काश मेरी भी कोई बहन होती,
जो कभी मुझसे लड़ती,
कभी मेरे लिए लड़ती,
जब संसार करता विरोध मेरा,
तब मेरी परछाई बनती,
जब संसार के मुख करते बुराई मेरी,
तब वो मेरा जवाब बनती,
काश मेरी भी कोई बहन होती.....
में खुद हंस के उसे हँसता,
खुद समझ के उसे समझता,
कभी जो घेरती निराशा मुझे,
तब वो मेरा होंसला बढ़ाती,
काश मेरी भी कोई बहन होती.....