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कांग्रेस की दूसरी सूची में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की छाप

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23 Oct 23
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कांग्रेस की दूसरी सूची में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की छाप

स सूची में गहलोत मंत्रिपरिषद के अधिकांश मंत्रियों और विधायकों को फिर से उम्मीदवार बनाया गया हैं लेकिन अभी भी  कुछ मंत्रियों शांति धारीवाल महेश जोशी और आरटीडीसी के चेयरमेन धर्मेन्द्र राठौड़ आदि के नाम इसमें शामिल नही है।

सूची में गहलोत सरकार को समर्थन देने वाले कुछ निर्दलीयों को टिकट दे दिया गया है। इसके अलावा अपेक्षा के अनुरूप राज्य के पूर्व मुख्य सचिव निरंजन आर्य को पाली जिले के सोजत से टिकट दिया गया है। पूरी सूची में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की छाप दिखाई दे रही है।

कांग्रेस और भाजपा प्रत्याशियों की पहली एवं दूसरी सूची आने के बाद अब इसका विरोध भी शुरू हो गया है। कांग्रेस में जयपुर शहर की मालविया नगर की सीट पर दो बार की पराजित और राजस्थान समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष अर्चना शर्मा को टिकट देने के विरोध में राजस्थान विप्र बॉर्ड के अध्यक्ष महेश शर्मा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपना इस्तीफ़ा भेज दिया है। इस सीट पर टिकट आवंटन से पहलें राजसीको के अध्यक्ष तथा मुख्य मंत्री के करीबी राजीव अरोड़ा ने भी दिल्ली में कांग्रेस के वार रूम के सामने प्रदर्शन हुआ था।

वही दूसरी ओर भाजपा की पहली सूची के बाद राजस्थान में हुए विरोध को देखते हुए पार्टी बैक फुट पर नजर आई । भाजपा का राजस्थान में मध्य प्रदेश फार्मूला नहीं चल पाया और दूसरी सूची में सांसदों के नाम गायब हैं । इस सूची में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और उनके समर्थकों को भरपूर जगह मिली है। बीजेपी ने 10 महिलाओं को मौका दिया है।साथ ही भाजपा का दामन थामने वाली ज्योति मिर्धा को भी पार्टी ने चुनाव मैदान में उतारा है।।पहली सूची में 41 में से 7 सांसद शामिल थे,लेकिन उसके बाद राजस्थान में हुए विरोध को देखते हुए दूसरी लिस्ट में वसुंधरा खेमे के अधिकांश नाम नजर आयें। इस सूची में 83 उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है जिसमें वसुंधरा के समर्थक 27 नेता शामिल हैं। दूसरी सूची में भाजपा कुछ उम्रशुदा और विवादित तथा अन्य कारणों से सिर्फ़ सात सीटिंग विधायकों के टिकट ही काट पाई है।जोधपुर शहर के सूरसागर से लम्बे समय से विधायक रही वयोवृद्ध विधायक सूर्य कांता व्यास ने अपना टिकट काटने के पार्टी के फैसले पर कोई विरोध दर्ज नही किया है।

 

फिर भी भाजपा में दूसरी सूची जारी होने के बाद अन्य स्थानों पर विरोध का क्रम जारी है।चित्तौड़गढ़, उदयपुर, राजसमन्द, प्रतापगढ़, अलवर और जयपुर के सांगानेर समेत कुछ अन्य स्थानों पर कार्यकर्ता प्रत्याशियों के विरोध में उतर आए हैं। 

उदयपुर में भाजपा के ताराचंद जैन को उम्मीदवार बनाए जाने का  भी भारी विरोध हो रहा है। बूंदी विधानसभा सीट से प्रत्याशी अशोक डोगरा के खिलाफ नाराजगी सामने आई है। वहीं, अलवर शहर से लगातार दूसरी बार प्रत्याशी बनाए गए संजय शर्मा का भी विरोध हो रहा है। 

 

