उदयपुर : महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के संघटक राजस्थान कृषि महाविद्यालय, उदयपुर के नूतन सभागार में ’’राष्ट्र निर्माण में युवाओं द्वारा पंच परिवर्तन का अनुसरण’’ विषयक व्याख्यान का सफल आयोजन किया गया ।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं वक्ता श्री निंबाराम जी, क्षेत्र प्रचारक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, राजस्थान क्षेत्र ने कार्यक्रम के दौरान बताया कि वर्तमान परिस्थितियों में जब सीमा पर युद्ध जैसे हालात चल रहे है तब भारत की युवा शक्ति पंच परिवर्तन के आयामों यथा नागरिक कर्तव्य, स्व का बौध, सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण एवं कुटुम्ब प्रबोधन का मन के अन्तःकरण से अनुसरण कर राष्ट्र की एकता, सुरक्षा एवं अखंडता में महत्वपूर्ण भागीदारी निभा सकती है क्योंकि जिन संस्कृति एवं सभ्यताओं में नागरिकों ने उदासीन रवैया अपनाया है वो हमेशा के लिये विलुप्त हो गई है ।
मप्रकृप्रौविवि, उदयपुर एवं जय नारायणव्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर के कुलपति डाॅं0 अजीत कुमार कर्नाटक ने अपने सम्बोधन में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पिछले 100 वर्षो से राष्ट्र निर्माण में अनवरत जारी प्रयासों एवं सत्त योगदान की सराहना करते हुये युवाओं से आह्वान किया कि वे राष्ट्र निर्माण में तन-मन-धन से जुड़ कर कृषि क्षेत्र के सम्पूर्ण विकास में अपनी भागीदारी निभायें ।
समारोह के विशिष्ठ अतिथि श्री परमानन्द जी, प्रान्त संघटन मन्त्री, भारतीय किसान संघ, चित्तौड़ प्रान्त ने बताया कि भारत एक कृषि प्रधान देश है, जिसमें कृषि विकास एवं राष्ट्र निर्माण में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है । उन्होने वर्तमान युग में कृषि रसायनों के दुष्प्रभावों पर प्रकाश डालते हुये कृषि उत्पादन में इन विषैले रसायनों का उपयोग रोकने व पारम्परिक खेती के महत्व पर बल दिया तथा युवाओं को कृषि क्षेत्र में स्वरोजगार अपना कर देश की आर्थिक प्रगति में सहभागिता निभाने का आह्वान किया ।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के अधिष्ठाता डाॅं0 आर.बी. दुबे द्वारा उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत करते हुये महाविद्यालय के द्वारा कृषि शिक्षा, अनुसंधान एवं प्रसार गतिविधियों के साथ ही महत्वपूर्ण उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुये राष्ट्र निर्माण में युवाओं द्वारा पंच परिवर्तन के विभिन्न आयामों का अनुसरण करने को आज के समय की जरूरत बताया ।
कार्यक्रम के अन्त में महाविद्यालय के सहायक अधिष्ठाता छात्र कल्याण डाॅं0 एस.एस. लखावत द्वारा सभी गणमान्य अतिथियों, विश्वविद्यालय प्रबन्ध मण्डल एवं वरिष्ठ अधिकारी परिषद सदस्यों, संकाय सदस्यों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों का आभार व्यक्त किया गया । कार्यक्रम का संचालन डाँ0 के.डी आमेटा, आचार्य एवं विभागाध्यक्ष, उद्यान विज्ञान विभाग ने किया ।