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कुलगुरु प्रोफेसर प्रताप सिंह ने डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय का किया निरीक्षण

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29 Oct 25
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कुलगुरु प्रोफेसर प्रताप सिंह ने डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय का किया निरीक्षण

उदयपुरमहाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय में 29.10.2025 बुधवार को कुलगुरु प्रोफेसर प्रताप सिंह ने विभागीय सुविधाओं का निरीक्षण किया और छात्रों-शिक्षकों को शैक्षणिक एवं शोध उन्नयन के लिए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय में उपलब्ध टमाटर, आइसक्रीम और बेकरी प्रसंस्करण इकाइयों का उपयोग अब शिक्षण से आगे बढ़कर उद्योग साझेदारी, राजस्व सृजन और स्टार्ट-अप संवर्धन की दिशा में किया जाना चाहिए ताकि विद्यार्थी सीधे बाज़ार और उद्योग की मांग को समझते हुए सीख सकें।

कुलगुरु ने अनुसंधान गतिविधियों में जनजातीय क्षेत्रों में उपलब्ध अल्पउपयोगी (Underutilised) फल,  सब्ज़ियों एवं दलहन जैसे तिमरू, फालसा, जामुन एवं सोयबीन पर विशेष रूप से अध्ययन और वैल्यू एडिशन करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि स्थानीय संसाधनों पर आधारित उत्पाद विकास से इन फलों को बाजार में उचित पहचान मिलेगी, जनजातीय उत्पादकों को बेहतर मूल्य प्राप्त होगा और ग्रामीण स्तर पर एफपीओ एवं स्वयं सहायता समूहों (SHGs) के माध्यम से रोजगार एवं उद्यमिता के अवसर बढ़ेंगे। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि अनुसंधान में प्राकृतिक एवं स्वास्थ्यवर्धक अवयवों को प्राथमिकता देकर कृत्रिम स्वीटनरों पर निर्भरता कम करनी चाहिए।

 

निरीक्षण के दौरान प्रो. सिंह ने रसायन विज्ञान और सूक्ष्मजीव विज्ञान विभागों का भी अवलोकन किया। उन्होंने प्रयोगशाला उन्नयन के लिए आधुनिक उपकरणों एवं उच्चस्तरीय सुरक्षा सुविधाओं से युक्त परियोजना प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने छात्रों को वैश्विक ज्ञान-संसाधनों से जोड़ने हेतु डिजिटल लाइब्रेरी और ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म को और अधिक सुदृढ़ बनाने पर भी ज़ोर दिया।

उन्होंने कहा कि महाविद्यालय के कौशल विकास कार्यक्रमों का विशेष ध्यान जनजातीय बेल्ट के ग्रामीण युवाओं को खाद्य प्रसंस्करण, विपणन कौशल और उद्यम प्रबंधन से जोड़ने पर होना चाहिए, जिससे वे स्वयं के स्टार्ट-अप स्थापित कर समुदाय के आर्थिक विकास में भूमिका निभा सकें।

अपने दौरे के समापन पर प्रो. सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि दूध एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय नवाचार, अनुसंधान, उद्योग सहयोग एवं सामाजिक विकास के क्षेत्र में एक उत्कृष्ट मॉडल के रूप में स्थापित होगा और विश्वविद्यालय इसकी प्रगति के लिए संपूर्ण सहयोग प्रदान करेगा।

 


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