GMCH STORIES

लोको पायलट व सहायक के परिवारजन के लिये परामर्श कार्यक्रम

( Read 4371 Times)

13 Jan 21
Share |
Print This Page
लोको पायलट व सहायक के परिवारजन के लिये परामर्श कार्यक्रम

जोधपुर। जोधपुर रेल मंडल में रेल कर्मचारियों के परिवारजन को परामर्श देने का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जोधपुर मंडल रेल प्रबन्धक सुश्री गीतिका पाण्डेय के निर्देशानुसार व एक अनूठी पहल पर जोधपुर रेल मंडल के ट्रेन संचालन करने वाले लोको पायलट तथा सहायक लोको पायलट के परिवारजनों को परामर्श दिया जा रहा है। 
  उत्तर पश्चिम रेलवे के वरिष्ठ जनसम्पर्क अधिकारी श्री गोपाल शर्मा ने बताया कि ट्रेन संचालन का कार्य करने वाले लोको पायलट तथा सहायक लोको पायलट का ट्रेन चलते समय एकाग्रता बनाये रखने के साथ- साथ चिंतामुक्त होना बहुत जरुरी है। ट्रेन ड्राइवर के चिन्ताग्रस्त होने से एकाग्रता भंग होने पर ट्रेन दुर्घटना होने की संभावना रहती है। इस मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए मंडल रेल प्रबन्धक सुश्री गीतिका पाण्डेय के निर्देशन व एक अनूठी पहल पर  ट्रेन चालक दल के परिवारजनों को परामर्श देने का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के माध्यम से लोको पायलट व सहायक लोको पायलट के घर में खुशनुमा माहौल बनाने का प्रयास किया जा रहा है ।   
  इस कार्यक्रम में रेलवे अधिकारी तथा सुपरवाइजर जोधपुर रेल मंडल के ट्रेन संचालन करने वाले  लोको पायलट तथा सहायक लोको पायलट के घर व कॉलोनी में जाकर उनके परिवारजनों को समझा रहे है। कर्मचारियों को घर पर सम्पूर्ण आराम उपलब्ध कराने, नशा इत्यादि से दूर रखने तथा घर में खुशनुमा माहौल बनाया रखने की जरुरत समझा रहे है। उन्हें बताया जा रहा है कि रेलवे द्वारा ट्रेन ड्राइवर के ट्रेन संचालन में भूल करने या गलती करने पर सख्त कदम उठाये जाते है तथा इससे उनके परिवार को तथा उनको मानसिक व आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कार्यक्रम में सेवा संबंधी नियमों के तहत कार्यवाही होने पर  उत्पन्न होने वाली परिवारिक स्थितियों को समझाया जा रहा है। कर्मचारियों के परिवारजन को समझाया जा रहा है कि लोको पायलट या सहायक लोको पायलट के घर से डूयूटी पर जाते समय किसी भी ऐसी बात का जिक्र नहीं करें जिससे वो चिन्ताग्रस्त हो जायें। जब कर्मचारी डूयूटी पर हो तब उनको छोटी छोटी बातों के लिये बार बार फोन नहीं करना चाहिये। कोई अति आवश्यक काम होने के स्थिति में लोको पायलट के सुपरवाइजर को संदेश नोट कराया जाये। 
इस कार्यक्रम के माध्यम से लोको पायलट व सहायक लोको पायलट के घर में खुशनुमा माहौल बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इससे पूर्ण विश्राम मिलने तथा चिंतामुक्त होने पर चालक दल द्वारा सजग व सतर्क रहते हुए कार्य कर सकेगा तथा रेल दुर्घटना की संभावना कम रहेगी। जोधपुर मंडल पर अभी तक 60 से अधिक लोको पायलट वसहायक लोको पायलट के परिवारों से संवाद कायम किया जा चुका है।   
 


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories : Jodhpur News
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like