चित्तौड़गढ़ में दो बार जीतकर विधायक बने मौजूदा विधायक चंद्रभान सिंह आक्या का टिकट कट गया। उन्होंने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी  पर कई गंभीर आरोप लगाए है और कहा कि उन्होंने व्यक्तिगत द्वेष से उनका टिकट कराया है । जोशी ने मेरे साथ खुन्नस निकाली है। उन्होंने कहा- ये झगड़ा पुराना है। जब मैं एबीवीपी का कार्यकर्ता था, उस समय सीपी जोशी एनएसयूआई में थे।  दो दिनों में कोई उचित फैसला नही हुआ तों वे कार्यकर्ताओं की भावना के अनुरूप चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में ताल ठोंक सकते है।नाराज नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के खिलाफ उनके ही गृह जिले में जकर विरोध-प्रदर्शन कर नारेबाजी की तथा उनके निवास पर पत्थर बाजी की है। 

चित्तौड़गढ़ में भाजपा ने पूर्व उप राष्ट्रपति स्वर्गीय भेरों सिंह शेखावत के दामाद नरपत सिंह राजवी को  टिकट दिया गया है । पहली सूची में उनका नाम जयपुर की विधानगर  सीट से काट दिया गया जिसके विरोध राजवी और उनके समर्थकों ने गहरी नाराज़गी जाहिर की थी और स्व शेखावत की पुत्री और राजवी की पत्नी मनकँवर में एक भावुक विडीयो भी जारी किया था । प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने राजवी से मिल कर उनकी नाराज़गी दूर करने की कौशिश की थी और दूसरी सूची के उन्हें चित्तौड़गढ़ से टिकट दे भी दिया । वे पहलें भी चित्तौड़गढ़ से दो बार विधायक रहे है।लेकिन चित्तौड़गढ़के वर्तमान विधायक आक्या और उनके समर्थक पार्टी से ज़बर्दस्त नाराज़ हों गया।

उदयपुर में पार्षद तारा चंद जैन को टिकट देने पर उप महापौर पारस सिंघवी बोले कि नाम बदला नही गया तो आर-पार की लड़ाई होगी । जैन का नाम सामने आने के बाद सिंघवी ने खुलकर अपनी बात रखी और असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया को भी निशाने पर लिया। सिंघवी ने कहा कि कटारिया उदयपुर की राजनीति को दूषित कर रहे हैं। जिस ताराचंद को टिकट दिया गया है,उन्होंने पांच साल पहले पार्टी को हराने का काम किया था। पार्टी अपने फैसले पर फिर से विचार करें नहीं तो आर-पार की लड़ाई लड़नी होगी   

इसी प्रकार बूंदी सीट से अशोक डोगरा को भाजपा ने प्रत्याशी बनाया है। डोगरा यहां से लगातार चुनाव जीत रहे हैं। शनिवार को सूची में उनका नाम सामने आने के बाद उनके विरोधी गुट ने डोगरा का विरोध शुरू कर दिया। इस दौरान नारेबाजी कर उनका पुतला भी फूंका गया। 

अलवर में भी भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ नारे लगे है।भाजपा ने अलवर शहर से लगातार दूसरी बार संजय शर्मा को टिकट दिया गया है। शर्मा का नाम सामने आते ही कार्यकर्ताओं ने विरोध शुरू कर दिया। इस दौरान भाजपा और ओम माथुर के खिलाफ नारे लगाए गए। साथ ही शर्मा का पुतला भी फूंका गया।  

उल्लेखनीय है कि राजस्थान में 200 विधानसभा सीट हैं. भारतीय जनता पार्टी ने उम्मीदवारों की दो  लिस्ट जारी कर दी हैं।इनमें 124 उम्मीदवार की घोषणा हो चुकी है।इस हिसाब से भाजपा को अब केवल राजस्थान में 76 सीटों पर उम्मीदवार की घोषणा करनी है, जबकि कांग्रेस की अभी पहली लिस्ट ही आई है, इसमें 33 नामों का ऐलान किया गया है।कांग्रेस के अभी 167 नाम आना बाकी है।राजस्थान में 25 नवंबर को मतदान है और इसके लिए छह नवंबर तक नामांकन भरें जा सकेंगे।


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