के अधिकारियों की टीम को तुर्की और मिस्र जाकर इन देशों में प्याज की आपूर्ति और भारत में इसके आयात का जायजा लेने को कहा गया है। नेफेड से घरेलू खरीद बढ़ाने को कहा गया है।
उपभोक्ता कार्य मंत्रालय ने दिल्ली और राजस्थान सरकार तथा कृषि उत्पाद बाजार समितियों से इस महीने की नौ से 12 तारीख तक मंडियां खुली रखने का आग्रह किया है ताकि आपूर्ति में कोई बाधा न आये। केन्द्र, राज्य सरकारों के लगातार संपर्क में है। राज्य सरकारों से उनकी मांग के आकलन के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये परामर्श किया जा रहा है।
दिल्ली, महाराष्ट्र और राजस्थान में उन व्यापारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी जो एक-दूसरे से साठगांठ कर कीमतों को प्रभावित करने की कोशिश में लगे हैं।