GMCH STORIES

कृष्णा ऐंक्लेव के निवासियों ने की इस मल्टी को सीज करने की मांग 

( Read 4529 Times)

19 Apr 25
Share |
Print This Page
कृष्णा ऐंक्लेव के निवासियों ने की इस मल्टी को सीज करने की मांग 

 कोटा,   कोटा के स्टेशन रोड पर, नेहरू पार्क के सामने बनी अस्तित्व अनंता नामक मल्टीस्टोरी बिल्डिंग में भारी अनियमितताओं की शिकायत की गई है. इस मल्टी के ठीक पीछे 25 साल पुरानी कॉलोनी कृष्णा ऐंक्लेव के निवासियों ने बिल्डर पर कई गंभीर आरोप लगा कर कोटा जिला प्रशाशन से इसे सीज करने की मांग की है साथ ही इस बिल्डिंग के निवेशकों को सावधान किया है कि वन विभाग की विवादित जमीन पर बनी इस मल्टी में फ्लेट में निवेश न करें अन्यथा उनका सारा पैसा डूब जायेगा. कालोनीवासियो ने इस अवैध व असुरक्षित निर्माण की शिकायत नगर निगम कमिश्नर व अन्य जिम्मेदार एजेंसियो को की है 

 

कृष्णा ऐंक्लेव के निवासी अरविन्द कुमार शर्मा ने बताया कि  कृष्णा एन्क्लेव कॉलोनी, पारिवारिक न्यायालय सिविल लाईन्स कोटा के निवासी लगभग 25 वर्ष एवं उससे अधिक समय से यहाँ निवास करते आ रहे है।

यह मल्टीस्टोरी बिल्डिंग के ठीक पीछे हमारे मकानों की कतार है। इस मल्टीस्टोरी के पीछे एवं मकानों कि बीच के सेट बैंक से स्थायी निर्माण कार्य बिल्डर के द्वारा तेजी से किया जा रहा है। इस क्रम में लोगो के मकान के पिछली दीवार से बिल्कुल सटाकर बाउण्ड्री वॉल का निर्माण किया जा रहा है एवं लोगो के तकरीबन 25 वर्षों से स्थापित खिडकी एवं दरवाजों को ऊँची चार दीवारी बनाकर पूर्णतः बंद किया गया है। इसी प्रकार का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। यह निवासियों के हवा एवं रोशनी बंद कर उनके सुखाधिकार (Easement) का सर्वथा हनन है।

 

अरविन्द कुमार शर्मा ने बताया कि हमारे मकानों के पीछे वर्षों पुराने बने हुए सीवरेज ड्रेनेज सिस्टम को भी अतिक्रमित कर उसे अवरूद्ध एवं क्षतिग्रस्त किया जा रहा है। इससे पूरी कॉलोनी वासियो के जल निकासी की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है।

 

श्री शर्मा ने बताया कि हम सभी के मकान के नक्शे, नगर निगम द्वारा जारी पट्टे एवं अन्य स्त्रोतो से प्राप्त जानकारी अनुसार यह सेट बैक एवं आस-पास का क्षेत्र मूलरूप से एक नाला है। जिससे जल की निकासी होती है, इस बिल्डर द्वारा  रियासतकालीन नाले पर अतिक्रमण एवं निर्माण नहीं किया जा सकता है।

 

 उन्होंने बताया कि माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार कॉलोनियो के बीच 15 मीटर ऊँचाई से ज्यादा ऊँची मल्टीस्टोरी का निर्माण नहीं किया जा सकता है। इस प्रकार से बनी अनेक बहुमंजिला ईमारतो पर हाईकोर्ट द्वारा रोक लगाई जा चुकी है। उक्त मल्टीस्टोरी नियत मापदण्ड 15 मी. से कही अधिक ऊँची है।

 

उन्होंने बताया कि यह भी जांच का विषय है कि उक्त क्षेत्र चंबल नदी के भराव क्षेत्र में आता है। एवं इसके आस पास की जमीन अभी भी चार फीट पानी (Marshy Land) में डूबा । हुआ है। ऐसे में यह मल्टी स्टोरी भविष्य में यहां के निवासियों के साथ हम कॉलोनी वासियों के लिए भी अति असुरक्षित रहेगी।  

 

उन्होंने बताया कि  जानकारी के अनुसार चंबल नदी के तट से लगभग आधा किलोमीटर के भीतर बनी यह मल्टीस्टोरी घडियाल अभयारण्य क्षेत्र में आती है एवं पूर्व में भी हमारी जानकारी के अनुसार इस मल्टीस्टोरी से संबंधित जमीन वन विभाग के साथ विवादाग्रस्त रही है। इससे भविष्य में बिल्डिंग के उपभोक्ता / निवेशकों को नुकसान उठाना पड सकता है। 

 

कृष्णा ऐंक्लेव निवासी श्रीमती आशा जैन ने बताया कि यह मल्टी स्टोरी सामान्य दृष्टि में अति असुरक्षित नजर आती है क्योंकि इसका बेस बहुत ही पतला है और इसके अनुपात में इसकी हाइट लगभग 16 मंजिली है.  इसका निर्माण ऐसी जमीन पर किया गया है जो चंबल नदी का भराव क्षेत्र माना जाता है,  दरअसल इस बिल्डिंग का सेटबैक एवं इसके आसपास का इलाका रियासत कालीन दस्तावेजों में रियासतकालीन नाला है,इन इलाकों में हमेशा पानी भरा रहता है जो अभी भी 4 से 6 फीट पानी यहां भरा हुआ है जो एक एनिकट से बंधा हुआ है,  ऐसी जमीन पर इतनी ऊंची इमारत 16 मंजिलें बनाने की स्वीकृति कैसे मिली यह बड़ा प्रश्न है और हमारी जानकारी के अनुसार इतनी ऊंची इमारत को खासकर ऐसी जमीन पर बनाने के लिए गहरी नींव खोदकर उसे भूकंप रोधी और अन्य तरीके से सुरक्षित बनाया जाता है जबकि इस इमारत को बनाने में सामान्य रूप से पाइलिंग करके ही कंक्रीट के पिलर बनाए गए हैं और उनको साधारण तरीके से आपस में जोड़ दिया गया है,  जो सुरक्षा की दृष्टि से सरासर  गलत है.  पूर्व में भी वन विभाग व इस बिल्डिंग के मालिक के बीच में विवाद हुआ था. 

 

उन्होंने बताया कि यह निवेशकों के साथ धोखा है क्योंकि आगे चलकर इस भूमि के विवादास्पद होने,  निर्माण के असुरक्षित होने से उन्हें गंभीर वित्तीय वह जान माल का खतरा बना रहेगा    कृष्णा ऐंक्लेव के निवासियों ने मांग की है कि इस बिल्डिंग को तुरंत प्रभाव से सीज किया जाए अन्यथा पीडितगणों को न्यायालय की शरण में जाना पड़ेगा।


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories :
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like