समरस संस्थान साहित्य सृजन भारत की जिला कोटा इकाई द्वारा बल्लभबाड़ी, गुमानपुरा में शनिवार को समरस संस्थान साहित्य सृजन भारत की जिला कोटा इकाई की ओर से डॉक्टर वैदेही गौतम के निवास पर आयोजित की गई। अध्यक्षता जितेंद्र निर्मोही ने की मुख्य अतिथि के रूप में रघुराज सिंह कर्मयोगी एवं विशिष्ठ अतिथि के रूप में सुरेश शर्मा एवं कालीचरण राजपूत उपस्थित रहे। संचालन विजय जोशी ने किया। अतिथियों ने मां शारदे के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया।
जितेंद्र निर्मोही ने "तुम्हारी दी हुई पायल रुनझुन सा खिलौना है, तुम्हारी मांग के सिंदूर ने आभा को चमकाया" प्रस्तुत की तो श्रोताओं ने खूब दाद दी। डॉ. वैदेही गौतम ने आस्था आधारित कविता " संयोग शृंगार की बेला में लेखनी उपहार बनी " प्रस्तुत की। शिखा अग्रवाल की गुरु शिष्य परम्परा पर रचित कविता " है ये अर्पण समर्पण की कहानी, है ये गुरु ज्ञान की कहानी" ने तो मंच ही लूट लिया। साधना शर्मा ने अपने गीत " जिंदगी की दौड़ में बढ़ते ही जाइए, बेटियों पर बिजलियां यूं न गिराइए " की मुक्तकंठ से सराहना हुई। रीता गुप्ता ने " गाऊ गीत मिलन के गली गली", अर्चना शर्मा ने " जिंदगी तू ही बता अब तुझे मैं क्या क्या दूं " प्रस्तुत कर दाद पाई। रघुवीर सिंह कर्मयोगी ने पर्यावरण से जोड़ कर रक्षाबंधन कविता निराले अंदाज में प्रस्तुत की। श्यामा शर्मा ने बचपन की यादें राजस्थानी गीत में सुना कर सब को बचपन याद दिला दिया। दीन बंधु परालिया ने " सब कुछ यहीं हैं" सुना कर स्वर्ग नरक का मर्म प्रस्तुत किया। विजय जोशी के ' रे बंधु रे तेरा कहां मुकाम ' गीत पर श्रोता झूम उठे। बबीता शर्मा ने पर्यावरण आधारित कविता प्रतुत की। रेणु सिंह राधे, डॉ. शशि जैन ने प्रेम आधारित और कालीचरण राजपूत ने ऑपरेशन सिंदूर पर रचित कविता सुनाई। सुरेश गुप्ता और राजेंद्र कुमार जैन ने गीत सुना कर संगोष्ठी में नया रंग भर सभी का खूब मनोरंजन किया। सरोज द्विवेदी और कुमुद गौतम ने पुराने जमाने की कविता और गीत प्रस्तुत कर भाव विभोर कर दिया।
समरस संस्थान की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. शशि जैन ने सभी का स्वागत किया। अतिथियों ने रघुराज सिंह कर्मयोगी, सुरेश शर्मा, बबीता, कालीचरण राजपूत और शिखा अग्रवाल का सम्मान पत्र भेंट कर सम्मानित किया। डॉ. वैदेही गौतम ने सभी के भाल पर तिलक लगा कर स्वागत किया और सरस्वती वंदना की । समरस संस्थान के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी और मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. प्रभात कुमार सिंघल ने सभी का आभार व्यक्त किया।