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राहुल गांधी की मानगढ़ यात्रा :राजस्थान मध्य प्रदेश और गुजरात के आदिवासी वोटरों  को साधने काप्रयास 

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12 Aug 23
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गोपेंद्र नाथ भट्ट 

राहुल गांधी की मानगढ़ यात्रा :राजस्थान मध्य प्रदेश और गुजरात के आदिवासी वोटरों  को साधने काप्रयास 

नई दिल्ली/बाँसवाड़ा। कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने बुधवार को राजस्थान,मध्य प्रदेश और गुजरात केसीमावर्ती इलाकों में आदिवासियों की सघन आबादी के मध्य एक ऊँची पहाड़ी पर स्थितआदिवासियों के श्रद्धा स्थल मानगढ़ पर विश्व आदिवासी दिवस पर विशाल रैली को सम्बोधित करएक साथ तीन प्रदेशों के आदिवासी वोटरों को साधने का काम किया हैं । कांग्रेस ने राजस्थान हीनहीं बल्कि मध्य प्रदेश और गुजरात के आदिवासी वोटरों को भी सियासी संदेश देने के रणनीतिबनाई है। कांग्रेस ने उदयपुर के चिंतन शिविर में आदिवासी और दलितों पर फोकस करने की कार्ययोजना बनाई थी ।राजस्थान और मध्य प्रदेश दोनों ही राज्यों में इस वर्ष के अन्त में विधानसभाचुनाव होने है और यहाँ सीमावर्ती इलाक़ों में आदिवासी वोटर्स काफी संख्या में है। अगले वर्ष होनेवाले लोकसभा चुनाव की दृष्टि से  सीमावर्ती गुजरात का आदिवासी इलाक़ा भी  अहम भूमिका निभा सकता हैं। आदिवासी वोटप्रारम्भ से ही कांग्रेस के परम्परागत वोटर माने जाते है लेकिन कालान्तर में भाजपा ने भी इसमेंसेंधमारी की है।

लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा में मोदी सरकार को घेरनेऔर ज़ोरदार गरजने  के बाद बुधवार को राहुल गांधी दक्षिण राजस्थान के नवगठित बाँसवाड़ासंभाग के मानगढ़ पहुंचे धाम पहुँचें थे। मानगढ़ पर 1913 में आदिवासियों के गोविन्द गुरु केअनुयायियों पर अंग्रेजी हकूमत की पुलिस की गोलियों से 1500 लोग शहीद हों गए थे। इसलिएइतिहासकार इसे अमृतसर के जलियाँवाला बाग से भी बड़ा हत्याकाण्ड मानते है । प्रधानमंत्री नरेन्द्रमोदी की गुजरात विधान सभा से पूर्व यहाँ आयोजित हुई एक सरकारी कार्यक्रम और रैली में गुजरातऔर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों की उपस्थिति में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक  गहलोत ने इसेराष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की माँग रखी थी।राजस्थान सरकार ने यहाँ ऐतिहासिक घटना कोदर्शाने वाला एक स्मारक एवं पेनेरोमा बनाया है, वहीं गुजरात सरकार ने नरेन्द्र मोदी के मुख्यमंत्रित्वकाल में अपनी सीमा में सुन्दर बगीचा और अन्य विकास कार्य किए हैं।

 

राहुल गाँधी ने मानगढ़ धाम पर निर्मित स्मारक पर पुष्प अर्पित करने के बाद कांग्रेस की विशाल रैलीको संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होने कहा कि आदिवासी देश का प्रथम और असली मालिकबताया है ।उन्होंने कहा कि  भारत देश की जमीन आदिवासियों की ही थी जो आज आधुनिक लोगोंके पास है ।

 

उन्होंने अपनी दादी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जिक्र करते हुए कहा कि बचपन में उन्होंने मुझेएक किताब दी थी जिसमें एक आदिवासी बालक की कहानी थी। जब मैंने उनसे आदिवासी के बारेमें जानना चाहा तों उन्होंने बताया कि यें ही देश के पहलें निवासी थे।इन्दिरा जी ने हमेशा हीआदिवासियों को अपना समझा और उनके विकास के लिए कई काम किए। 

 

