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कश्मीर की दुर्गम वादियों में निर्मित चिनाब रेलवे ब्रिज पेरिस स्थित एफिल टॉवर से भी 35 मीटर ऊंचा

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07 Jun 25
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कश्मीर की दुर्गम वादियों में निर्मित चिनाब रेलवे ब्रिज पेरिस स्थित एफिल टॉवर से भी 35 मीटर ऊंचा

भारत ने शुक्रवार को एक नया कीर्तिमान स्‍थापित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्‍मू-कश्‍मीर में बने विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज 'चिनाब ब्रिज' को देश को समर्पित किया। यह पुल चिनाब नदी पर बना है और इसकी ऊंचाई 359 मीटर है। यह 1,315 मीटर लंबा स्टील आर्च ब्रिज है, जिसे इस तरह से बनाया गया है कि यह भूकंप और तेज हवाओं को भी झेल सकता है। यह पुल पेरिस स्थित ऐतिहासिक एफिल टॉवर से भी 35 मीटर ऊंचा है। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी हाथ में तिरंगा लेकर चिनाब ब्रिज पर चलते हुए नजर आए। ये बुलंद भारत का एक अद्भुत नजारा था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर को बड़ी सौगात दी है। उन्होंने चिनाब पुल और अंजी पुल का लोकार्पण किया जिसका सपना करोड़ों भारतवासी वर्षों से देख रहे थे। इसके बाद उन्‍होंने कटरा से श्रीनगर को जोड़ने वाली वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। मोदी ने कश्‍मीर पहुंचकर परियोजना पर काम करने वाले लोगों के साथ  बातचीत कर उनकी हौंसला अफजाई की। यह ऐतिहासिक पुल देश का पहला ऐसा रेलवे ब्रिज है जो केबल स्टेड तकनीक पर बना है। यह ऐतिहासिक पुल न सिर्फ कश्मीर घाटी को पूरे भारत से जोड़ेगा, बल्कि क्षेत्र में व्यापार, पर्यटन और औद्योगिक विकास को भी नई गति देगा। 

चिनाब रेल्वे ब्रिज,भारतीय इंजीनियरों का कमाल है। यह दुनिया का सबसे ऊंचा रेल आर्च ब्रिज है तथा देश के भूकंपीय क्षेत्र पांच में स्थित है । यह ब्रिज दो पहाड़ों के बीच बना है,जहां तेज हवाओं की वजह से विंड टनल फिनोमेना देखा जाता है। इस चुनौती को ध्यान में रखते हुए, ब्रिज को 260 किलोमीटर प्रति घंटा की हवा की गति का सामना करने के लिए डिजाइन किया गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को जब चिनाब रेलवे ब्रिज का उद्घाटन करने पहुंचें तो सबसे पहले उन्होंने  दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज का मुआयना किया। पहलगाम आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बारजम्मू-कश्मीर दौरे पर पहुंचे थे। यह ब्रिज जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में चिनाब नदी के ऊपर बनाया गया है। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अंजी ब्रिज का भी उद्घाटन किया। अंजी ब्रिज,भारत का पहला केबल रेल ब्रिज है। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कटरा-श्रीनगर वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई, जो घाटी को शेष भारत से जोड़ने वाली पहली ट्रेन है। इस ट्रेन के जरिये जम्मू से श्रीनगर का रास्ता केवल 3 घंटे का रह जाएगा।पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर में 46 हजार करोड़ की विकास परियोजनाओ का उद्घाटन भी किया।प्रधानमंत्री ने कटरा रेलवे स्टेशन पर कटरा-श्रीनगर वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाने से पहले ट्रेन के यात्रियों और चालक दल के सदस्यों से बातचीत की।उद्घाटन से पहले, प्रधानमंत्री मोदी चिनाब नदी पर बने विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे पुल के निकट स्थित ‘व्यू प्वाइंट’ पर पहुंचे और  नदी से 359 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इंजीनियरिंग के उत्कृष्ट नमूने के
को देखा। प्रधानमंत्री ने केंद्रीय मंत्रियों अश्विनी वैष्णव, जितेंद्र सिंह और जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के साथ इस प्रतिष्ठित पुल के पास स्थापित रेलवे संग्रहालय का दौरा भी किया। केन्द्रीय रेल मंत्री वैष्णव ने पी एम मोदी को इस परियोजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी  और खूबियां बताई।

चिनाब ब्रिज उद्घाटन के बाद कटरा में आयोजित जनसभा में पीएम मोदी ने कहा कि इस प्रोजेक्‍ट के रास्‍ते में काफी चुनौतियां थीं, लेकिन माता वैष्णो देवी के आर्शीवाद से आज कश्मीर वादी भारत के एक अनूठे रेल नेटवर्क से जुड़ गई है।
उन्होंने कहा  कि उधमपुर, श्रीनगर, बारामूला, ये रेल लाइन प्रोजेक्ट  सिर्फ नाम नहीं है, भारत और जम्‍मू-कश्‍मीर के नए सामर्थ्य की पहचान है। इस प्रोजेक्‍ट के रास्‍ते में काफी चुनौतियां थीं, लेकिन हमने सभी चुनौतियों को पार करते हुए इस काम को पूरा किया। कश्मीर से कन्याकुमारी अब रेलवे के लिए हकीकत बन गया है, जो कभी सपना हुआ करता था।  ये कार्यक्रम भारत की एकता और इच्छाशक्ति का विराट उत्सव है।

इस अवसर पर ले. गवर्नर मनोज सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए तरक्की की नई मशाल जलाई गई है।जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने चिनाब ब्रिज के उद्घाटन के अवसर पर अपने संबोधन में पीएम मोदी की तारीफ की। 


धरती का स्वर्ग माने जाने वाले कश्मीर में   दुनिया का सबसे ऊंचा चिनाब  रेलवे आर्च ब्रिज, के जरिए पर्यटक अब अधिक संख्या में कश्मीर देखने तो आयेंगे । साथ ही ये ब्रिज भी अपने आप में एक आकर्षक टूरिस्ट डेस्टिनेशन भी बनेगा। इसके अलावा चिनाब ब्रिज और आंजी ब्रिज जम्मू-कश्मीर की समृद्धि का जरिया बनेंगे। इससे टूरिज्म तो बढ़ेगा ही इकोनॉमी के दूसरे सेक्टर्स को भी लाभ होगा। जम्मू कश्मीर की रेल कनेक्टिविटी दोनों क्षेत्रों के कारोबारियों के लिए नए अवसर बनाएगी और घाटी के विकास को नए आयाम देंगे।


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