कोटा भारतीय जनता पार्टी के कोटा के पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने आरोप लगाया और कहा कि रिवर फ्रंट में पांच सो करोड़ का घोटाला, तीन माह बाद हमारी सरकार आएगी तब यह सब जेल जाएंगे कोटा उत्तर पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने प्रेस वार्ता कर नगर विकास न्यास द्वारा 1500 करोड़ से बनाए गए रिवर फ्रंट के संचालन में भारी अनियमितताओं का आरोप लगाये। गुंजल ने कहा कि करोड़ों रुपए खर्च कर शहर वासियों को गुमराह करके प्रचारित किया गया कि हमने 1500 करोड़ में ऐसा वैश्विक अजूबा तैयार कर दिया है की यह कोटा की ग्रोथ बढ़ा देगा, रोजगार जनरेट कर देगा, लोगों की आजीविका बढ़ जाएगी और साथ ही यूआईटी को भी मालामाल कर देगा । परंतु ऐसा नहीं हुआ जब यूआईटी द्वारा टेंडर निकाला गया कि संवेदक आए खुद कमाए खुद खाये बस 5 करोड रुपए सालाना यूआईटी को दे दे तो दो-दो बार टेंडर निकालने पर भी जब कोई नहीं आया तो उल्टा कुछ अव्यवहारिक शर्तों के साथ 20 करोड़ से अधिक सालाना के हिसाब से 5 साल का 100 करोड रुपए उल्टा संवेदक को देने की शर्तों के साथ रिवर फ्रंट के रखरखाव का टेंडर निकाला । जिसके अनुसार 5 साल में जीएसटी सहित 182 करोड रुपए यूआईटी संवेदक को देगी साथ ही यह भी शर्त शामिल की गई की इस टेंडर को आगे भी 3 साल तक बढ़ाया जा सकता है । उन्होंने आरोप लगाया कि यह सारा का सारा खेल अपने बेटे के लिए किया जा रहा है।
गुंजल ने कहा कि मैनेज कर लाई गई फर्म को लाभ पहुंचाने की नियत से रिवर फ्रंट के फैसिलिटी मैनेजमेंट के नाम से निकाली गई इस निविदा में भी काफी अव्यावहारिक शर्तें जैसे संवेदक को 50 लाख रुपए प्रति माह के कलेक्शन का अनुभव, 1500 लोगों के स्टाफ जिसका पीएफ ईएसआई जमा करता हो इत्यादि इत्यादि। गुंजल ने कहा कि संभवतया पूरे प्रदेश में व देश में सिंगल निविदा स्वीकार नहीं की जाती है परंतु इस राज में कमीशन खोरी व चुनिंदा लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए निवदाओं में इस तरह की शर्तें जोड़ी जाती हैं कि सिर्फ सिंगल टेंडर ही प्राप्त हो वह भी बीएसआर रेट से कई अधिक दरो पर। इसी प्रकार इस निविदा में भी सिंगल बिड पर कार्यादेश जारी किया गया एवं इसके बाद कागजी खाना पूर्ति करते हुए संवेदक से नेगोशिएशन किया गया और उसे 5 वर्ष का कार्य करने का ठेका दे दिया गया जो की नगर विकास न्यास की दर से 5 वर्ष के लिए 100 करोड़ में आमंत्रित किया गया था वही टेंडर संवेदक को 154 करोड़ 63 लाख व 18% जीएसटी अलग से दे होगी के रूप में दे दिया गया इस तरह यह कार्यदेश सभी करो सहित 182 करोड़ के आसपास होता है जो की निविदा की मूल राशि से 80% अधिक है उन्होंने कहा कि यह प्रदेश में 80% अधिक दर पर किया गया पहला अनुबंध होगा। गुंजल ने कहा कि 15 करोड़ से अधिक की कोई भी फाइल के कार्य आदेश को मंत्री स्तर पर अनुमोदन के पश्चात ही जारी किया जाता है तो यह फाइल भी नियमानुसार मंत्री के स्तर पर अनुमोदित की गई है। जिसमें पर्दे के पीछे भारी भ्रष्टाचार किया गया है।
*रिवर फ्रंट पर तैनात स्टाफ के वेतन चौंकाने वाले*
गुंजल ने कहा कि रिवर फ्रंट पर कार्यरत स्टाफ के वेतन जो टेंडर में रखे गए हैं वह चौंकाने वाले हैं उन्होंने कहा कि रिवर फ्रंट पर इलेक्ट्रिक व्हीकल चलने वाले 20 ड्राइवर रखे जाएंगे जिसमे प्रति ड्राइवर वेतन 74,250 प्रति माह 8 घंटे की सिंगल शिफ्ट के लिए होगा, रिवर फ्रंट मैनेजर का वेतन 2,22,000 रुपए प्रतिमाह, फैसिलिटी मैनेजर का वेतन 1,23,200, इवेंट मैनेजर का वेतन 83,600 प्रतिमाह,इवेंट स्टाफ का वेतन 43,600 प्रतिमाह, लाइजनिंग हेड 66,000 प्रतिमाह, असिस्टेंट फैसिलिटी मैनेजर 77,000 , हाउस कीपिंग सुपरवाइजर 22,330, बाउंसर 18,700 प्रतिमाह। गुंजल ने आरोप लगाया कि इसमें भी स्टाफ के वेतन के नाम पर भी भारी भ्रष्टाचार होगा।
*पर्दे के पीछे यदि बेटा नहीं है तो मंत्री निरस्त करें टेंडर*
गुंजल ने आरोप लगाते हुए कहा कि रिवर फ्रंट संचालन के नाम पर हुए करोड़ों के टेंडर के पीछे यदि बेटा नहीं है तो मंत्री को नैतिकता के नाते टेंडर को निरस्त करना चाहिए।
*गोमती रिवर फ्रंट की तरह जेल जाएंगे अधिकारी*
गुंजल ने कहा कि जिस तरह गोमती रिवर फ्रंट पर डेढ़ सौ करोड़ के कामों के भ्रष्टाचार में सीबीआई ने 150 लोगों पर एफआईआर दर्ज की है जिसमें चीफ इंजीनियर गिरफ्तार भी हुआ है और भी लोग गिरफ्तार होंगे। उन्होंने कहा कि मैं अभी इस पूरे भ्रष्टाचार को लेकर ईडीको पत्र लिख रहा हूं । तीन महीने बाद हमारा राज आने पर इसकी सीबीआई जांच करवाएंगे और इस रिवर फ्रंट में हुए 400 से 500 करोड़ के भ्रष्टाचार में भी गोमती रिवरफ्रंट की तरह कई लोग जेल जाएंगे।
गुंजल ने कहा कि यह तो सिर्फ एक रिवर फ्रंट का मामला है पूरे शहर में हुए करोड़ों के कामो में भी मंत्री व अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार का खुला खेल खेला गया है।