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सांई तिरूपति विश्वविद्यालय का भव्य प्रथम दीक्षांत समारोह

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24 Dec 21
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सांई तिरूपति विश्वविद्यालय का भव्य प्रथम दीक्षांत समारोह

उदयपुर। सांई तिरुपति विश्वविद्यालय का भव्य प्रथम दीक्षांत समारोह शुक्रवार को विश्वविद्यालय परिसर उमरड़ा में आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि आरएनटी मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य एवं नियंत्रक डॉ. लाखन पोसवाल थे। विशिष्ट अतिथि गोविंद गुरु ट्राइबल विश्वविद्यालय बांसवाड़ा के कुलपति प्रो. इंद्रवर्धन त्रिवेदी थे। फाउंडर ट्रस्टी भोलाराम अग्रवाल, सांई तिरुपति विश्वविद्यालय के चेयरपर्सन आशीष अग्रवाल, श्रीमती शीतल अग्रवाल, एसटीयू के कुलपति प्रो. इंद्रजीतसिंह सिंघवी, रजिस्ट्रार देवेन्द्र अग्रवाल, डीन डॉ. मधु सिंघल सहित अकादमिक काउंसिल व बॉम के सदस्य, डीन, फेकल्टीज, अधिकारी, छात्र, अभिभावक सहित गणमान्यजन मौजूद थे।




दीक्षांत समारोह अकादमिक प्रोसेशन के साथ शुरू हुआ। राष्ट्रगान के बाद प्रेसिडेंट (वीसी) डॉ. इंद्रजीत सिंघवी ने सांकेतिक रूप से ड्रम बजाते हुए प्रथम दीक्षांत समारोह के शुभारंभ की घोषणा की। समारोह में अतिथियों ने करतल ध्वनि के बीच दीक्षार्थियों को डिग्रियां व मेडल प्रदान किए तो उनके चेहरे खिल उठे। प्रोफेसर एनॉटोमी डॉ. मोनाली सोनावाने ने सभी डिग्रीधारियों को शपथ दिलाई। दीक्षांत समारोह में प्रथम बैच (2015-16) के 142 एमबीबीएस, बीएससी नर्सिंग प्रथम बैच (2017-18) को डिग्रियां प्रदान की गई। एमबीबीएस में स्वर्ण पदक अनिषा शर्मा जबकि बीएससी नर्सिंग में स्वर्ण पदक उमर शरीफ खांडे को प्रदान किया गया। एमबीबीएस में आयुष चपलोत को रजत पदक, बीएससी नर्सिंग में सायमा चौधरी को रजत पदक प्रदान किए गए।
विशिष्ट अतिथि प्रो. आईवी त्रिवेदी ने कहा कि जब तक कि आप वास्तविक दुनिया की चुनौतियों को स्वीकार नहीं करते हैं तब डिग्री सिर्फ एक कागज का टुकड़ा है। डाक्टर यौद्धा हैं, उनके सामने कई चुनौतियां हैं। सांई तिरुपति विवि के डिग्रीधारियों को खिले चहरे देख कर लगता है कि हमारा आने वाला भविष्य उज्जवल है। डाक्टर के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि वो स्किलफुल हो, वास्तविक दुनिया में रचा-बसा हो।
मुख्य अतिथि डॉ. लाखन पोसवाल ने आशीष अग्रवाल को दीक्षांत समारोह के लिए साधुवाद दिया व कहा कि आरएनटी में मैंने कभी दीक्षांत नहीं करवाया है, आपसे प्रेरणा लेकर अगली बार दीक्षात समारोह करवाऊंगा। कई दृष्टांत और शेयर सुनाते हुए डॉ. पोसवाल ने दीक्षार्थी डाक्टरों को जीवन में सदा सकारात्मक एटीट्यूड रखने, हर परिस्थिति में सहज रहने और मरीजों की सेवा को तत्पर रहने की सीख दी। उन्होंने कहा कि एमबीबीएस के बाद केवल पीजी व अन्य लक्ष्यों के बारे में ही ना सोचकर यह भी ध्यान में रखें कि गांव व गरीबी से जूझ रहे क्षेत्रों में आपकी सेवाओं की सख्त जरूरत है। आरएनटी मेडिकल कॉलेजों में भी जूनियर रेजिडेंट की सीटें खाली हैं, वहां पर कार्य कर मरीजों की सेवा कर सकत हैं।




