जैसलमेर / भीषण गर्मी के मद्देनज़र अभाव ग्रस्त घोषित क्षेत्रों में पशुओं के संरक्षण के लिए आपदा प्रबन्धन एवं सहायता विभाग व्यापक प्रयासों में जुटा हुआ है। जैसलमेर जिले में अभावग्रस्त घोषित क्षेत्रों में लघु एवं सीमान्त कृषकों द्वारा अभाव अवधि के दौरान छोड़े गए पशुओं के संरक्षण के लिए विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक पैमाने पर पशु शिविर खोले जाने की स्वीकृति जारी की गई है।
जिला कलक्टर नमित मेहता ने बताया कि जिले की विभिन्न पंचायत समितियोंं में 30 हजार से अधिक पशुओं के लिए कुल 243 पशु शिविर खोलने की स्वीकृति जारी की जा चुकी है। इनमें 3 हजार 580 छोटे पशु तथा 26 हजार 757 बड़े पशु शामिल हैं।
पशुओं के लिए सभी जरूरी प्रबन्ध रहेंगे
जिला कलक्टर द्वारा जारी आदेश के अनुसार इन पशु शिविरों में पशुओं के रखे जाने की समुचित व्यवस्था होगी। इसके अन्तर्गत बाड़ा, छाया, चारा संग्रहण स्थल, पानी इत्यादि सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित होंगी। स्वीकृति आदेश में कहा गया है कि एसडीआरएफ के मानदण्डों के अनुसार पशु शिविरों में रखे जाने वाले बड़े पशु को 70 रुपए प्रति पशु प्रतिदिन तथा छोटे पशु के लिए 35 रुपए प्रति पशु प्रतिदिन की दर से चारा/पशु आहार देने के लिए राहत सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
समय-समय पर होगा निरीक्षण
पशु शिविर चलाने वाली संस्था को 1 किलो पशु आहार बड़े पशु को तथा आधा किलो पशु आहार छोटे पशु को प्रति पशु प्रतिदिन की दर से उपलब्ध कराया जाएगा। इन शिविरों का तहसीलदार व उपखण्ड अधिकारी आदि के द्वारा समय-समय पर निरीक्षण किया जाएगा।
कमेटी करेगी पशुओं का प्रमाणीकरण
पशु शिविरों में रखे जाने वाले पशुओं के प्रमाणीकरण के संदर्भ में स्थानीय रूप से पटवारी, ग्राम सेवक तथा नजदीकी स्कूल के अध्यापक को शामिल करते हुए एक कमेटी का गठन कर कमेटी की अनुशंसा के आधार पर ही पशुओं को शिविर में रखा जाएगा।
ग्राम पंचायत के नोटिस बोर्ड पर भी लगेगी सूची
पशु शिविर चलाने वाली संचालक समिति में जिला कलक्टर द्वारा मनोनीत प्रतिनिधि को सदस्य रखा जाएगा। जिन लघु एवं सीमान्त कृषकों के पशुओं को पशु शिविरों में रखा जाएगा, उनके पशुओं की सूची (पशुओं के प्रकार सहित) ग्राम पंचायत के नोटिस बोर्ड पर लगाई जाएगी।