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जानलेवा हो Bday है नींद से सम्बंधित बीमारियां

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06 Nov 23
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जानलेवा हो Bday है नींद से सम्बंधित बीमारियां

कोटा ।  स्लीप एजुकेशन एंड रिसर्च सोसाइटी (एसईआरएस) के सहयोग से जायसवाल मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल एंड न्यूरो इंस्टीट्यूट और पुलमोएवा फाउंडेशन सोसायटी कोटा राजस्थान की ओर से कोटा में नींद की समस्या और समाधान को लेक रविवार को प्रदेशभर के चिकित्सकों ने मंथन किया और उसके समाधान की ओर विस्तार से चर्चा की। वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट, आॅगेर्नाइजिंग चेयरमैन डॉ. संजय जायसवाल ने बताया कि मैनाल रेजीडेंसी कुन्हाडी में आयोजित सेमीनार में 200 से अधिक चिकित्सकों ने भाग लिया। प्रदेश के कई वरिष्ठ चिकित्सक अपने व्याख्यान के माध्यम से नई तकनीक के साथ इस बीमारी का उपचार और अन्य विषयों पर टेÑनिंग भी दी। वरिष्ठ पल्मोनोलॉजिस्ट और स्लीप फिजिशियन दक्षिण पूर्व राजस्थान में एनआईवी सेवाएं और स्लीप लैब शुरू करने वाले पहले व्यक्ति डॉ. केवल कृष्ण डंग ने बताया कि इस सेमिनार के माध्यम से देश विदेश में नींद को लेकर किए गए रिसर्च, नई तकनीक, बदलती जीवन शैली में नींद नहीं आने की समस्या, इसका उपचार और कई विषय पर चिकित्सक अपने विचार, अनुभव और नए शोध को यहां सांझा किया गया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में नींद की समस्याओं को लेकर जागरुकता की बेहद आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि नींद की बीमारियों से हार्ट डिजीज, डायबिटीज, मोटापा एवं अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। कोटा में हुई सेमिनार के माध्यम से प्रदेश भर के डॉक्टर ने नींद की समस्या नींद आना नींद नहीं आना डिप्रेशन मनो चिकित्सक सभी तरह के डॉक्टरों का एक संयुक्त मंथन किया गया और जिसमें कई निर्णय भी दिए गए।  

- इंश्योरेंस में कवर हो नींद की बीमारियां 
डॉ. गौरव छाबड़ा एचओडी पल्मोनरी विभाग गीतांजलि मेडिकल कॉलेज उदयपुर का कहना है कि इंश्योरेंस कंपनियां इस बीमारी को कवर नहीं करती जबकि मौत के कई कारण में यह शामिल होती है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान यह स्टडी सामने आई है कि जिन लोगों को कोविड हुआ है वह 2 साल तक हार्ड वर्क नहीं करें, लेकिन यह भी सामने है कि जिसकी जो लाइफ स्टाइल है उसमें परिवर्तन नहीं होना चाहिए। डॉ. शिवानी स्वामी एचओडी पल्मोनरी विभाग, नारायणा अस्पताल ने कहा कि नींद की बीमारियों के कारण अचानक से डेथ हो रही है। यह समस्या गंभीर होती जा रही है। युवाओं से लेकर बुजुर्ग तक सभी नींद की समस्याओं से ग्रसित है जो व्यक्ति देर रात तक पढ़ता है वह अपनी पूरी नींद नहीं ले पता। ऐसे में उसे डिप्रेशन, याद नहीं रहना, चिड़चिड़ापन आदि समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वहीं दूसरी ओर जो हार्ड वर्क करता है ड्राइविंग है पायलट है इन लोगों की भी स्क्रीनिंग होनी चाहिए। कई लोग गाड़ी चलाते हुए सो जाते हैं जिसकी वजह से कई बड़ी दुर्घटनाएं भी देश में कई जगह देखने को मिली है। ऐसे में इन लोगों की भी स्क्रीनिंग होने के साथ ही इनका प्रॉपर रूप से उपचार भी होना चाहिए।

