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“पाकिस्तान का व्यवहार मानवता पर कलंक हैः डॉ. आचार्य धनंजय”

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19 Feb 19
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“पाकिस्तान का व्यवहार मानवता पर कलंक हैः डॉ. आचार्य धनंजय”

कश्मीर के पुलवामा में सेना के 40 से अधिक शहीदों को आर्यसमाज की ओर से गांधी पार्क में यज्ञ करके श्रद्धांजलि दी गई। यह आयोजन आर्य उप-प्रतिनिधि सभा, देहरादून की ओर से आयोजित किया गया। देहरादून के अधिकांश आर्यसमाजों के प्रतिनिधि आर्यसमाज-प्रेमी इस आयोजन में सम्मिलित हुए। आयोजन में वैदिक साधन आश्रम तपोवन के यशस्वी मंत्री श्री प्रेम प्रकाश शर्मा, आर्ष गुरुकुल पौंधा के यशस्वी आचार्य डॉ. धनंजय आर्य तथा द्रोणस्थली कन्या गुरुकुल की विदुषी आचार्या डॉ. अन्नपूर्णा जी उनकी शिष्याओं सहित आर्यसमाज सुंभाष नगर, देहरादून के अनेक अधिकारी, आर्यसमाज लक्ष्मण चौक, आर्यसमाज धामावाला आदि के प्रतिनिधि यज्ञ के आयोजन में सम्मिलित उपस्थित थे। आर्यसमाज के विद्वान पुरोहित पं. रणजीत शास्त्री जी ने यज्ञ का पौरोहित्य किया। पुराहित जी गुरुकुल एटा के स्नातक हैं। आर्यसमाज धामावाला देहरादून के विद्वान पुरोहित एवं सुमधुर भजनोपदेशक पं. विद्यापति आर्य शास्त्री, पं. उम्मेद सिंह विशारद आदि अनेक विद्वान पुरोहित भी इस आयोजन में उपस्थित थे। यज्ञ में सभी लोगों ने आहुतियां देकर देश के वीर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। यज्ञ के बाद अनेक विद्वानों ने आर्य बहिन-भाईयों को सम्बोधित भी किया।

 

                आर्ष गुरुकुल पौंधा के आचार्य डॉ. धनंजय आर्य ने कहा कि पाकिस्तान का व्यवहार मानवता पर कलंक है। पाकिस्तान हमारे शान्ति पूर्ण देश में अस्थिरता अशान्ति पैदा करना चाहता है। वह अपने जन्म काल से ही ऐसा करता रहा है। हमारे देश के अनेक लोग भी पाकिस्तान की इस साजिश और अनैतिक व्यवहार में उसका सहयोग कर रहे हैं। पाकिस्तान का उद्देश्य भारत का विद्यटन करना तथा कश्मीर को हथियाना है। आचार्य धनंजय जी ने कहा कि हमें आपस में बंटना नहीं है। उन्होंने श्रोताओं से पूछा कि कुछ दिनों पहले जो बुद्धिजीवी अपने पुरस्कार अवार्ड लौटा रहे थे वह कहां चले गये हैं? उन्होंने पूछा कि देश में असहिष्णुता की झूठी बातें कर देश को कमजोर करने वाले लोग अब कहां चले गये हैं? उनकी बोलती बन्द क्यों हो गई है? इसका उत्तर देते हुए डॉ. आचार्य धनंजय ने कहा कि उनकी बोलती इस लिये बन्द है कि हम सब एक जुट हो गये हैं। हमें इसी प्रकार से एकजुट रहना है जिससे विघटनकारी शक्तियां देश में सिर उठा सकें।

 

                आचार्य डॉ. धनंजय ने कहा कि आर्यसमाज ने देश की आजादी के आन्दोलन में सक्रिय भूमिका निभाई है और सबसे ज्यादा शहादतें दीं हैं। देश की आजादी के आन्दोलन में आर्य सत्याग्रहियों क्रान्तिकारियों की संख्या लगभग अस्सी प्रतिशत थी। उन्होंने भावभीने शब्दों में सभी शहीदों को आर्यसमाज की ओर से श्रद्धांजलि दी। आचार्य जी ने कहा कि देश के लोग विवेक खोयेंं और अपनी भावनाओं को नियंत्रण में रक्खें। उन्होंने कहा कि हमारी केन्द्र की मजबूत सक्षम सरकार पुलवामा जैसी घटनाओं की चिन्ता कर रही है और शीघ्र समुचित कार्यवाही होगी।

