GMCH STORIES

वर्तमान माहौल में मन्दिर संस्कृति पर सार्थक पुस्तक

( Read 5274 Times)

16 Apr 22
Share |
Print This Page

अख्तर खान अकेला

वर्तमान माहौल में मन्दिर संस्कृति पर सार्थक पुस्तक

कोटा  | देश के वर्तमान हालातों में  धर्म के नाम पर  कुछ लोगों द्वारा हिंसा को धर्म का हिस्सा मानकर जहाँ  धर्म की सहिष्णुता की तस्वीर को तार -तार करने का प्रयास क्या जा रहा है। धर्म को सियासत से जोड़कर वोटों की राजनीति के नाम पर इससे खेला जा रहा है। ऐसे माहौल में देश के सभी मंदिरों , मंदिरों की संस्कृति , उनका धार्मिक पर्यटन की तरह जुड़ाव  की समस्त जानकारियों के साथ डॉ. प्रभात कुमार सिंघल द्वारा लिखित पुस्तक  मंदिर संस्कृति (धार्मिक पर्यटन) सामने आई है।
    ओरिजनल धर्म की हिस्सेदारी की तरफ लोगों का रुख मोड़कर  देश की विशालता , धार्मिक सहिष्णुता , पौराणिक इतिहास , मंदिर , मठ , उनके इतिहास , उनकी निर्माण शैली सहित समस्त जानकारी गागर में सागर की तरह भर कर पेश की गई है। ऐसा करने से देश भर में  धार्मिक यात्राओं पर आने -जाने वाले पर्यटक , रिसर्च स्कॉलर , आम आदमी के लिए उपयोगी पुस्तक साबित हो  रही है। 
    राजस्थान के विख्यात लेखक ने उक्त पुस्तक में देश भर के सभी मंदिरों , उनका संक्षिप्त इतिहास , उनकी निर्माण शैली , को चित्रित कर , इस पुस्तक को पाठको के लिए जींवत रिपोर्टिंग की तरह  बहुउपयोगी बना दिया है। जो ज्ञानवर्धक होने के साथ - साथ वर्तमान नफरत के माहौल में लोगों को आकर्षित कर  माहौल के लिए स्वास्थ्वर्धक भी है। मंदिर संस्कृति धार्मिक पर्यटन पुस्तक का  हाल ही में , कोटा रेंज के पुलिस महानरीक्षक रवि दत्त गौड़ ने एक औपचारिक कार्यक्रम में लोकार्पण किया। 
        यूँ तो लेखक का पुस्तक लेखन का अपना अनुभव है। वह राजस्थान सरकार के जन सम्पर्क विभाग में विभिन्न पदों पर रह कर संयुक्त निदेशक पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। हज़ारों हज़ार उनके लेखक प्रकाशित हुए है। उन्होंने आज़ादी के पहले राजपूताने की पुलिस प्रणाली पर डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है। उनकी यह पुस्तक  देश के धार्मिक स्थलों को धार्मिक पर्यटन से जोड़ने का शॉर्टकट है।  कुल 142 पृष्ट की यह पुस्तक  आकर्षक मुख पृष्ठ और अंतिम पृष्ठ  के खूबसूरत रंगीन कलेवर में है। अंतिम पृष्ठ पर ,लेखक का संक्षिप्त परिचय है। 160 रूपये कम मूल्य की यह पुस्तक  अमेज़ॉन पर भी उपलब्ध है। पुस्तक का प्रकाशन वीएस आरडी अकेडमिक पब्लिशिंग, कानपुर ने किया है। 
     पुस्तक के प्राक्थन में सीनियर सेक्शन इंजीनियर  रेलवे  मंडल कोटा के अधिकारी  अनुज कुमार कुच्छल द्वारा संक्षिप्त  में देश भर की मंदिर संस्कृति , पूजा पद्धति , मूर्ति स्थापना की जानकारी शामिल की है। लेखक ने अपने  लेखकीय में मंदिर संस्कृति , विरासत , इतिहास और सहयोगियों का विवरण  शामिल किया है।          पुस्तक में भारत के सभी मंदिरों का संक्षिप्त उल्लेख करते हुए , पाठकों  के लिए आसान करते हुए  आठ हिस्सों में बाँट कर प्रस्तुत किया  है। जिसमे मंदिर संस्कृति का प्रादुर्भाव , भारत के चार धाम , सप्तपुरी , देवी के 51 शक्तिपीठ , द्वादश ज्योतिर्लिंग ,   यूनेस्को की सूचि में शामिल  विश्व विरासत  मंदिर, उत्तर और दक्षिण भारत केेेे प्रमुख मंदिरों का सारांश दिया गया है। अन्य  जानकारी में , उनके निर्माण काल , पूजा पद्धति , निर्माण भवन का आर्किटेक्ट का भी विवरण शामिल है। 
     यह पुस्तक पर्यटकों में तो धार्मिक आकर्षण पैदा कर धार्मिक पर्यटन से जोड़ने वाली है ही  लेकिन रिसर्च स्कॉलर्स के साथ , विदेशी भारतीय अप्रवासियों के लिए भी बहुउपयोगी पुस्तक है। वर्तमान हालातों में  लोग नफरत का भाव छोड़कर , मोहब्बत की भाषा में , मंदिर का भावार्थ , पूजा का भावार्थ , सेवा भाव समझ सकें , असल धार्मिक भावार्थ उनके अंर्तमन में जन्म लेकर  माहौल में सहिष्णुता , एक दूसरे से मोहब्बत , प्यार , एक दूसरे की मदद का जज़्बा पैदा हो  इसके लिए भी यह पुस्तक धर्म की तस्वीर अमन सुकून पैदा करने वाली साबित होगी।


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories : Headlines ,
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like