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मुनिश्री सुधासागर ससंघ की बैंडबाजों के साथ भव्य अगवानी के बीच मंगल प्रवेश

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26 Jul 21
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मुनिश्री सुधासागर ससंघ की बैंडबाजों के साथ भव्य अगवानी के बीच मंगल प्रवेश

कोटा (डॉ प्रभात कुमार सिंघल) |  दुल्हन की तरह सजा चांदखेड़ी, जगह-जगह स्वागत द्वार, बैंडबाजों के साथ सजी-धजी महिलाएं और सिर पर गुलाबी साफों मंे एक जैसे परिधानों मंे श्रद्धालु पुरूष और चांदखेड़ी कस्बे मंे स्थानीय निवासियों का हुजूम। कुछ इसी तरह का नजारा रहा शनिवार की सुबह चांदखेड़ी कस्बे का। करीब सात साल बाद जब मुनिश्री सुधासागर जी महाराज चांदखेड़ी में चार्तुमास के लिए पहुंचे तो एकाएक उल्लास और उमंग छा गई। पूरा कस्बा भगवान महावीर और सुधासागर जी के जयकारों से गंूजने लगी। श्रद्धालु महिला-पुरूष संतों की अगवानी में झूमने-नाचने व भक्ति गीत गाने लगे।
दिगम्बर जैनाचार्य विद्यासागर महाराज के शिष्य मुनि पुंगव सुधासागर महाराज का सात साल बाद ससंघ शनिवार को चांदखेड़ी खानपुर कस्बे में धूमधाम के साथ मंगल प्रवेश हो गया। इस मौके पर हाड़ौती सहित समीपवर्ती मध्यप्रदेश के बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने मुनि संघ की अगवानी मंे पलक पांवड़े बिछा दिये। लोगों में उत्साह इतना अधिक था कि मुनि संघ को कस्बे के दहीखेड़ा चौराहे से चांदखेड़ी मंदिर तक तीन किलोमीटर का मार्ग तय करने में तीन घंटे लग गए। स्थानीय जैन समाज, अग्रवाल समाज, चांदखेड़ी मंदिर कमेटी और कस्बेवासियों ने मुनिसंघ का ऐतिहासिक स्वागत किया। मुनि संघ ने शनिवार सुबह समीपवर्ती गाडरवाड़ा डूंडी गांव से विहार कर सुबह सात बजे कस्बे की सीमा में प्रवेश किया। इस दौरान पूरे कस्बे को स्थानीय जैन समाज, कस्बेवासियों और अतिशय तीर्थ क्षेत्र चंद्रोदय चांदखेड़ी कमेटी द्वारा दुल्हन की तरह सजाया गया। तीन किलोमीटर लंबे रास्ते पर दर्जनों स्वागत द्वार और रंगोलियां सजाई गई। मुनि संघ दहीखेड़ा चौराहे से फव्वारा चौराहा, स्टेट बैंक चौराहा, अटरू चौराहा होते हुए चांदखेड़ी पहुंचा। मुनिश्री की अगवानी करने व जगह-जगह पाद प्रक्षालन व आरती करने की होड़ सी लगी रही। कस्बे में एक दर्जन से अधिक स्थानों पर पंचमेवा, ठण्डाई, शीतल जल, शरबत आदि से पुष्पवर्षा कर श्रद्धालुओं का स्वागत किया गया। महिला महासमिति खानपुर और सारोलाकलां व अग्रवाल समाज के युवाओं के बैण्ड, महाराष्ट्र और गुजरात के ढोल, चकरी और आदिवासी नृत्य, डीजे और घुड़सवार आकर्षण का केन्द्र रहे। कोरोना गाइड लाइन की पालना करते हुए मुनि पंुगव सुधासागर जी महाराज, मुनि महासागर महाराज, मुनि निष्कंप सागर महाराज, क्षुल्लक गंभीर सागर और धैर्यसागर महाराज ने सुबह 10 बजे चांदखेड़ी मंदिर में प्रवेश किया। यहां आदिनाथ स्वामी के दर्शनों के बाद मंत्रोच्चार के बीच शांतिधारा व अभिषेक संपन्न करवाया। चांदखेड़ी कमेटी के अध्यक्ष हुकम जैन काका ने बताया कि चौथी बार चांदखेड़ी पहुंचे मुनि संघ का यहां पहली बार चार्तुमास होगा और पूरे चार माह धर्म की गंगा प्रवाहित होगी।
इस दौरान जैन समाज, चांदखेड़ी मंदिर कमेटी के अध्यक्ष हुकम जैन काका, महामंत्री नरेश जैन वेद, कार्याध्यक्ष अजय बाकलीवाल, कोषाध्यक्ष गोपाल जैन एडवोकेट, चातुर्मास सहयोग समिति के अध्यक्ष महावीर जैन कालू, भगवानस्वरूप जैन, कैलाश भाल, प्रशांत जैन, अनिल कागला, प्रहलाद गोयल, हुकुम सोनी, अमित गुप्ता, विशाल मित्तल, गोलू जैन, ऋषभ जैन सहित अन्य उपस्थित रहे।

परमार्थ का हिसाब रखने वाला मुनि नहीं, मुनीम होता है: सुधासागर

इस मौके पर आयोजित धर्मसभा में मुनिश्री सुधासागर जी महाराज ने अपने प्रवचनों में कहा कि जो प्राणी मात्र पर परमार्थ कर उसे गिने या याद रखे, वह मुनि नहीं मुनीम होता है। उन्हें भी लाभ दें जो उसका बुरा सोचते हैं। मुनिश्री ने कहा कि व्यवहारिकता और परमर्थ दोनों अलग होते हैं। व्यवहारिकता मंे हिसाब रखा जता है और परमार्थ बेहिसाब होता है और जो बिना जाने परमार्थ करता है, वह गुरू होता है। प्रारंभ में आदिनाथ स्वामी और आचार्य विद्यासागर के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन कर किया गया। इस दौरान चांदखेड़ी कमेटी के अध्यक्ष हुकम जैन काका परिवार व खानपुर, झालरापाटन, चंवलेश्वर पार्श्वनाथ कोटा, सारोलाकलां, बिजौलिया, अकलेरा, झालावाड़, सांगोद और मध्यप्रदेश से आए श्रद्धालुओं ने मुनिसंघ का संगीतमय पूजन किया। महोत्सव के दौरान चंवलेश्वर पार्श्वनाथ कमेटी के पदाधिकारियों व मुनिसंघ के पद विहार में सहयोग देने वाले श्रद्धालुओं का पगड़ी पहनाकर एवं आदिनाथ स्वामी का चित्र भंेट कर सम्मान किया गया। 
 


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