उदयपुर । दक्षिण राजस्थान के प्रतिष्ठित पेसिफिक विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों के उल्लेखनीय अकादमिक प्रदर्शन के आधार पर डिग्री प्रदान करने के लिए दीक्षांत समारोह का आयोजन भव्यता के साथ किया गया । 2023 में स्नातक, स्नातकोत्तर, डिप्लोमा तथा पीएचडी की उपाधि अर्जित करने वाले 952 विद्यार्थियों को इस दीक्षांत समारोह में डिग्री वितरित की गयी। समारोह में भारत के साथ सर्बिया, बेल्जियम, यूनाईटेड किंगडम, रूस, स्कॉटलेंड, जार्जिया और पोलेण्ड से आए प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।
दीक्षान्त समारोह का उद्घाटन भव्य परेड के बाद चेयरपर्सन राहुल अग्रवाल की घोषणा के साथ हुआ। इस दौरान पेसिफिक समूह के एक्सीक्यूटिव डायरेक्टर अमन अग्रवाल, मुख्य अतिथि युनेस्को एम.जी.आई.ई.पी. चेयरमेन प्रो. बी.पी. शर्मा, गेस्ट ऑफ ऑनर सिक्योर मीटर के चेयरमैन संजय सिंघल, स्पेशल गेस्ट मोहन जी फाउण्डेशन के फाउण्डर मोहन जी, रजिस्ट्रार शरद कोठारी, प्रेसिडेंट प्रो.के.के. दवे, बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट के सभी सदस्य और एकेडमिक काउंसिल के सदस्य उपस्थित रहे। समारोह को लेकर विद्यार्थियों में काफी उत्साह और खुशी दिखी। यहां विद्यार्थियों के साथ उनके अभिभावक भी उपस्थित रहे।
पेसिफिक यूनिवर्सिटी के चेयरपर्सन राहुल अग्रवाल ने कहा कि भारत के उद्योगों का रीढ स्तम्भ हमारे यहां से पढ़ाई पूरी करने वाले विद्यार्थी बनेंगे। स्थापना के समय से ही विश्वविद्यालय का लक्ष्य मार्केट की मांग को ध्यान में रखकर पेशेवर तैयार करना रहा है। पिछले 27 वर्षों में लाखों विद्यार्थियों ने यहां से शिक्षा प्राप्त कर के करियर में ऊंचाइयां हासिल की है और विकसित भारत के निर्माण के लिए प्रयास कर रहे हैं। प्रबंधन शिक्षा के साथ पेसिफिक विश्वविद्यालय की यात्रा शुरू हुई थी, जहां आज 25 से अधिक संकायों का सफलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है। भविष्य में भी नये कॉर्सेस संचालित करने की योजना है।
मुख्य अतिथि युनेस्को एम.जी.आई.ई.पी. चेयरमेन प्रो. बी.पी. शर्मा ने कहा कि भारत के पास आज विश्व की सर्वाधिक कार्यशील आयु की जनसंख्या है ये सभी कार्ययुक्त हो जाए तो भारत विश्व की सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था बन सकता है। आज के समय में भारत के पास विश्व में सबसे अधिक प्रतिभाशाली युवाशक्ति है। आगामी दशक ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था के होंगे। सम्पूर्ण विश्व में ज्ञान आधारित उत्पादों की मांग बढ़ेगी। चौथी आद्यौगिक क्रान्ति के दौर में विश्व का नेतृत्व भारत करेगा।
विशिष्ट अतिथि सिक्योर मीटर के चेयरपर्सन संजय सिंघल ने संबोधित करते हुए कहा कि जीवन के ग्रोथ के लिए लगातार नया जानने, समझने की जिज्ञासा होनी चाहिए । डिग्री पूरी करने के बाद विद्यार्थी पर बड़े निर्णय लेने की जिम्मेदारी होती है। साथ ही उन्होंने कहा कि पेसिफिक विश्वविद्यालय समय की मांग को देखते हुए अच्छे आईटी एक्सपर्ट तैयार कर रही है। कौशल आधारित कार्सेस का संचालन करके कई पेशेवर दिये हैं। उन्होंने सराहना करते हुए कहा कि दक्षिण राजस्थान में पेसिफिक विश्वविद्यालय रियायती फीस में रोजगारपरक उच्च शिक्षा प्रदान कर रहा है जिससे आदिवासी अंचल में आशा की नयी किरण जागृत हुई है और आदिवासी अंचल के कई विद्यार्थियों को राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर उच्च पदों पर सेवाएं देने का अवसर प्राप्त हुआ है।