 

                द्रोणस्थली कन्या गुरुकुल की आचार्या डॉ. अन्नपूर्णा जी ने कहा कि भारत माता वा देश की रक्षा करना हमारा पुनीत कर्तव्य धर्म है। उन्होंने कहा कि कांटे को कांटे की सहायता से ही निकाला जा सकता है। आचार्या जी ने शहीदों के परिवारों की भावानाओं का मार्मिक एवं सजीव चित्रण किया। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों के इस कृत्य के लिये उन्हें कठोरतम दण्ड दिया जाना उचित है। उनका यह कृत्य किसी भी अवस्था में क्षमायोग्य नहीं है। हमें आतंकवादियों की इस क्रूरतम अमानवीय घटना का जवाब देना है। उन्होंने कहा कि हमें अपने तन, मन धन से अपने सैनिक शहीद परिवारों की सहायता करनी चाहिये। हम देश से आतंकवाद को दूर करने में अपने श्रम धन से जो भी कर सकते हों, हमें करना चाहिये। इस अवसर पर लोगों ने वन्दे मातरम और भारत माता की जय के नारे भी लगाये।

 

                डीएवी महाविद्यालय की संस्कृत विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. सुखदी सोलंकी जी ने सभी शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि हमारे देश में चीन की बनी हुई वस्तुओं को खरीदा जाता है। चीन हमारा मित्र राष्ट्र नहीं अपितु शत्रु राष्ट्र पाकिस्तान का सहयोगी मित्र है। वह पाकिस्तान की मदद करता है। यदि हम चीन का सामान खरीदना बन्द करदें तो इससे चीन की कमर टूट जायेगी और पाकिस्तान भी दुस्साहस नहीं कर सकेगा। उन्होंने सबको शपथ लेने को कहा कि हम चीन का कोई भी सामान किसी भी स्थिति में नहीं खरीदेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि चीन हमारा हितैषी नहीं है। हम उसका सामान खरीदकर उसे आर्थिक दृष्टि से मजबूत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि चीन का सामान खरीदना बन्द करने से उसका आर्थिक ढांचा कमजोर होगा तो उसे अकल आयेगी। डॉ. सुखदा जी ने कहा कि आप अपने मित्र सम्बन्धियों को चीन का सामान खरीदने की प्रेरणा करें। डॉ. सुखदा सोलंकी जी ने कहा कि जो हमारे साथ बुरा व्यवहार करेगा उसे हम नहीं बखसेंगे। उन्होंने सभी बन्धुओं से शहीद परिवारों की सहायता करने का आह्वान किया। उन्होंने मार्मिक शब्दों में कहा कि कल जब कश्मीर के एक अन्य शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट का शव देहरादून अपने पैतृक घर पर आया तो उसके पिता ने कहा कि मेरा सब कुछ समाप्त हो गया है। डॉ. सुखदा सोलंकी जी ने यह भी कहा कि हम लोग कमजोर तब होते हैं कि जब हमारे ही लोग हमारे दुश्मनों का साथ देते हैं। हमें ऐसे लोगों को कमजोर करना है।

 

                श्री पी.डी. गुप्ता ने कहा कि हमारी पेंशन एसोसियेशन के एक लाख सदस्य हैं। हम लोग प्रति व्यक्ति पांच सौ रूपये का संग्रह कर शहीद परिवारों की सहायता करेंगे। उन्होंने कहा कि हमने प्रधान मंत्री गृहमंत्री जी को पत्र लिख कर पत्थरबाजों को भी आतंकवादी मान कर उनके विरुद्ध कठोर  कार्यवाही करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि देश की सेवन सेना को मारने वाले पत्थरबाज भी आतंकवादी हैं और इन्हें भी गोली मारी जाये। आर्य विद्वान नेता श्री उम्मेदसिंह विशारद जी ने कहा कि सारा देश शहीदों का कर्जदार रहेगा।

 

                कार्यक्रम के अन्त में दो मिनट का मौन रख कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। शान्तिपाठ, शहीदों के प्रति जिन्दाबाद तथा पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारों के साथ यह श्रद्धांजलि सभा समाप्त हुई। ओ३म् शम्।

-मनमोहन कुमार आर्य

पताः 196 चुक्खूवाला-2

देहरादून-248001

फोनः09412985121


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