भाजपा पर करारा प्रहार करते हुए राहुल ने कहा कि भाजपा ने एक नए शब्द का इजाद किया है किआदिवासी वनवासी है और वे उन्हें जंगल तक ही सीमित रखना चाहते हैं। वे आदिवासी कोवनवासी कह  कर उनका अपमान करते हैं। बीजेपी आपको वनवासी कहती है,आदिवासी नहीं। येआपके अपमान के साथ-साथ भारत माता का भी अपमान है।

राहुल गांधी ने कहा कि मैं चाहता हूं कि आदिवासी का बच्चा भी पढ़ लिख कर पायलट बने, डॉक्टरबने या वकील बनकर देश के विकास में अपना योगदान दें।उन्होंने कहा कि बीजेपी-आरएसएसचाहती है कि आप जंगल में रहें, लेकिन मेरा मानना है कि आप ही इस देश के  असली मालिक हैं।देश की जमीन आपकी जमीन है और आपको अपना हक मिलना चाहिए।आप आदिवासी थे, आदिवासी हैं और आदिवासी रहेंगे।

 

*मणिपुर में भारत माता की आत्मा की हत्या की गई*

 

राहुल गाँधी ने कहा कि भाजपा की विभाजन कारी सोच ने मणिपुर में ज़बर्दस्त आग लगा दी है। वहांपर लोग और बच्चे मारे जा रहे हैं तथा महिलाओं के साथ बलात्कार हो रहा है। उन्होंने कहा किमणिपुर में भारत माता की आत्मा की हत्या की गई है। उन्होंने कहा कि पीएम  नरेंद्र मोदी चाहे तोमणिपुर में दो-तीन दिन में शांति कायम हो सकती है लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है । मणिपुर जल रहाहै। उन्होंने कहा कि मणिपुर को बांटा गया है और भाजपा वहाँ लोगों को आपस में लड़ाने, नफरतऔर हिंसा फैलाने का काम कर रही है।

 

*गहलोत की सरकार की योजनाओं की तारीफ*

 

राहुल गांधी ने राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार की योजनाओं की तारीफ करतेहुए कहा कि यहां पर मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना, एससी-एसटी का फंड 500 करोड़ से 1000  करोड़ करने, कालीबाई स्कूटी वितरण योजना और कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना लागूकरना आदि कई जन कल्याणकारी योजनाएँ चल रही है। उन्होंने कहा कि हम गरीबों के लिए सरकार चलाते हैं और उनका भला करने का काम करते हैं।

राहुल गांधी ने आदिवासियों को विश्वास दिलाया कि मैं आपका सिपाही हूं। दिल्ली में रहता हूंलेकिन आप जब चाहेंगे  आपके पास आऊंगा और आपकी मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहूंगा।

 

*मानगढ़ धाम के  विकास पर  100 करोड़ रु होंगे खर्च-अशोक गहलोत

 

अपने पैरों में चोट के बाद जयपुर से पहली बार बाहर निकलें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राहुलगाँधी का गर्म जोशी से स्वागत किया। राहुल ने भी आत्मीयता से उनकी मिज़ाजपुर्सी पूछी। रैली कोसम्बोधित करते हुए गहलोत ने बताया कि इन्दिरा गाँधी,राजीव जी और सोनिया गाँधी ने हमेशाआदिवासियों से स्नेह रखा तथा उनके विकास के लिए अथक प्रयास किए।राहुल जी का भी इनसेअथाह प्रेम हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार मानगढ़ धाम के विकास पर 100 करोड़ रुखर्च कर इसका सर्वांगीण विकास करेगी। उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी को मानगढ़ धाम कोराष्ट्रीय स्मारक के रूप में विकसित करने की घोषणा करनी चाहिये थी लेकिन उन्होंने हमारी माँगको अब तक मंज़ूर नहीं किया है । 

गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी की सोच के अनुरूप ही हमने प्रदेश के बजट में बहुत सारी योजनाएंघोषित की है और उसका क्रियान्वयन भी हो रहा है। उन्होंने घोषणा की कि अब राज्य में 1 लाखबच्चे हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करेंगे। अब तक 50 हजार बच्चे ही हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं।मुख्यमंत्री गहलोत ने राहुल गाँधी की मौजूदगी में प्रदेश में जातिगत जनगणना कराने और ओबीसीके आरक्षण को 21 प्रतिशत से बढ़ा कर 27 प्रतिशत करने  की बड़ी घोषणा भी की और कहा किओबीसी की मूल जातियों का छह प्रतिशत आरक्षण भी बना रहेगा। 

