GMCH STORIES

भारत पर राजनेतिक एवं आर्थिक प्रभाव ’’ विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पन्न

( Read 3552 Times)

04 Dec 22
Share |
Print This Page
भारत पर राजनेतिक एवं आर्थिक प्रभाव ’’ विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पन्न


 उदयपुर जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय के संघटक माणिक्यलाल वर्मा श्रमजीवी महाविद्यालय के अन्तर्गत संचालित अर्थशास्त्र विभाग की ओर से शनिवार को प्रतापनगर स्थित कुलपति सचिवालय के सभागार में ‘‘ जी20 शिखर सम्मेलन: 2022 का भारत पर राजनेतिक एवं आर्थिक प्रभाव ’’ विषयक पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के मुख्य वक्ता देवी अहिल्या विवि इन्दौर के प्रो. गणेश कावड़िया ने कहा कि जी20 की बैठक में वित्तीय एवं आर्थिक स्थिति को सुदृढ करने के लिए आर्थिक असंतुलन, जलवायु परिवर्तन, आय की असमानता , युक्रेन युद्ध जैसी समस्याओं का निदान तीन मॉडल तकनीक परिवर्तन, पूंजी संरचना में परिवर्तन व पर्यावरणीय संतुलन  के द्वारा किया जा सकता है जिसमे ग्लोबल लोकलाईजेशन प्रक्रिया को अपनाना होगा।  


भारत ने पहल करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘‘आत्म निर्भर भारत ’’ का संदेश देकर उसकी आवधारणा को प्रस्तुत की। विश्व में आर्थिक विकास को सुदृढ करने के लिए भारत , इटली, इंडोनेशिया और ब्राजील की  आर्थिक नीतियों की अहम भूमिका रहेगी। उन्होने कहा कि हमें आर्थिक वित्तीय संगठन की संरचना को भी परिवर्तित करने की आवश्यकता है जिससे विकासशील देशों में तेजी से सतत् विकास को बढाया जा सके।
अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने कहा कि भारत के लिए जी20 सम्मेलन की मेजबानी करना पूरे देश के लिए गौरव की बात है। भारत को अपनी गौरवशाली इतिहास, संस्कृति, सभ्यता व सनातन मूल्यों को पूरे विश्व के सामने प्रदर्शित करने का अद्भूत अवसर है। बैठक में भारत का पक्ष मजबूती के साथ रखने का भी एक सुनहरा अवसर है। पूरी दुनिया को मानवीयता के लिए काम करना होगा।  उन्होने कहा कि भारत आर्थिक, राजनैतिक एवं सांस्कृतिक धरोहर को प्रस्तुत कर वसुदैव कुटुम्बकम् की धारणा को सारगर्भित करेगा। उन्होने कहा कि विश्व के समक्ष आर्थिक स्थिरता को प्राप्त करने के लिए आर्थिक असंतुलन एवं ग्लोबल वार्मिंग की समस्याओं के साथ विकासशील देशों के समक्ष गरीब व्यक्तियों के सर्वागीण विकास करने की भी अहम चुनौती है जिससे आर्थिक विकास के साथ मानवीयता पर बल देते हुए प्राकृतिक संसाधनों के समुचित विदोहन से प्राप्त करने पर जोर दिया।


मुख्य अतिथि एमजीआईजीएसएस जयपुर के अकेडमिक एडवाईजर डा. संजय लोढ़ा ने कहा कि आर्थिक एवं राजनेतिक विकास के लिए अहम नीतियों का निर्माण करना चाहिए क्योकि वर्तमान समय में आर्थिक असंतुलन, ग्लोबल वार्मिंग तथा आर्थिक असमानताओं की मिषम समस्या जी20 देशों के समक्ष महत्वपूर्ण चुनौती है। उन्होने कहा कि वैश्विक अर्थ व्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए यह आवश्यक है कि हमें लोकतंत्र को मजबूत करना होगा। राज्य की क्षमता को मजबूत करना होगा।
विशिष्ठ अतिथि सुखाडिया विवि के लेखांकन संकाय के विभागाध्यक्ष प्रो. शुरवीर सिंह भाणावत ने कहा कि जलवायु परिवर्तन पूरे विश्व के लिए एक चिंताजनक विषय है। बैठक में व्यक्ति की दिनचर्या को परिवर्तित किए बिना कार्बन उत्सर्जन को बंद करना होगा। उन्होने कहा कि कार्बन उत्सर्जन पर टेक्स लगाया जाना चाहिए जिस पर इस अपर अंकुश लगाया जा सके। डिजिटल क्रांति ने देश को एक नई दिशा दी है। भारत की इस पहल को पूरे विश्व के सामने प्रस्तुत करने का अवसर हैं। कोरोना संकट के दौरान भारत ने कई नये अवसर खोजे है उन्हे विश्व पटल पर लाने की जरूरत है। जी20 सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे भारत की समक्ष फुड, मेडिकल एवं डिजिटल क्षेत्र में विकास करने में विश्व स्तर पर अपनी अहम भूमिका रहेेगी।  इसके लिए भारत ने विकास के बिन्दुओं के मॉडल का निर्माण जी20 सम्मेलन के समक्ष प्रस्तुत करने का मसौदा तैयार किया है जिससे विश्व स्तर पर पुनः आर्थिक स्थायित्व को प्राप्त किया जा सकेगा।
समारोह में अधिष्ठाता प्रो. सुमन पामेचा द्वारा सम्पादित पुस्तक का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया।
प्रारंभ में आयोजन सचिव डॉ. पारस जैन ने अतिथियों का स्वागत करते हुए संगोष्ठी की जानकारी दी। इस अवसर पर रजिस्ट्रार डॉ. हेमशंकर दाधीच, अधिष्ठाता प्रो. सुमन पामेचा, विभागाध्यक्ष डॉ. पारस जैन ने  भी अपने विचार व्यक्त किए। आभार डॉ. साहिद कुरैशी ने दिया।
संगोष्ठी में सहायक कुल सचिव डॉ. धमेन्द्र राजौरा, डॉ. मनीष श्रीमाली, डॉ. हीना खान, डॉ. नीरू राठौड,  डॉ. शिल्पा कंठालिया, डॉ. लाला राम जाट, डॉ. अनुकृति राव, डॉ. तरूण श्रीमाली, डॉ. मधु मुर्डिया,  महेन्द्र सिंह सोलंकी, आशीष नन्दवाना, डॉ. शाहदाब खान, निजी सचिव कृष्णकांत कुमावत, जितेन्द्र सिंह चौहान, लहरनाथ योगी सहित विद्यापीठ के विभागाध्यक्ष एवं डीन डायरेक्टर उपस्थित थे।


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories : InternationalNews , Education News
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like