रामगंजमंडी, नेत्रदान के प्रति आमजन में जागरूकता दिन-ब-दिन बढ़ रही है। अब किसी शोक की स्थिति में परिजन स्वयं आगे आकर दिवंगत के नेत्रदान करवा रहे हैं, जिससे न केवल समाज में जागरूकता बढ़ रही है बल्कि परिवार को भी संतोष मिल रहा है।
ऐसी ही एक प्रेरणादायक घटना रामगंजमंडी के बाजार नंबर दो निवासी अजीत शाह के आकस्मिक निधन पर सामने आई।
हमेशा सेवा में संलग्न, प्रसन्नचित और विनम्र स्वभाव के धनी अजीत शाह के निधन की सूचना मिलते ही शाइन इंडिया फाउंडेशन के ज्योति मित्र प्रदीप सोनी ने तुरंत संपर्क साधा। संजय विजावत और प्रदीप सोनी ने परिवार को समझाइश दी। संयोगवश, अजीत शाह और उनके बड़े भ्राता महावीर शाह पहले ही नेत्रदान संकल्प पत्र भर चुके थे। इसलिए पत्नी उर्मिला, बेटे नितेश, गौरव और बेटी भारती ने तुरंत नेत्रदान के लिए सहमति दे दी।
जानकारी मिलते ही कोटा से डॉ. कुलवंत गौड़ ने तपती दोपहर, तेज गर्मी और रोहिणी नक्षत्र की स्थिति में खुद वाहन चलाकर एक घंटे में 80 किमी दूर रामगंजमंडी पहुंचकर नेत्र संकलन प्रक्रिया पूरी की। इस कार्य में महावीर शाह, अक्षय शाह, यशवंत शाह, दीपक पाराशर और विवेक भाटिया भी उपस्थित रहे।
रामगंजमंडी शाखा संयोजक संजय विजावत ने बताया कि शहर में चल रहे नेत्रदान जागरूकता अभियान के अंतर्गत अब तक 65 लोगों के नेत्रदान हो चुके हैं।
दुर्घटना देख रुक गए, घायलों को पहुंचाया अस्पताल
नेत्रदान संपन्न कर लौटते समय, दरा घाटी में तेज आंधी और बारिश के बीच झालावाड़ से अजमेर जा रही एक टैक्सी को तेज रफ्तार ट्रक ने टक्कर मार दी। डॉ. कुलवंत गौड़ और सहयोगी धीरज शर्मा ने तुरंत गाड़ी रोकी और घायलों को अपनी गाड़ी में बैठाकर कोटा के मैत्री हॉस्पिटल पहुंचाया, जहां प्राथमिक उपचार किया गया।
घायल मुकेश, जो झालावाड़ विद्युत विभाग में अतिरिक्त अभियंता हैं, के साथ उनकी पत्नी अंजना, बेटा नील और बेटी नेहल भी थे। दोनों बच्चों के चेहरे पर कांच लगने से गहरी चोटें आई थीं और खून बह रहा था। उपचार के बाद पूरा परिवार अजमेर की ओर रवाना हुआ।