गहलोत ने वर्ष 2022 के बजट की घोषणा महिलाओं को स्मार्ट मोबाइल फोन वितरण और इसवर्ष के बजट में विशेष फूड पैकेट की शुरुआत भी राहुल गांधी से करवाई।

 

*सचिन सहित अन्य नेता भी बोलें*

 

इस मौके पर पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि राहुल गांधी जी लोकसभा में ज़ोरदारभाषण देकर आए है । उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार हर मोर्चे पर फेल हो रही है। हमने कर्नाटकऔर हिमाचल प्रदेश में डबल इंजन की सरकार फेल की है और अब समय आ गया है कि हमें दिल्लीकी मेन इंजन की सरकार को भी फेल करना है। 

उन्होंने याद दिलाया  कि 5 साल पहले जब आप जुलाई में बांसवाड़ा आए थे तो उसके बादराजस्थान में  कांग्रेस की सरकार बनी थी । अब वर्ष 2023 में भी राजस्थान में कांग्रेस की सरकाररिपीट होगी और वर्ष 2024 में केंद्र में भी इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि गहलोत सरकार ने राजस्थान में महंगाईघटाने का काम किया है।और राहत शिविरों में गारंटी कार्ड दिए हैं। राजस्थान में सत्ता और संगठन मेंबेहतर संबंध है और यहां पर सरकार फिर से रिपीट होगी। 

इससे पहले सभा के सूत्रधार  जल संसाधन मंत्री महेंद्रजीत मालवीय के साथ ही जनजाति विकासमंत्री अर्जुन बामनिया,उद्योग मंत्री शकुंतला रावत, खाद्य आपूर्ति मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावासज़िला अध्यक्ष रमेश पण्ड्या सहित विभिन्न नेताओं ने संबोधित किया। सभा में प्रदेश प्रभारीसूखजिंदर सिंह रंधावा,पूर्व सांसद ताराचन्द भगोरा,स्थानीय विधायक गण, डूंगरपुर कांग्रेस के पूर्वजिला अध्यक्ष दिनेश खोडनिया और अन्य नेता गण भी मौजूद थे।

 

राहुल गांधी ने शुरुआत में मानगढ़ धाम जाकर आदिवासियों के शहीद स्थल पर पुष्पांजलि अर्पितकी और शहीदों को नमन किया। 

 

*सीएम गहलोत और सचिन पायलट के मध्य अभी भी नाराज़गी?*

 

इधर कुछ सचिन समर्थकों और मीडिया रिपोर्टस का कहना है कि राहुल गाँधी की मानगढ़ यात्रा मेंसीएम गहलोत और सचिन पायलट के मध्य अभी भी नाराज़गी बरकरार रहने और दूरियां होने कीबात उजागर हुई है।हालाँकि राहुल गांधी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। 

सभा में सचिन पायलट ने राजनीतिक संदेश देने का प्रयास किया कि वे सीएम गहलोत कीकार्यशैली से नाराज है । उन्होंने राहुल गांधी के आने से पहले मानगढ़ की जनसभा का मंच शेयरनहीं किया। उन्होंने राहुल गांधी की अगवानी की और वे उन्हीं के साथ दिखाए दिए ।बाद वे  डॉ.रघुशर्मा के पास वाली कुर्सी पर बैठे। हालाँकि इस बार सीएम गहलोत की कुर्सी भी राहुल गाँधी से सटीनही थी। राहुल के एक ओर रंधावा और एक ओर प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा बैठें थे।

मानगढ़ के कार्यक्रम आयोजकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंहडोटासरा से पहले सचिन पायलट का संबोधन कराया और सचिन पायलट ने भी राहुल गांधी केसामने संबोधन में किसी प्रकार का कोई विवाद नहीं दिखाया।

 