स्पेशल गेस्ट मोहन जी फाउण्डेशन के फाउण्डर मोहन जी ने कहा कि मुझे प्रसन्नता हो रही है कि मैं इतने बड़े विश्वविद्यालय का सदस्य बना हूँ । जिस विजन के साथ इसकी स्थापना की गयी थी, उसी दिशा में प्रयत्नों से सफलता मिल रही है। शिक्षा और नैतिक मूल्यों के समागम पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि इसी से पेसिफिक में विद्यार्थियों का संतुलित एवं समग्र विकास हो रहा है। विद्यार्थी योजना बनाकर सेवा प्रदाताओं के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सराहनीय योगदान दे रहे हैं। यहां से नैतिक व पेशेवर रवैया विद्यार्थियों में विकसित हो रहा है जिससे कि स्वस्थ प्रतिस्पर्धा सृजित करने में मदद मिले।
रजिस्ट्रार शरद कोठारी ने कहा कि दीक्षान्त समारोह में डिग्री मिलने से विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन होता है। विश्वविद्यालय के विद्यार्थी को पाठयक्रम अध्यापन के साथ संस्कारों का ज्ञान दिया जाता है। जिससे वे अपने अर्जित ज्ञान, कौशल और मूल्यों का उपयोग करके समाज में सकारात्मक प्रभाव डालने को प्रेरित हो।
प्रेसिडेंट प्रो.के.के. दवे ने विश्वविद्यालय द्वारा विविध शिक्षा व अन्य गतिविधियों से संबंधित राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय एमओयू, कौशल एवं उद्यमिता विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों का ब्यौरा दिया। उन्होंने कहा कि एमओयू से विद्यार्थी एक्सचेंज की सुविधा मिल रही है जिससे विद्यार्थियों को विषय विशेषज्ञों से गहन शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। पेसिफिक विवि ने इस वर्ष जीएचएच जर्मनी, एलपीयू फिलिपिंस, आईएसडीसी, एसीसीए यूके, सीएमए यूएसए, सीएफए, अपग्रेड केम्पस, एनएससी इण्डिया, लैब कम्प्यूटर यूएसए और अन्य कई बड़े संस्थानों के साथ एमओयू किया है। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत विश्वविद्यालय द्वारा विद्यार्थियों के समस्त विकास पर विस्तृत जानकारी दी। साथ ही उन्होंने बताया कि गुणवत्तायुक्त शिक्षा के लिए विश्वविद्यालय को कई राष्ट्रीय सम्मानों से नवाजा गया है।
डीन पीजी प्रो. हेमन्त कोठारी ने बताया कि इस सत्र में स्नातक स्तर पर उत्तीर्ण रहे 448 विद्यार्थियों, 155 स्नातकोत्तर विद्यार्थियों, 269 डिप्लोमा विद्यार्थियों को डीग्री और 80 पी.एच.डी. शोधार्थियों उपाधि प्रदान की गयी । मैनेजमेंट, कॉमर्स, इंजीनियरिंग, डेंटल, एजुकेशन फार्मेसी, कंप्यूटर एप्लीकेशन,, होटल मैनेजमेंट, फायर एंड सेफ्टी मैनेजमेंट, विज्ञान, योग, सोशल साइंस एंड ह्यूमैनिटीज, एग्रीकल्चर, डेयरी एंड फूड टेक्नोलॉजी, फिजिकल एजुकेशन और विधि संकाय में प्रथम तथा द्वितीय स्थान अर्जित करने वाले विद्यार्थियों को स्वर्ण मेडल तथा रजत मेडल से सम्मानित किये गये।
एक्सीक्यूटिव डायरेक्टर अमन अग्रवाल ने डिग्री प्राप्त करने वालों को बधाई दी और कहा कि जिस प्रकार सभी ने मेहनत करके पढ़ाई पूरी की है उसी प्रकार देश की सेवा और विकास करने का हर संभव प्रयास करना चाहिए।