जैसलमेर/ राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार चलाये जा रहे पैन इंडिया लीगल अवेयरनैस एंड आउटरीच कैंपेन के तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जिला एवं सेशन न्यायाधीष रविंद्र कुमार के निर्देशन में सीएचसी सभागार, पोकरण में विधिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जाकर पोकरण क्षेत्र की महिला स्वास्थ्यकर्ताओं को अभियान से जोड़ा जाकर विधिक सेवा कार्यक्रमों के प्रचार प्रसार हेतु प्रषिक्षित किया गया।
कार्यक्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव सुनील बिष्नोई, ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ लोंग मोहम्मद, डॉ अनिल गुप्ता, गिरिराज व्यास ब्लॉक आशा सुपरवाईजर, जितेंद्र बिस्सा ब्लॉक टीबी सुपरवाईजर व अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थे। कार्यक्रम में पोकरण ब्लॉक की महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।
विधिक जागरूकता कार्यक्रम की शुरूआत नालसा थीम सांग प्रदर्षित कर की गई। कार्यक्रम में सचिव सुनील बिष्नोई ने बताया कि विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम के तहत जिला स्तर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण तथा तालुका स्तर पर तालुका विधिक सेवा समितियां स्थापित की गई हैं, जिनके द्वारा पात्र व्यक्तियों को निःशुल्क विधिक सहायता उपलब्ध करवाई जाती है। निर्धनता के कारण कोई भी व्यक्ति न्याय प्राप्त करने से वंचित नहीं रहे, इसके लिये विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम के तहत पात्र व्यक्तियों को निःशुल्क विधिक सहायता उपलब्ध करवाई जाकर अधिवक्ता की सेवाएं उपलब्ध करवाई जाती हैं एवं अधिवक्ता की फीस का भुगतान सरकार द्वारा किया जाता है। उन्होंने विधिक सहायता प्राप्त करने की प्रक्रिया व पात्रता के बारे में विस्तार से जानकारी दी। पैन इंडिया लीगल अवेयरनेस एंड आउटरिच कैम्पेन के तहत जिले के प्रत्येक पुलिस थानों जेलों एवं सभी डाकघरों में निःशुल्क विधिक सहायता प्राप्त करने की पात्रता एवं प्रक्रिया की जानकारी सरल एवं सहज भाषा प्रसारित किए जाने हेतु हॉर्डिंग लगाए गए हैं। उन्होंने चिकित्साकर्मियों को राज. चिकित्सा परिचर्या सेवाकर्मी और चिकित्सा परिचर्या सेवा संस्था (हिंसा और सम्पत्ति के नुकसान का निवारण) अधिनियम 2008 की विस्तार से जानकारी दी।
सचिव ने बताया कि विधिक सेवा संस्थान द्वारा लोक अदालत व मध्यस्थता के माध्यम से प्रकरणों का निस्तारण करवाया जाता है। उन्होंने लोक अदालत में रखे जा सकने वाले प्रकरणों तथा लोक अदालतों की उपयोगिता व लाभ के बारे में जानकारियां दी। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार आगामी 11 दिसंबर को सभी न्यायालयों में राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित की जायेगी जिसमें पक्षकार अपने प्रकरणों को लोक अदालत में रखवाकर मामलों का निस्तारण करवा सकते हैं। स्थायी लोक अदालत के बारे में जानकारी देते हुए उन्होने बताया कि जनोपयोगी सेवाओं से संबंधित विवादों का आपसी समझाईश से निपटारा इसमें करवाया जाता है। समझौता नहीं होने की दशा में पक्षकारों को नियमानुसार सुनवाई का अवसर प्रदान कर मामले का गुणावगुण पर अंतिम रूप से निर्णय किया जाता है। न्याय से एक घर में रोशनी होती है जबकि समस्या का लोक अदालत की भावना से निपटारा करने पर दोनों घरों में रोशनी होती है।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा किये जाने वाले अन्य कार्यक्रमों के बारे में जानकारी देते हुए उन्होने बताया कि अपराध के परिणामस्वरूप हानि या क्षति से ग्रस्त हुए और पुनर्वास की अपेक्षा रखने वाले पीडितों एवं उनके आश्रितों को राजस्थान पीडित प्रतिकर स्कीम, 2011 के तहत प्रतिकर प्रदान किया जाता है।
कार्यक्रम के अंत में महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को विधिक जागरूकता से सम्बंधित लीफलेट्स, पेम्पलेट्स, बुकलेट्स आदि प्रचार प्रसार सामग्री अपने-अपने क्षेत्रों में वितरित किए जाने हेतु प्रदान की गई। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया।