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राजस्थानी अकादमी का कार्यक्रम, लोकनृत्यों ने मन मोहा 

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30 Oct 25
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नीति गोपेन्द्र भट्ट 

नई दिल्ली। राजस्थान अकादमी नई दिल्ली की ओर से नवाँ सुभाष लखोटिया श्रवण कुमार पुरस्कार से राजस्थान के भरतपुर जिले के बयाना कस्बे के मूल निवासी योगेश कुमार भावरा को दिल्ली के आई टी ओ के समीप ऐवन ए गालव ओडिटोरियम में बुधवार को नवाजा गया जिसमें एक लाख रुपए नगद और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया तथा  शॉल ओढ़ाकर पुष्प गुच्छ अर्पित किए।

पुरस्कार श्री लंका की भारत में उच्चायुक्त प्रदीपा महेशनी कोलोन, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ तिमोर लेस्ते के भारत में राजदूत  कारलीको न्यूनस,यूनियन ऑफ कोमोरोस के भारत स्थित प्रेसीडेंट काउंसल जनरल के एल गंजू, राजस्थान अकादमी नई दिल्ली के अध्यक्ष डॉ गौरव गुप्ता,सचिव सुमन माहेश्वरी, भारतीय शास्त्रीय संगीत की संगीतज्ञ पद्मश्री नलिनी एवं कमलिनी ने संयुक्त रूप से दिया।

इस अवसर पर सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह एवं शॉल से सम्मानित किया।

 

अकादमी के अध्यक्ष डॉ गौरव गुप्ता ने कहा कि अकादमी की ओर से तेतीसवीं राजस्थानी लोकनृत्य प्रतियोगिता तथा ग्यारहवीं चित्रकला प्रतियोगिता के विजेताओं को भी सम्मानित किया गया  । दिल्ली एनसीआर के 20 से अधिक स्कूलों के विद्यार्थियों ने राजस्थानी लोकनृत्यों की शानदार प्रस्तुतियां दीं।

पिछले 3 दशकों से 500 स्कूलों के करीब 10000 कलाकारों को अकादमी ने मंच उपलब्ध कराया है। उन्होंने बताया कि विभिन्न देशों के राजदूतों तथा अनेक राजनेताओं के साथ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी तथा पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम ने भी इस मंच से कलाकारों को प्रोत्साहित किया है।

 

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि श्रीलंका की भारत में उच्चायुक्त प्रदीपा महेशनी कोलोन ने कहा कि भारत और श्री लंका के बीच में लंबे समय से प्रगाढ़ संबंध रहे हैं और श्री लंका भारत के समृद्ध लोकतंत्र की सराहना करता  है।राजस्थान भ्रमण के दौरान यहां की संस्कृति को करीब से देखने का अवसर मिला यहाँ की सजीली मनभावन संस्कृति एवं  लोकनृत्य तथा भोजन उन्हें सदैव ही प्रिय रहा है।

 डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ तिमोर लेस्ते के भारत में राजदूत कारलीतो न्यूनस ने कहा कि भारत और तिमोर के मध्य द्विपक्षीय  संबंध अब मजबूत हो रहे हैं। उनके देश के युवा भारतीय बॉलीवुड फिल्मों और अदाकारों के दीवाने हैं।

 

यूनियन ऑफ कोमोरोस के भारत स्थित प्रेसीडेंट काउंसल जनरल के एल गंजू ने कहा कि नौकरी छोड़ अपने पिता की सेवा में रहकर योगेश कुमार भावरा ने एक आदर्श स्थापित किया है और एक पत्रकार के रूप में वो पहले ही अपनी छाप छोड़ चुके हैं।

सभी अतिथियों ने योगेश कुमार भावरा की सेवा भावना की प्रशंसा की और भावी पीढ़ी को भी अनुकरण करने का आग्रह किया।

इस अवसर पर पुरस्कार से सम्मानित योगेश कुमार भावरा ने कहा कि अकादमी द्वारा  राजस्थान की संस्कृति को बढाने का कार्य वंदनीय है। तीन दशकों से अनवरत जारी यह कार्य वटवृक्ष का रूप ले चुका है।वृद्ध पिता की सेवा हर पुत्र का कर्तव्य है वो स्वंय को भाग्यशाली मानते हैं कि उन्हें स्वतंत्रता सेनानी अपने वृद्ध पिता की सेवा  का यह अवसर प्राप्त हुआ।अपने पिता से प्रेरणा एवं संस्कारों को थामकर देश तथा समाज की सेवा का प्रयास करते रहेंगे।कार्यक्रम में राजस्थानी अकादमी के विशेष, स्थायी व अन्य सदस्य उपस्थित रहे तथा मंच संचालन सचिव सुमन माहेश्वरी ने किया ।


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