मानगढ़ की जनसभा में कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा का संबोधन नहीं कराना किसरणनीति का हिस्सा है यह भी पता नहीं चल सका। वैसे तो सीएम गहलोत प्रभारी रंधावा को आगेरखने का काम करते हैं। लेकिन इस बार मानगढ़ की जनसभा में उनको मैं महत्व नहीं देना समझ नेनही आया। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी अब सक्रिय राजनीति में आने का संदेश दे चुके हैं।यही कारण है कि अब कांग्रेस के सार्वजनिक कार्यक्रमों में डॉ.सीपी जोशी विधानसभा अध्यक्षरहकर  भी वे यह जता रहे हैं कि  अब प्रदेश के सक्रिय राजनीति में आने की इच्छा रखते हैं। यहीकारण है कि हाईकमान ने भी प्रदेश में बनने वाली विभिन्न कमेटियों में उन्हें सदस्य की हैसियत दीहै।

 

मानगढ़ के कार्यक्रम के तत्काल बाद ही केंद्रीय नेतृत्व पॉलिटिकल कमेटी का भी गठन कर दिया है जिसकी जिम्मेदारी प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा को दी गई है। सीएम गहलोत एवं अन्य नेताओंको इसका सदस्य बनाया गया है। अब यह पॉलिटिकल अफेयर कमेटी क्या कुछ भूमिका निभाएगीयह तो आने वाला समय नहीं बता पाएगा। 

 

हालाँकि कांग्रेस  केंद्रीय नेतृत्व में प्रदेश में राजनीतिक तौर पर यह संदेश देने में कामयाबी हासिलकी है कि इस बार  विधानसभा का चुनाव सामूहिक रूप से लड़ा जायेगा और  सत्ता में आने के बादही नया मुख्यमंत्री कौन बनेगा यह तय  किया जाएगा। गहलोत भी कह चुके है कि उन्हें हाई कमानका फ़ैसला मंज़ूर होंग़ा। विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व की राजस्थान मेंगतिविधियां अब तेज होने वाली है। केंद्रीय नेतृत्व द्वारा घोषित विभिन्न कमेटियों के कार्यक्रम भीशुरू होने का समय आ गया है। सितंबर के बाद किसी भी वक्त आचार संहिता लागू होने से सरकारी कामकाज का महत्व भी कम होने लगेगा।

प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा की भूमिका आगे किस प्रकार की रहेगी यह कुछ दिनों ने स्पष्टहों जायेगा । चुनाव में टिकट देने का अधिकार अब किस प्रकार से तय होगा यह भी सामने आएगा।कांग्रेस की केंद्रीय और प्रदेश संगठन में  हलचल तेज है और यह गतिविधियां अब आने वाले दिनों मेंऔर तेजी से बढ़ जाएगी। 

 

 

*जनजाति विकास मंत्री द्वारा आदिवासियों को राहुल के चरणों में होने की बात पर भाजपा सांसदकनक मल कटारा ने की निन्दा*

 

 

जनजाति विकास मंत्री अर्जुन बामनिया द्वारा अपने भाषण में अति उत्साह में  वागड़ औरआदिवासियों को राहुल के चरणों में होने की बात कहने पर भाजपा नेता और बाँसवाड़ा डूंगरपुर केसांसद कनक मल कटारा ने कड़ी निन्दा की और अपना गहरा रोष व्यक्त किया ।कटारा ने  कहा कियह कांग्रेस की विकृत मानसिकता को दर्शाता है। कांग्रेस ने हमेशा आदिवासियों के वोटों का अपनेहितों के लिए केवल उपयोग किया और उनकी भलाई के काम नही किए जिसकी वजह से आज भीआदिवासी गरीब शोषित और पिछड़ें है। उन्होंने कहा कि मानगढ धाम पर विकास के कामों कीशुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्रित्व काल में हुई तथा राजस्थान सीमा मेंअखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एवं भाजपा की पहल पर वसुन्धरा राजे के मुख्यमंत्रित्व काल मेंपेनेरोमा  बनाने और अन्य विकास कार्य हुए।कांग्रेस तों आजादी के 75 वर्षों बाद भी बाँसवाड़ा जिलेको रेल सुविधा से भी नही जोड़ पाई और सोनिया गाँधी से शिलान्यास करवा झूठी वाहवाही लूटीलेकिन वायदे के अनुसार केन्द्र सरकार को अपने हिस्से की राशि  नही दी जिसके कारण आज भीबाँसवाड़ा राजस्थान का ऐसा एक मात्र जिला है जिसके किसी कोने से रेल नही गुजरती। प्रधानमंत्रीनरेन्द्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही रतलाम डूंगरपुर वाया बाँसवाड़ा रेल परियोजनाको पुनर्जीवित कर और आदिवासियों के सपनों को साकार करने के लिए धनराशि स्वीकृत की है।

