GMCH STORIES

जीवोत्थान - पंचांगम् 28/05/2020,- गुरुवार

( Read 22340 Times)

27 May 20
Share |
Print This Page
जीवोत्थान - पंचांगम् 28/05/2020,- गुरुवार

Dainikam Jeevotthan Panchangam, Sanskaritam -  दिनांके -(आँग्ल) 28/05/2020,-गुरुवार राष्ट्रीय भारतीय दिनांक - 07/03/1942 07ज्येष्ठ 1942)भारतीय पंचांगं दिनांक
21/03/2077( इसे यहाँ निम्नानुसार लिखा है - सूर्योदयी तिथि सौरतः कृष्ण पक्षतः या गताग्र /पूर्णिमांत चैत्रादि मास /विक्रम संवत्|तिथि /मास में वृद्धि पर +, क्षय पर - अंकित, स्थानीय व्यवस्था)
सौर ज्येष्ठ  , शुक्ल पक्ष।
ग्रीष्म ऋतु। उत्तर गोलायन।
तिथि षष्ठी23:26:48
पक्ष शुक्ल
नक्षत्र पुष्य07:25:52तक।तदग्रे श्लेषा।
योग घ्रुव24:22:32*
करण कौलव12:02:38तक।
करण तैतिल23:26:48
वार गुरूवार
माह (अमावस्यांत)ज्येष्ठ
माह (पूर्णिमांत)ज्येष्ठ
चन्द्र राशि  कर्क
सूर्य राशि वृष
संवत्सर (उत्तर)प्रमादी
विक्रम संवत् 2077
शाकाब्द संवत1942
सूर्योदय05:48:19
सूर्यास्त19:16:58
दिन काल13:28:38
रात्री काल10:31:08
चंद्रोदय10:35:34
चंद्रास्त24:19:56*
लग्न सूर्योदयी   वृषभ13°1' ,
'सूर्य नक्षत्र रोहिणी
चन्द्र नक्षत्र पुष्यपद,
नामकरण
चरण4 डा पुष्य07:25:52
1 डी आश्लेषा13:21:15
2 डू आश्लेषा19:14:55
3 डे आश्लेषा25:06:53*
.मुहूर्त
राहु काल14:14 - 15:55अशुभ
यमघंटा05:48 - 07:29अशुभ
अभिजित् 12:06 -12:59शुभ
दूर मुहूर्त10:18 - 11:12अशुभ
दूर मुहूर्त15:41 - 16:35अशुभ
चोघडिया, दिन
शुभ05:48 - 07:29शुभ
रोग07:29 - 09:10अशुभ
उद्वेग09:10 - 10:52अशुभ
चर10:52 - 12:33शुभ
लाभ12:33 - 14:14शुभ
अमृत14:14 - 15:55शुभ
काल15:55 - 17:36अशुभ
शुभ17:36 - 19:17शुभ
चोघडिया, रात
अमृत19:17 - 20:36शुभ
चर20:36 - 21:55शुभ
रोग21:55 - 23:14अशुभ
काल23:14 - 24:33*अशुभ
लाभ24:33* - 25:51*शुभ
उद्वेग25:51* - 27:10*अशुभ
शुभ27:10* - 28:29*शुभ
अमृत28:29* - 29:48*शुभ
++++++++++++++++
आकाशदर्शन/स्वाध्याय बोध - अरण्य षष्ठी, विंध्यवासिनी पूजा। रोहिणी में शुक्र। रवि योग श्लेषा में , तत्पूर्व गुरु - पुष्य अमृत सिद्धि योग। व्यापार उद्योग शिक्षा-तकनीकी एवं न्याय विद्वत् सज्जन में नवाचार। वृषार्क,उत्तर दिशा प्रभावित। (विशेष - विश्व समय मानक में कभी कभी परमाणु घडि़यों का समय कुछ सैकण्ड्स पृथ्वी की गत्यंतर के सापेक्ष समायोजित किया जाता है। वैसे ही भारतीय ज्योतिर्विज्ञान के अनुसार क्षय - अधिक (वृद्धि) तिथि तथा मासों की व्यवस्था गणितोक्त सुशुद्धताधारित है। इस वैज्ञानिक प्रणाली से मौसम, ऋतु, पर्वोत्सवों में तारतम्यता बनी हुई है। इसी तरह सूर्य - चंद्र ग्रहण भी तद्वत् ग्रहोपग्रह के गोचरवश खगोलीय घटनाएँ हैं। 5/6/20,
5/7/20को मान्द्यं चंद्र ग्रहण स्थानीय (धार्मिक) कृत्य पालनीय मान्यता नहीं। सूर्य ग्रहण दिनांक 21/6/20को दृश्य होगा।हालांकि भूमण्डल पर इस अवधि में तीन ग्रहण संभव हुए हैं किन्तु सर्वत्र नहीं। फेफड़े, गला, किडनी, रक्तस्राव, पाइल्स बवासीर का कहीं कहीं प्रभाव संभव । N, Y, K  chh,gh, bh ,dh, F, A, L Ch वर्ण प्रभावित संभवतः । यह सामान्य प्रक्रिया है। ##############
*अन्तिम कालम अन्त  समाप्तिकाल है।   
*समय आधी रात के बाद, लेकिन अगले दिन के सूर्योदय से पहले। तिथि - वार- नक्षत्र - योग - करण पंचांग में किसी के अशुभ प्रभाव में शुभाधिक्यता में सुयोग की तथा भद्रादि के यथा परिहार की मान्यता प्रचलित। कहीं स्थानीय यथाव्यवस्था देशाचारीय मान्यता से व्रतपर्वोत्सवोंकी व्यावहारिकता प्रचलित । जीवोत्थान स्थानीय देशान्तर - अक्षांश पर संगणित। विशेषार्थ आपके स्थलीय पंचांग दृष्टव्य।


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories : Jyotish
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like