डॉ. पोसवाल ने कहा कि वर्तमान में डाक्टरी पढ़ाई में ट्रेंड खराब चल रहा है। नामी डाक्टर्स की फेकल्टी पढ़ाने वाली है मगर स्टूडेंट्स कक्षाओं में कम आते हैं, हमें इस ढर्रें को बदलना होगा। एनएमसी भी अब सीवीएमई याने कॉम्पीटीशन बेस्ड मेडिकल एजुकेशन हो गया है। जब तक आपको पेशेंट के एज्जामिशने का तरीका पता नहीं है, डिफेंशियल डायग्रोसिस बनाने का तरीका पता नहीं है, क्या रिलवेंट इन्वेस्टीगेशन्स हैं, पेशेंट से बात कैसे करनी है, तब तक आप कितना भी पढ़ लीजिए वो किसी काम का नहीं। मेडिकल की पढ़ाई कभी खत्म नहीं होती। वर्तमान की स्क्रब टाइफस, डेंगी, मलेलिया, कोविड के केसेज की चुनौती बिना प्रेक्टिकल ज्ञान के स्वीकार नहीं की जा सकती। आजकल तो नीट परीक्षा में भी सवाल क्लिनिकल सिनेरियो के आते हैं। जब तक आपने पेशेंट्स नहीं देखे, तब तक प्रश्नों को हल करने में तकलीफ होगी। कभी भी लर्निंग मत रोकिये। सफलता कभी अंतिम नहीं होती, यह एक यात्रा है, अंतिम पड़ाव नहीं। सेमिनार, वेबिनार कॉन्फ्रेंस अटेंड करें। जिनका नीट में नहीं हुआ है वे घर बैठ कर तैयारी की जगह फील्ड में काम करें। मेडिकल साइंस लर्निंग बाय डूइंग है। कुछ स्किल्स देखने, विटनेस करने से सीखी जाती हैं।
डॉ. पोसवाल ने कहा कि जिंदगी में ज्यादा लोड नहीं लेना चाहिए, जैसी परिस्थितियां बनती है उसी के अनुसार चलते रहना चाहिए। जो बेस्ट अपाच्र्यूनिटी मिले, उस हिसाब से काम करते रहना चाहिए। कोई जरूरी नहीं है कि हम जो चाहें, हमें मिल जाएं। पॉजिटिव रहिये, लीडरशिप की क्वालिटी रखिये। सच्चे दिल से मीरज के हित के बारे में सोचिये, अपने स्वार्थ व आराम का त्याग कीजिए। पेशेंट को आपने सीरियसली अटेंड किया है पूरे मन से सेवा की है, अच्छी काउंसलिंग की है व उसके बाद भी कोई अनहोनी हो गई है तो मेरा दावा है कि कोई हंगाम नहीं होगा। सोसायटी आपकी गलतियों को माफ कर देगी।  मेडिकल में नॉलेज बहुत जल्दी अपडेट होता रहता है इसलिए नॉलेज को अपडेट करते रहें।
चेयरपर्सन आशीष अग्रवाल ने दीक्षार्थियों को बधाई देते हुए उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि मुझे बताते हुए हर्ष हो रहा है कि पीआईएमएस के आधे से ज्यादा स्टूडेंट्स नीट पीजी क्वालीफाई कर गए हैं जो हम सबके लिए गर्व की बात है।
चेयरपर्सन शीतल अग्रवाल ने सांई तिरूपति विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में आए अतिथियों का स्वागत एवं अभिनन्दन करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय अपनी स्थापना के पांचवें वर्ष मे प्रवेश कर चुका है। इन पांच वर्षों मे हमने कई उतार-चढ़ाव देखे एवं विश्वविद्यालय निरन्तर प्रगति पथ पर अग्रसर है। प्रथम सत्र एमबीबीएस व नर्सिंग के छात्र आज अपनी दीक्षा प्राप्त कर रहे हैं उन्हें विवि परिवार की ओर से बधाई एवं उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं। उम्मीद है कि दीक्षार्थी विश्वविद्यालय के यश में अभिवृद्धि करेंगे।
डॉ. इंद्रजीत सिंघवी ने कहा कि सांई तिरुपति विश्वविद्यालय अप्रैल 2016 में स्थापित किया गया था और स्थापना के बाद से चिकित्सा विज्ञान, नर्सिंग, फार्मेसी, फिजियोथेरेपी और फैशन प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर ख्याति प्राप्त की है। विश्वविद्यालय को यूजीसी धारा 2 (एफ) की मंजूरी मिल गई है। शीघ्र ही विश्वविद्यालय नैक मान्यता और एनआईआरएफ रैंकिंग जा रहा है। विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान की जाने वाली डिग्री को यूजीसी अधिनियम की धारा 2 (एफ) के तहत अनुमोदित किया गया है। विश्वविद्यालय ने अपने अधिनियम की अनुसूची दो में संशोधन के लिए राज्य सरकार की समिति का सफलतापूर्वक निरीक्षण करवाया है व राजस्थान में ऐसा करने वाले केवल दो विश्वविद्यालय ही हैं। हमारे संघटक मेडिकल कॉलेज पीआईएमएस का नाम मेडिकल स्कूल की विश्व निर्देशिका की सूची में शामिल किया गया है और ईसीएफएमजी की ओर से स्पोंसरशिप नोट को शामिल किया गया है ताकि हमारे मेडिकल स्नातक अमेरिका और कनाड़ा में अभ्यास करने के लिए पात्रता परीक्षा में बैठने के योग्य हों। नर्सिंग स्नातकों को हमारे अपने अस्पताल के साथ-साथ इंदिरा आईवीएफ और जेके पारस अस्पताल में स्थानीय स्तर पर 100 प्रतिशत प्लेसमेंट मिला है तथा वे बहुत कुशलता व दक्षता के साथ काम कर रहे हैं। विश्वविद्यालय ने अगले शैक्षणिक सत्र में पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग, पैरामेडिकल साइंसेज में डिग्री और डिप्लोमा, अस्पताल प्रशासन में एमबीए शुरू करने की योजना बनाई है। विविध पाठ्यक्रमों को शुरू करने साथ ही विश्वविद्यालय का बहुआयामी विस्तार किया जाएगा। रजिस्ट्रार देवेन्द्र जैन ने धन्यवाद की रस्म अदा की।

 


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