साहित्य,रंगकर्म,संगीत कला को समर्पित संस्था रंगीतिका संस्था द्वारा शिक्षाविद् स्व. शिवप्रसाद शर्मा जी की स्मृति में काव्य रत्न सम्मान समारोह मोती मोती महल होटल में आयोजित किया गया। अतिथियों द्वारा समारोह में झालावाड़ के कवि राजेंद्र कुमार शान्तेय और कोटा की साहित्यकार डॉ.कृष्णा कुमारी एवं रंगकर्मी बृजराज को 2100 रुपए नकद पुरस्कार, प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिन्ह देकर " काव्य रत्न " से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर को भी सम्मानित किया गया । संस्था की नई कार्यकारिणी के सदस्यों का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया।
समारोह अध्यक्ष साहित्यकार अतुल कनक ने अपने संबोधन में कहा कि बड़े बुजुर्गों की स्मृति में यह कार्यक्रम निरंतर बना रहना चाहिए। उन्होंने कई स्मृति कार्यक्रमों का जिक्र करते हुए कहा कि ये हमारी सांस्कृतिक और साहित्यिक विरासत को जीवित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
विशिष्ठ अतिथि भगवती प्रसाद गौतम ने स्व. शिवप्रसाद शर्मा के कृतित्व एवं व्यक्तित्व की जानकारी देते हुए कहा कि किसी भी साहित्यकार की स्मृतियों के बनाए रखने के लिए संवाद होते रहना चाहिए। विशिष्ठ अतिथि जितेंद्र निर्मोही ने राजेंद्र कुमार शान्तेय का परिचय दिया। उन्होंने कहा कि झालावाड़ में मधुशाला की समृद्ध परम्परा है और कोटा में आज लोग साहित्य को समझने लगे हैं और एक दिन यह राष्ट्रीय समारोह बनेगा। विशिष्ट अतिथि विजय जोशी ने कह कि किसी भी प्रकार विद्यार्थियों की सरलता और सहजता को दबाने का प्रयास नहीं किया जाना चाहिए अन्यथा वे तनाव में आ कर आत्मघाती कदम उठा लेते है । संस्था संस्कृति, साहित्य और कला को जिस प्रकार प्रोत्साहन का कार्य कर रही है यह हम सब का दायित्व है कि इन्हें प्रोत्साहित करे। विशिष्ठ अतिथि जगदीश सोनी जलजला ने कहा शिवप्रकाश ने कभी साहित्य को व्यवसाय नहीं समझा। उन्होंने अपनी वीर रस की कविता सुना कर सभी को जोश से भर दिया। महेश पंचोली ने रंगकर्मी बृजराज का परिचय दिया। रीता गुप्ता ने डॉ. कृष्णा कुमारी का परिचय दिया। संस्था अध्यक्ष स्नेहलता शर्मा ने सभी का स्वागत करते हुए संस्था की जानकारी दी।
कोशिकी शर्मा ने काव्य पाठ किया। प्रारंभ में अतिथियों ने अतिथियों ने मां सरस्वती और स्व. शिवप्रकाश जी की तस्वीर के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मधुबाला ने मां वंदना प्रतुत की । संचालन कवियित्री गरिमा गर्वित राकेश ने किया। समारोह में हाड़ोती अंचल से बूंदी के साहित्यकार रामस्वरूप मूंदड़ा, कोटा के रघुराज सिंह कर्मयोगी, डॉ. वैदेही गौतम, आदि अनेक साहित्यकार उपस्थित रहें।