जैसलमेर। केन्द्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार ’’ऑपरेशन शील्ड’’ के तहत शनिवार सायं जैसलमेर आर्मी स्टेशन के रहवासी क्षेत्र में एयर अटेक हमले की मॉक ड्रिल का सफल आयोजन किया गया। इस दौरान आपातकालीन स्थिति से बचाव, राहत एवं आवश्यक व्यवस्थाओं के उपायों को जांचा गया।
हॉटलाईन के माध्यम से जिला कलक्टर स्थित कंट्रोल रुम को हवाई हमले की सूचना मिलते ही जिला कलक्टर प्रताप सिंह, पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी, अतिरिक्त जिला कलक्टर परसाराम सैनी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कैलाशदान जुगतावत, आर्मी के अधिकारी सहित चिकित्सा दल, फॉयर ब्रिगेड, नागरिक सुरक्षा की रेस्क्यू टीम एवं बचाव दल एयर स्ट्राईक स्थल पर पहुंचा।
घायलों को त्वरित चिकित्सा सेवा प्रदान की गई
एयर अटेक से हुई घायलों के उपचार के लिए तत्काल ही चिकित्सा दल की टीम ने 20 घायलों में से 14 घायलों का मौके पर उपचार किया एवं 6 गंम्भीर रुप से घायलों को एम्बूलेंश के माध्यम से मिल्ट्री अस्पताल पहुंचा कर उनका आवश्यक उपचार की व्यवस्था की गई।
चिकित्सा दल, एम्बूलेंश, नगरपरिषद कार्मिक, पुलिस, अग्निशमन सहित संबंधित विभागों ने तुरन्त घटना स्थल पर पहुंच कर राहत एवं बचाव के लिये रेस्क्यू शुरु किया। इस दौरान एनसीसी एवं स्काउट गाइड ने आपात की स्थिति में निटपने में मदद की।
जिला कलक्टर प्रताप सिंह एवं पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी ने मौके पर पहुंच कर मॉक ड्रिल की कार्यवाही व व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। उन्होंनेे मॉक ड्रिल पूर्वाभ्यास के प्रति संतौष व्यक्त करते हुए कहा कि सभी विभागों ने समन्वय के साथ त्वरित रिस्पॉन्स कर आपातकाल स्थिति से निपटने का बेहतर प्रयास किया।
इस दौरान हवाई हमले की चेतावनी प्रणाली, हॉटलाईन, रेडियोलिंक, नियंत्रण कक्षों की कार्यप्रणाली, मेडिकल, रसद और अग्निशमन जैसी व्यवस्थाओं को मॉक ड्रिल के जरिए जांचा गया।
जिला कलक्टर प्रताप सिंह ने बताया कि द्वितीय सिविल डिफेंस अभ्यास (ऑपरेशन शील्ड) के तहत मॉक ड्रिल एवं ब्लैक आउट पूर्वाभ्यास किया गया। मॉक ड्रिल में जिला प्रशासन के साथ नागरिक सुरक्षा, अग्निशमन, पुलिस, होमगार्ड, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, एनसीसी, एनएसएस, स्काउट गाइड, वॉलिन्टियर्स सहित अन्य संगठनों ने भागीदारी की।
जिला कलक्टर प्रताप सिंह ने बताया कि इस मॉक ड्रिल का प्रमुख उद्देश्य प्रशासनिक विभागों की आपसी समन्वय, त्वरित प्रतिक्रिया और कार्य कुशलता का परीक्षण करना था। इसके साथ ही आमजन, विशेषकर विद्यार्थियों और युवाओं में आपदा प्रबंधन की समझ विकसित करना भी एक अहम लक्ष्य रहा। जिला कलक्टर ने अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाओं की सुदृढ़ता के लिए आवश्यक दवाओं, एंबुलेंस की तत्परता और पर्याप्त मेडिकल स्टाफ की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही अग्निशमन विभाग को अपने वाहनों और उपकरणों के संचालन के लिए सतर्क रहने को कहा।