- बॉलीवुड के कई प्रसिद्ध गानों को अपनी खूबसूरत आवाज दे चुकीं रोंकिनी
-सवाई गंधर्व महोत्सव से लेकर लता मंगेशकर पुरस्कार तक किए हासिल
- ‘जी’ चैनल की प्रतिष्ठित वर्ल्ड सीरीज ‘सारेगामापा’ और उससे पूर्व डोवरलेन म्यूजिक नेशनल मेरिट अवॉर्ड की विजेता रही हैं गुप्ता
उदयपुर। जब शिल्पग्राम के मुक्ताकाशी मंच से देश-विदेश में भारतीय संगीत का परचम फहरा चुकीं रोंकिनी गुप्ता अपनी रेशमी आवाज में सुर साधेंगी तो निश्चित ही न सिर्फ शिल्पग्राम का माहौल शास्त्रीय संगीत से आेतप्रोत होगा, बल्कि हर श्रोता एक अविस्मरणीय याद के रूप में उन पलों को हमेशा के लिए अपने दिल में शर्तिया उतार कर ले जाएगा। बॉलीवुड में अपनी आवाज और शास्त्रीय संगीत पर महारत के बूते खास पहचान बना चुकीं हैं। दरअसल, पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र की ओर से शिल्पग्राम में शास्त्रीय संगीत को समर्पित “ऋतु बसंत उत्सव” का आगाज रोंकिनी की खूबसूरत ख्याल गायिकी से शुक्रवार से होगा।
केंद्र के डायरेक्टर फुरकान खान का कहना है कि क्लासिकल सिंगिंग के क्षेत्र में रोंकिनी गुप्ता एक ऐसी अद्भुत गायिका है, जो शुद्ध ख्याल और बॉलीवुड संगीत का अनूठा मिश्रण है। संगीत के क्षेत्र में उनकी सुर-साफी और अभिव्यक्ति को मोल्ड करने की क्षमता के मामले में बहुत ही खास पहचान है।
बॉलीवुड के पुरस्कारों से भी नवाजा जा चुका-
16 वर्ष की आयु में डोवरलेन म्यूजिक नेशनल मेरिट, 21 वर्ष की आयु में ज़ी नेशनल टेलीविजन पर ‘वर्ल्ड सीरीज सारेगामापा’ तो वे 21 वर्ष की उम्र तक ही जीत चुकी थीं। इन्हें हिंदी फिल्म ‘तुम्हारी सुलु’ के गाने ‘रफू...’ और फिल्म ‘सुई धागा’ के हर जुबां पर चढ़ चुके सॉन्ग ‘चाव लागा...’ को अपनी सुरमयी आवाज दे चुकीं रोंकिनी तीन बार फिल्मफेयर अवॉर्ड के लिए भी नॉमिनेट की जा चुकी हैं। इन्हें “तुला झपनार आहे” नामक गाने के लिए 2020 में ज़ी टॉकीज-महाराष्ट्र की बेस्ट सिंगर का अवॉर्ड मिल चुका है। वहीं, कई अन्य पुरस्कारों से नवाजी जा चुकीं यह बॉलीवुड की स्थापित गायिका। और तो और, वे हाल ही में वर्ष 2023 के ‘स्वर कोकिला लता मंगेशकर पुरस्कार’ से भी सम्मानित की जा चुकी हैं।
एआर रहमान हैं इनकी आवाज के फैन-
ऑस्कर विजेता संगीतकार ए.आर. रहमान जब किसी सिंगर की मुक्तकंठ से तारीफ करें तो समझा जा सकता है िक उसकी आवाज में कितनी कशिश और साधना होगी। रहमान रोंिकनी को सार्वजनिक रूप से कई बार अपनी सबसे पसंदीदा शास्त्रीय गायिका बता चुके हैं।
कथक गुरु और प्रसिद्ध नृत्यांगना हें डॉ.आरती-
‘ऋतु बसंत’ के पहले दिन शुक्रवार को एक और प्रस्तुति, जो दर्शकों के लिए यादगार बनने वाली है, वह है प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना डॉ.आरती सिंह एंड ग्रुप का कथक नृत्य। रायपुर (छत्तीसगढ़) के कमला नेहरू संगीत महाविद्यालय में नृत्य विभाग की प्रोफेसर डॉ.आरती उदयपुर के महाराणा कुंभा महोत्सव के अलावा उज्जैन के अखिल भारतीय कालिदास समारोह, खजुराहो डांस फेस्टिवल, वाराणसी के गंगा महोत्सव और रायगढ़ के चक्रधर महोत्सव जैसे प्रतिष्ठित समारोहों में अपनी सम्मोहित करने वाले कथक नृत्यों की प्रस्तुति दे चुकी हैं।
प्रवेश रहेगा निशुल्क-
यह कार्यक्रम 23 फरवरी से प्रतिदिन शिल्पग्राम के मुक्ताकाशी रंगमंच पर शाम 6:30 बजे से होगा। आमजन के लिए इसमें प्रवेश निशुल्क रहेगा।
कार्यक्रम की खूबी उम्दा क्यूरेशन-
इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी खूबी इसका क्यूरेशन है। मसलन, पहले दिन क्लासिकल गायन के साथ कथक, दूसरे दिन गायन के बाद तीन बड़े संगीतज्ञों के वाद्ययंत्रों की जुगलबंदी और तीसरे दिन दो प्रसिद्ध संगीतज्ञों का सरोद-सितार का इंस्ट्रूमेंटल डुएट... और फिर वर्ल्ड क्लास नृत्य स्तुति अपने आपमें बेमिसाल क्यूरेशन की प्रतीक है। इंस्ट्रूमेंटल डुएट... और फिर वर्ल्ड क्लास नृत्य स्तुति अपने आपमें बेमिसाल क्यूरेशन की प्रतीक है।