 

*मानगढ़ रैली के पीछे के सियासी मकसद*

 

राजनीतिक पण्डितों का मानना है कि राहुल गांधी का विश्व आदिवासी दिवस के मौके परआदिवासी बहुल राजस्थान के मानगढ़ में रैली करने के पीछे के सियासी मकसद को समझा जासकता है, क्योंकि यहां से सिर्फ राजस्थान ही नहीं बल्कि मध्य प्रदेश और गुजरात की सियासत कोभी प्रभावित करने का दांव चला गया है। वैसे कांग्रेस और बीजेपी दोनों दलों का फोकस आदिवासीवोटर्स पर है। इस लिहाज से आदिवासियों की राजनीतिक ताकत का अंदाजा लगाया जा सकताहै। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होंगा  कि आदिवासी समुदाय कुछ महीने के बाद होने वाले चुनाव मेंकिस पर भरोसा जताएंगे? 

आने वाले विधान सभा चुनाव में राजस्थान और मध्य प्रदेश की सियासत में आदिवासी समुदायसत्ता बनाने और बिगाड़ने की ताकत रखते हैं क्योंकि राजस्थान में 17 प्रतिशत और मध्य प्रदेश में21 फीसदी आदिवासी समुदाय की आबादी है।

 

*आदिवासियों का गढ़ और  राहुल गांधी*

 

राहुल गांधी बुधवार को आदिवासी बहुल दक्षिण राजस्थान में आदिवासियों के गढ़ में पहुंचे, जहां सेप्रदेश  के चार जिले, बांसवाडा, उदयपुर, प्रतापगढ़ और डूंगरपुर के में आदिवासी वोटर जीत हार तयकरते हैं। इन चार जिलों में कुल 18 विधानसभा सीटें आती है। मेवाड़-वागड़  का अधिकांश इलाकाही आदिवासी बेल्ट के तौर पर जाना जाता है, जहां 17 सीटें आदिवासी समुदाय के लिए रिजर्व हैंजबकि एक सीट अनुसूचित जाति की है। पूरे राज्य में 34 सीटें एसटी लिए आरक्षित हैं।इस तरह सेराज्य की आधी आदिवासी सुरक्षित सीटें सिर्फ मेवाड़ -वागड़ इलाके में आती हैं।राजस्थान कीमानगढ़ की सीमा मध्य प्रदेश और गुजरात से भी लगी हुई है, जहां पर आदिवासी समाज के लोगोंकी संख्या निर्णायक भूमिका में है. ऐसे में राहुल गांधी की रैली राजस्थान के साथ-साथ मध्य प्रदेशऔर गुजरात की सियासत के लिए भी अहम है।

 

*मध्य प्रदेश का परिदृश्य*

 

मानगढ़ धाम में राहुल गांधी चुनावी रैली का असर मध्य प्रदेश की सियासत पर भी पड़ना लाजमीहै। मध्य प्रदेश में 21 प्रतिशत आदिवासी समुदाय की आबादी हैं और उनके लिए 47 सीटें रिजर्वहैं। 2018 में कांग्रेस ने आदिवासी रिजर्व 47 सीटों में से 31 सीटें जीतकर सत्ता में काबिज हुई थी, जिसे कांग्रेस बचाए रखने तो बीजेपी अपना कब्जा जमाने की जुगत में है. ऐसे में राहुल गांधी मानगढ़के जरिए मध्य की इन आदिवासी सीटों पर अपना वर्चस्व बनाए रखने की कवायद करेंगे, क्योंकिमध्य प्रदेश के चार आदिवासी जिले नीमच, मंदसौर, रतलाम और झाबुआ के लोगों की आस्था काकेंद्र मानगढ़ धाम है. इतना ही नहीं सूबे के दूसरे जिले से भी आदिवासी समुदाय के लोग मानगढ़धाम आते रहते हैं. ऐसे में राहुल गांधी ने आने वाले विधान सभा चुनाव को देखते हुए राजस्थान सेमध्य प्रदेश की भी सियासत को बखूबी तरीके से साधते का काम किया है।

 

