कोटा | आज कोटा में 80 प्रतिशत लोग स्वच्छ से रक्तदान करने लगे हैं। हमारा प्रयास है कि यह 100 प्रतिशत तक पहूचे । कोटा नगर इस कार्य में भी अग्रणी बनता जा रहा है। रक्तदान करने वालों को संतुष्टि मिलती है कि उसने किसी की जान बचाई है। श्री करणी नगर विकास समिति के आश्रय भवन में आयोजित दिवा संगम की 1047व वीं साप्ताहिक गोष्ठी में ब्लड बैंक के अध्यक्ष डॉ वेदप्रकाश गुप्ता ने यह जानकारी देते हुए कहा कि शहरों की अपेक्षा अब गांव में भी जागरूकता पैदा की जा रही है यह भी रक्तदान की महिमा समझने लगे हैं। जो व्यक्ति रक्तदान करना चाहते हैं उनकी उम्र 18 से 65 साल तक होनी चाहिए यही लोग रक्तदान कर सकते हैं।
उन्होंनेबताया कि कुछ वर्षों से पूर्व रक्तदान करना घबराहट पैदा करता था, लोग डरते थे। प्रायः अस्पतालों के आस पास पड़े रहने वाले डोनर्स से रक्त लिया जाता था, उनमें कई बीमारियां भी होती थी तथा पैसा भी खर्च करना पड़ता था। परंतु आज रक्तदान करने के लिए लोग आगे बढ़कर दान करते हैं।
उन्होंने कहा रक्तदान सबसे बड़ा दान होता है इससे बड़ी मानवता की सेवा और कुछ नहीं है। आज तो अपेक्षित रक्त मिल जाता है। मरते हुए व्यक्ति को बचाया जाता है। कई बीमारियों में रक्त की आवश्यकता पड़ती है जैसे कि स्वाइन फ्लू, डेंगू, चिकनगुनिया तथा हार्ट की बीमारियों में प्लेटलेट्स की आवश्यकता पड़ती है। कोटा में ब्लड डोनर्स कि आज कमी नहीं है, अनेक संस्थाएं रक्तदान शिविर लगाती है। रक्त इकट्ठा किया जाता है, तथा समय पर बीमार लोगों को रक्त उपलब्ध कराया जाता है। कई लोगों को फोन करके बुलाया जाता है। रात हो या दिन रक्तदाता हमेषा तैयार रहते हैं। रक्तदान के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। दूसरों को प्रेरित करना चाहिए तथा अपने रक्तदान से संबंधित अनेक जानकारियां प्रदान की जानी चाहिए। कौन रक्तदान कर सकता है, कब तक कर सकता है, कितनी बार कर सकता है आदि उसके बारे में भी जानकारी रखनी चाहिए। प्रोफेसर हरिमोहन शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।