- मोटापा, जंक फूड भारत में बढा रहे समस्या 
डॉ. रजनीश शर्मा ने बताया कि खानपान के कारण भी नींद की बीमारियां बढ़ रही हैं। यह भी सामने आया कि जंक फूड भारत में सबसे अधिक प्रयोग में लिया जा रहा है जिसकी वजह से मोटापा बढ़ रहा है और मोटापे के कारण कई बीमारियां जन्म ले रही हैं। ऐसे में हमें इन चीजों से दूर रहने की आवश्यकता है। 30 से 50 साल की उम्र तक के लोगों को यह समस्या अधिक देखने को मिल रही है। भारत देश में 104 मिलियन को यह परेशानी हो रही है। हार्ट और ब्रेन पर इसका प्रभाव देखने को मिल रहा है। नींद नहीं आने के कारण डायबिटीज की समस्या भी अधिक देखने को मिल रही है। 

- जिन्हें नींद में खर्राटे या सांस रुकने की समस्या वह सोते समय विशेष मशीन लगाएं
चिकित्सकों का कहना है कि सोते समय आॅक्सीजन की मात्रा प्रॉपर रूप से शरीर में नहीं पहुंच पाती जिसकी वजह से कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। खर्राटे भी उसमें एक समस्या है, नींद स सम्बंधित सभी बीमारियों का प्रॉपर रूप से उपचार संभव है। रात को सोते समय मशीन को लगाने से गले की नस जो सिकुड़ जाती है वह प्रॉपर रूप से खुल जाती है। हवा के प्रेशर से वह नस खुल जाने के कारण प्रॉपर रूप से शरीर में आॅक्सीजन पहुंचती है जिससे किसी भी तरह का खतरा नहीं होता। चिकित्सकों ने कहा कि फिलहाल इस बीमारी को लेकर कहीं तरह से जागरूकता की आवश्यकता है।नेचुरल क्लॉक के अनुसार ही काम करना चाहिए। यह भी सामने आया है कि यह बीमारी किसी एक वर्ग में नहीं निर्धन वर्ग हो गरीब हो मजदूर हो युवा या बुजुर्ग सभी तरह के लोगों में इस तरह की समस्याएं देखी जाने लगी है और अब यह जानलेवा भी साबित हो रही है। इस अवसर पर वरिष्ठ प्रोफेसर एचओडी न्यूरोलॉजी विभाग एवं पूर्व प्राचार्य राजकीय मेडिकल कॉलेज, कोटा डॉ विजय सरदाना, अतिरिक्त प्राचार्य एवं सीनियर प्रोफेसर एवं एचओडी मनोचिकित्सक विभाग मेडिकल कॉलेज, कोटा डॉ। भरत सिंह शेखावत, , प्रोफेसर डॉ नवीन किशोरिया, स्लीप लैब एसएन मेडिकल कॉलेज जोधपुर, डॉ. केवल कृष्ण डंग वरिष्ठ पल्मोनोलॉजिस्ट और स्लीप फिजिशियन दक्षिण पूर्व राजस्थान में एनआईवी सेवाएं और स्लीप लैब शुरू करने वाले पहले व्यक्ति , डॉ विनोद दरिया मनोचिकित्सा प्रोफेसर मेडिकल कॉलेज, कोटा, डॉ जुजेर अली सलाहकार मनोचिकित्सक पूर्व अध्यक्ष भारतीय मनोरोग सोसायटी, डॉ. शिवराज शर्मा सीनियर पल्मोनोलॉजिस्ट जयपुर, डॉ विनीत जैन सलाहकार ईएनटी सर्जन महावीर ईएनटी अस्पताल, कोटा कार्यक्रम में अपना व्याख्यान हुआ।


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