*आदिवासी वोटों पर कांग्रेस का फोकस*

दरअसल, आदिवासी और दलित मतदाता एक समय कांग्रेस के परंपरागत वोटर रहे हैं, लेकिनबीजेपी की नई सोशल इंजीनियरिंग के चलते अब उनसे दूर हो रहे हैं. बीजेपी और क्षेत्रीय दलों नेआदिवासी वोटों में सेंधमारी किया है. गुजरात चुनाव में भी आदिवासी वोट कांग्रेस से दूर हुआ, जिसके चलते ही कांग्रेस ने उदयपुर के चिंतन शिविर में आदिवासी वोटों को जोड़ने की रणनीतिबनाई थी. इसी के तहत कांग्रेस ने आदिवासी और दलित समुदाय वोटों को साधने की कोशिश कररहे हैं और राहुल गांधी का मानगढ़ दौरा भी उसी का हिस्सा माना जा रहा है. राहुल गांधी ने हाल केदिनों में सामाजिक न्याय वाली राजनीति पर खास फोकस किया, जिसके चलते कांग्रेस अब उन्हेंआगे करके आदिवासी और दलित वोटों को अपने पाले में लाने की रणनीति बनाई है.

*आदिवासी पार्टियां भी बन रही चुनौती*

मध्य प्रदेश हो या फिर राजस्थान, दोनों ही राज्यों में आदिवासी समुदाय के लोगों ने राजनीतिक दलभी बना रखे हैं. मध्य प्रदेश जयस नाम से पार्टी बना रखी है तो राजस्थान में भारतीय ट्राइबल पार्टी(बीटीपी) भी एक बड़ी ताकत बन रही है. बीजेपी की नजर तो है कि साथ ही क्षेत्रीय दल भीआदिवासी समुदाय के हक दिलाने की लड़ाई लड़ने का दम भर रही हैं। राजस्थान में पिछले चुनावमें बीटीपी के दो विधायक जीतने में सफल रहे थे, जो कांग्रेस बीजेपी दोनों के लिए एक बड़ा झटकाथा।मध्य प्रदेश में जयस के नेता कांग्रेस के टिकट ही चुनाव लड़े थे, जिसका फायदा कमलनाथ कोमिला था.

*बीजेपी की नजर भी टिकीं आदिवासी अंचलों पर*

 

इधर बीजेपी की नजर भी आदिवासी वोटों पर है।इतना ही नहीं बीजेपी ने देश में पहली बारआदिवासी समुदाय से द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाया है, जिसके बहाने सियासी संदेश दिया जारहा है। राहुल गांधी जिस मानगढ़ धाम पहुंचे हैं, उसी स्थान पर पिछले साल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीभी गुजरात विधान सभा चुनाव से ठीक पहलें पहुंचे थे. मोदी ने गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थानके मुख्यमंत्रियों के साथ आदिवासी समुदाय के इस आस्था के केंद्र पर नजर आए थे.

एक नवंबर 2022 को बीजेपी ने मानगढ़ धाम में पीएम मोदी की रैली थी लेकिन मानगढ़ धाम कोराष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की घोषणा नहीं की थी। ऐसे में राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री अशोकगहलोत के माध्यम से मानगढ़ के विकास के लिए नए प्रोजेक्ट और आदिवासी समुदाय के लिए बड़ाऐलान कराया  है। इस प्रकार भाजपा और कांग्रेस के मध्य  आदिवासी वोटों को लेकर घनघोरसियासी संग्राम जारी है जो आने वाले विधान सभा चुनाव तक जारी रहेगा। भाजपा अपनी सौचीसमझी रणनीति के तहत आने वाले दिनों में आदिवासियों के प्रयाग राज माने जाने वाले डूंगरपुरजिले के बेणेश्वर धाम से परिवर्तन यात्रा निकालने वाली है। भाजपा को उदयपुर और बाँसवाड़ासंभाग में अपने क़द्दावर नेता गुलाब चन्द कटारियाँ की कमी बहुत खलेगी जिन्होंने मेवाड़ और वागड़में भाजपा को कांग्रेस के मुक़ाबले खड़ा करने में अपना पूरा जीवन लगा दिया। कांग्रेस इस शून्यताका लाभ उठाने की फ़िराक़ में है।हालाँकि भाजपा ने इस बार उदयपुर संभाग के ही चित्तोडगढ़ केयुवा सांसद सी पी जोशी को प्रदेश अध्यक्ष बना कटारियाँ की कमी को भरने का प्रयास किया है।

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