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महाराणा भीम सिंह जी की २५३वीं जयन्ती

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04 Apr 21
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महाराणा भीम सिंह जी की २५३वीं जयन्ती

 


 

 


उदयपुर, महाराणा भीम सिंह (राज्यकाल १७७८-१८२८ ई.स.) का जन्म चैत्र कृष्ण सप्तमी, विक्रम संवत् १८२४ को हुआ था। सन् १७७८ में महाराणा हम्मीर सिंह के स्वर्गवास के बाद महाराणा भीम सिंह की गद्दीनशीनी सम्पन्न की गई। महाराणा भीम सिंह जी की २५३वीं जयन्ती पर महाराणा मेवाड चेरिटेबल फाउण्डेशन उदयपुर की और से पूजा-अर्चना सम्पन्न की ग*।

महाराणा मेवाड के ६७वें श्री एकलिंग दीवान के रूप में कम आयु में अपनी माता सरदार कुंवर के संरक्षण में गद्दी पर बैठे। सरदारों के आपसी संबंध संघर्षपूर्ण थे। राज्य पर लगातार होल्कर, सिंधिया व पिंडारियों के आक्रमण ने स्थिति को ओर भी कष्टप्रद बना दिया था।

महाराणा मेवाड चेरिटेबल फाउण्डेशन उदयपुर के प्रशासनिक अधिकारी भूपेन्द्र सिंह आउवा ने बताया कि, राज्य की स्थिति व प्रजा के कष्टों को ध्यान में रखकर महाराणा ने १३ जनवरी १८१८ को ब्रिटिश *स्ट इंडिया कम्पनी के साथ संधि-पत्र हस्ताक्षर कर मेवाड को मराठा आक्रमणों से सुरक्षित करने का प्रयास किया। महाराणा ने मेवाड के सरदारों के मध्य भी आपसी समझौतों के द्वारा स्थिरता लाने का प्रयास किया।

महाराणा भीम सिंह ने अपने ५० वर्ष के राज्यकाल में उदयपुर के राजमहलों में भीम विलास, भीम निवास, पार्वती विलास महलों का निर्माण करवाया। उदयपुर में श्री विट्ठलनाथ जी व गोर्वधननाथ जी की हवेली व घसीयार में मंदिर का निर्माण करवाया। इन महाराणा के समय में श्री भीमपद्मेश्वर जी मंदिर व श्री रामनारायण मंदिर का निर्माण हुआ।

वर्तमान में कोरोना महामारी के चलते महाराणा की जयंती पर किसी प्रकार के आयोजन नहीं रखे जाऐंगे।


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