कोटा कोटा के लेखक डॉ. प्रभात कुमार सिंघल को उनकी पुस्तक बाल मन तक के लिए रविवार को सलिला संस्था एवं राजस्थान साहित्य अकादमी द्वारा 16वें राष्ट्रीय बाल साहित्यकार सम्मेलन में " सलिला साहित्य रत्न " अलंकरण से सम्मानित किया गया। अतिथियों द्वारा इनके द्वारा कोटा में बच्चों को बाल साहित्य से जोड़ने के प्रयासों की मुक्तकंठ से सराहना की गई और कहा कि स्वीडिश में इनके प्रयास प्रेरक और अनुकरणीय है।
इनके साथ - साथ अतिथियों द्वारा डॉ. संजीव कुमार को सलिला शिखर सम्मान : डॉ. सूरजसिंह नेगी एवं डॉ. मीना सिरोला को
सलिला विशिष्ट साहित्यकार सम्मान, जीशान हैदर जैदी, लाल देवेंद्र कुमार श्रीवास्तव, मीनू त्रिपाठी को सलिला साहित्य रत्न सम्मान में सभी को अभिनंदन पत्र, शॉल, उपरना, नकद राशि एवं माल्यार्पण कर सम्मान किया गया।
उदयपुर, साहित्य और संस्कृति के प्रति समर्पित का भव्य आयोजन प्रसार शिक्षा निदेशालय के सभागार में आयोजित किया। उद्घाटन, लोकार्पण एवं सम्मानह्न सत्र की अध्यक्षता डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक कुलपति, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में जयंती रंगनाथन (नंदन की संपादक एवं एक्जीक्यूटिव एडिटर, हिंदुस्तान समूह) एवं विशिष्ट अतिथि डॉ. सतीश कुमार, श्याम पलट पांडेय, कुमुद वर्मा तथा संस्था अध्यक्षा एवं संयोजक डॉ. विमला भंडारी मंचासीन रहे। मां शारदा के समक्ष अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना (शकुंतला स्वरूपरिया) से कार्यक्रम का शुभारंभ के बाद दीपा पंथ ने संस्था गीत प्रस्तुत किया। स्वागत गीत मधु माहेश्वरी तथा बालगीत पाखी जैन ने प्रस्तुत किए। विषय प्रवर्तन डॉ. विमला भंडारी ने किया । विभिन्न साहित्यकारों की 12 पुस्तकों का विमोचन भी अतिथीयों द्वारा किया गया।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रो. अजीत कुमार कर्नाटक ने सभी से राष्ट्र भाषा एवं संस्कृत के संवर्धन का आह्वान करते हुए कहा
कि आपके अंदर का बच्चा ही आपको जीवन्त रखता हैं, बाल साहित्य व बाल गीत इसका श्रेष्ठ योजक हैं। मुख्य अतिथि जयंती रंगनाथन ने बाल गीत और बालमन का अंतसंबंधद्ध विषय पर बीज वक्तव्य देते हुए कहा कि आज प्यार से बालकों को बाल गीतों के प्रति अकर्षित करके मोबाइल की लत से मुक्त किया जाना चाहिए । बाल कवि सम्मेलन भी मुख्य आकर्षण रहा। समरोह में देश के 6 राज्यों से आए साहित्यकार जगदीश भंडारी, डॉ. विमल शर्मा, मधु माहेश्वरी, मुकेश राव, शांतिलाल शर्मा, मनीला पोरवाल, मीनू त्रिपाठी, कर्नल प्रवीण त्रिपाठी, लाल देवेंद्र कुमार श्रीवास्तव, डॉक्टर यशपाल शर्मा, प्रकाश नेभनानी, डॉ फहीम अहमद, बलबीर सिंह, अनीता गंगाधर शर्मा, आचार्य नरेंद्र शास्त्री, चक्रधर शुक्ल, डॉ सरिता गुप्ता, शिव मोहन यादव, नंदकिशोर निर्झर, बनवारी लाल पारीक, डॉ गोपाल राज गोपाल, श्याम मठपाल, सपना जैन शाह, पुरुषोत्तम शाकद्वीपीय, रामदयाल मेहरा सहित अनेक साहित्यप्रेमी एवं विद्वान उपस्थित रहे।