उदयपुर जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के सभागार में सोमवार को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि व बलिदान दिवस उनकी तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर आयोजित संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने कहा कि महात्मा गांधी का जीवन की उनका संदेश है। मोहनदास करमचंद गांधी को पूरी दुनिया अहिंसा के पुजारी के रूप में पूजती है। उनकी ताकत थी सादा जीवन उच्च विचार एवं प्रकृति के प्रति अटूट प्रेम। इसी के बल पर वे भारतीयों के बापू बन गये। उनका प्रकृति और मनुष्य के प्रति प्रेम जग जाहिर है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण अहिंसा का मार्ग है। गांधीजी प्रकृति से प्रेम करते थे और उसे मानने वाले शख्स थे। उनके विचार कर्म और दर्शन आज भी हमारे जैसे बडे लोकतांत्रिक देश की चुनौतियो से लडने के लिए एक ताकत देते है।
इस अवसर पर कुल प्रमुख भंवर लाल गुर्जर, बीएन संस्थान के प्रबंध निदेशक मोहब्बत सिंह राठौड, रजिस्ट्रार डॉ. हेमशंकर दाधीच, डॉ. मनीष श्रीमाली, डॉ. तरूण श्रीमाली, डॉ. चन्द्रेश छतलानी, डॉ. हेमंत साहू, मुर्तला अली, कृष्णकांत कुमावत, विकास डांगी, डॉ. संजय चौधरी, जितेन्द्र सिंह चौहान, डॉ. हिम्मत सिंह चुण्डावत सहित कार्यकर्ताओं ने बापू के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हे नमन किया।
विद्यापीठ के संघटक लोकमान्य तिलक शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभी का आयोजन किया गया जिसे गांधी जी के प्रिय भजन वैष्णव जन तो तेने कहिए व रघुपति राघव राजाराम की प्रस्तुति दी गई। इस अवसर पर प्राचार्य प्रो. सरोज गर्ग, डॉ. बलिदान जैन, डॉ. अमी राठौड, डॉ. सुनिता मुर्डिया, सुभाष बोहरा सहित कार्यकर्ताओं ने गांधी के सिद्धांतों पर चलने की शपथ ली