उदयपुर। राजस्थान के राज्यपाल श्री हरिभाऊ किसनराव बागड़े ने गुरुवार को उदयपुर में भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय में आयोजित ’पंडित दीनदयाल उपाध्यायः एकात्म मानव दर्शन - हीरक जयंती समारोह’ में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। यह समारोह पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति समारोह समिति जयपुर, जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ उदयपुर और भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया। इस अवसर पर सहकारिता मंत्री गौतम दक, समाजसेवी गजपाल सिंह राठौड़, प्रोफेसर एस.एस. सारंगदेवत, बी.एन. संस्थान के अध्यक्ष मोहब्बत सिंह, पूर्व कुलपति एम.एल. छीपा, बी.एन. संस्थान के सचिव महेंद्र सिंह आगरिया और मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय की कुलगुरु डॉ. सुनीता मिश्रा सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। समारोह स्थल पर पहुंचने पर पुलिस जवानों ने राज्यपाल को गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
राज्यपाल ने साझा किए अनुभव, सम्मानित किए साक्षी
राज्यपाल श्री बागड़े ने अपने संबोधन में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के साथ बिताए पल साझा किए और मेवाड़ की धरती को शूरवीरों की धरती बताया। उन्होंने कहा कि मेवाड़ की धरती ने देश और धर्म के लिए बलिदान दिया है। उन्होंने पंडित जी के जीवन के कई प्रेरक प्रसंगों का उल्लेख किया, जिसमें उनकी असाधारण मेधा, गरीबों के प्रति उनका प्रेम और राष्ट्र के प्रति उनकी अटूट निष्ठा शामिल है। राज्यपाल ने बताया कि दीनदयाल जी ने कभी कोई परीक्षा ऐसी नहीं दी जिसमें वह प्रथम न आए हों, और किस प्रकार उन्होंने बच्चों के लिए साहित्य की आवश्यकता महसूस कर चंद्रगुप्त मौर्य का इतिहास लिखा। उन्होंने बताया कि दीनदयाल जी किस तरह साधारण वेशभूषा में रेल में यात्रा करते थे और दरिद्र नारायण की सेवा में विश्वास रखते थे। इस अवसर पर राज्यपाल ने उदयपुर के बेदला निवासी एडवोकेट खूबीलाल सिंघवी, बोहरा गणेश जी निवासी बंशीलाल गदिया और बड़गांव निवासी पन्नालाल शर्मा को सम्मानित किया। ये सभी वे लोग थे जिन्होंने 1964 में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के भाषण के साक्षी रहे थे। राज्यपाल ने उनके साथ पुराने अनुभव भी साझा किए।
राज्य सरकार गरीब को गणेश मानकर कर रही सेवा- सहकारिता मंत्री दक
सहकारिता मंत्री श्री गौतम दक ने ’एकात्म मानव दर्शन’ को आज भी प्रासंगिक बताया और ’अंत्योदय’ के विचार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों से जोड़ा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में इन विचारों को आत्मसात कर योजनाओं को धरातल पर उतारा है, जिसके परिणामस्वरूप 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं। उन्होंने राजस्थान में मुख्यमंत्री श्री भैरोसिंह शेखावत की ’काम के बदले अनाज’ योजना और वर्तमान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की ’गरीब को गणेश मानकर’ काम करने की भावना का भी जिक्र किया।