विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि भारत के अयुदय में भारतीय प्रौदृाोगिकी का खास स्थान रहा है तथा देश अब उन क्षेत्रों में विकास को लेकर संशयवादी नहीं रह सकता, जिनके मजबूत राजनीतिक निहितार्थ हों। वैश्विक प्रौदृाोगिकी शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत जी-20 समूह की अपनी अध्यक्षता का उपयोग वैकि दक्षिण से जुड़े अपने हितों एवं चिंताओं को रेखांकित करने के लिये करेगा, जो वर्षो से नजरंदाज रहे हैं। विदेश मंत्री ने कहा, भारत का अयुदय, भारतीय प्रौदृाोगिकी के विकास से करीबी रूप से जुड़ा है। यह सेमीकंडक्टर क्षेत्र हो सकता है, 5जी या कृत्रिम बुद्धिमता का क्षेत्र हो सकता है। यह वाणिज्यिक अंतरिक्ष प्रक्षेपण, उपग्रह तैयार करने का क्षेत्र हो सकता है। उन्होंने कहा कि भारत का भू-राजनीतिक रख तय करने में प्रौदृाोगिकी को पर्यांप्त महत्व दिया जाना चाहिए, क्योंकि यह बहुध्रुवीय वि में गठबंधन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। जयशंकर ने कहा, हम प्रौदृाोगिकी को लेकर संशयवादी नहीं रह सकते हैं। हमें यह सोचना बंद करना होगा कि प्रौदृाोगिकी को लेकर कुछ निरपेक्ष है।