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चाइल्ड ट्रैफिकिंग रोकने बाल संसद ने पास किया विधेयक

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30 Jul 23
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चाइल्ड ट्रैफिकिंग रोकने बाल संसद ने पास किया विधेयक

 बच्चों को अपने अधिकारों के साथ कर्तव्य के प्रति भी जागरूक करना होगा। जब राष्ट्र का हर बच्चा सुरक्षित होगा तभी सुरक्षित राष्ट्र बनेगा, बाल संसद के माध्यम से बच्चे अपनी सहभागिता के अधिकार के साथ राष्ट्र के लोकतंत्र एवं इसकी व्यवस्था से परिचित हो रहे हैं यह सराहनीय प्रयास है उक्त विचार राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष डॉ.सी.पी.जोशी ने उदयपुर संभाग के विभिन्न पंचायत में गायत्री सेवा संस्थान द्वारा गठित बाल संसद के बच्चों से भेट करने के बाद व्यक्त किए। 
बाल संसद के बच्चों ने डॉ. जोशी के जन्मदिन के अवसर पर उन्हें शुभकामनाएं दी एवं बच्चों द्वारा निर्मित मांग पत्र सौंपा।
इस अवसर पर बाल संसद के प्रणेता एवं पूर्व सदस्य राजस्थान बाल आयोग, राजस्थान सरकार डॉ. शैलेंद्र पंड्या ने जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 28 जुलाई से 30 जुलाई 2023 तक संभाग के चयनित बाल संसद के कुल 35 प्रतिनिधियों का विश्व मानव तस्करी रोधी दिवस के उपलक्ष में तीन दिवसीय क्षमतावर्धन शिविर एवं बाल ट्रैफिकिंग की रोकथाम हेतु चिंतन का आयोजन किया गया था। प्रथम दिवस बच्चे उदयपुर में जिला प्रशासन, बाल कल्याण समिति एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उदयपुर से मिले एवं विभिन्न मुद्दों पर संवाद किया एवं 29-30 जुलाई को बच्चे राजसमंद जिला मुख्यालय स्थित अणुव्रत विश्व भारती केंद्र में रहकर अपना मांग पत्र तैयार किया जिससे उनके द्वारा विधानसभा के मानवीय अध्यक्ष को सौंपा गया
अणुव्रत विश्व भारती में संसद के मॉडल पर बच्चों ने सभाध्यक्ष का चुनाव कर विधिवत चर्चा कि एवं लोकसभा की तरह ही बाल संसद ने विधेयक जारी किया जिसमें बाल तस्करी की प्रभावी रोकथाम होगी।
गायत्री सेवा संस्थान से परियोजना समन्वयक आशिता जैन ने बताया कि तीन दिवस में  विशेषज्ञ एवं अतिथि के रूप में बच्चों से अतिरिक्त जिला न्यायाधीश एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कुलदीप शर्मा, बाल कल्याण समिति उदयपुर एवं राजसमंद के अध्यक्ष यशोदा पणीया एवं कोमल पालीवाल, यूनिसेफ प्रतिनिधि सिंधु बेनरजीत, कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन नईं दिल्ली से रवि कांत,  संपूर्णा बहुरवा, राजीव भारद्वाज, डॉ. राजकुमारी भार्गव ने संवाद किया। 
बाल संसद के प्रधानमंत्री कुनाल मेघवाल ने बताया कि आगामी विधानसभा चुनाव में विभिन्न राजनीतिक दलों को उनके घोषणापत्र में बाल संरक्षण को प्राथमिकता देने हेतु बाल संसद के बच्चे अब अभियान चलाएंगे एवं अपनी मांग पत्र सौंपेंगे । 


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