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पिता पिता होता है, हम उनसे आगे नहंी जा सकतेः समीर

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10 Oct 22
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पिता पिता होता है, हम उनसे आगे नहंी जा सकतेः समीर


आपका क्या होगा जनाबे आली...
सुदेश भोंसले व समीर अंजान को मिला लाईफ टाईम अचीवमेन्ट अवार्ड सहित 6 को मिलें सृजन कला प्रेरक अवार्ड
बारीश के कारण डीपीएस की जगह हुआ सुखाड़िया रंगमंच पर कार्यक्रम


उदयपुर। सृजन द स्पार्क संस्था द्वारा आज डीपीएस स्कूल के ग्राउण्ड के स्थान पर टाउनहॉल स्थित सुखाड़िया रंगमंच पर सुदेश भांेसले नाईट का आयेाजन किया गया। जिसमें अमिताभ बच्चन की फिल्मों के गानों सहित बॉलीवुड के सदाबहार नगमों की बहार आ गयी।

इस अवसर पर सुदेश भोंसले व गीतकार समीर अंजान को लाइफ टाईम अचीवमेन्ट अवार्ड सहित देश की जानी मानी 6 हस्तियों को सृजन कला प्रेरक अवार्ड-2022 के तहत मुबंई के मोहम्मद सलीम आरीफ को सृजन वी.डी.पोलुस्कर अवार्ड,हैदराबाद के रामावतार दयामा को सृजन आंेकारनाथ ठाकुर अवार्ड, मुबंई के अशोक बांठिया को सृजन नन्दलाल बोस अवार्ड,भोपाल की रेणु शर्मा को सृजन मास्टर मदन अवार्ड,अजमेर की प्रियंका जोधावत को सृजन खेमचंद प्रकाश अवार्ड तथा नईदिल्ली के कुंवर रणजीतसिंह चौहान को अमीर खुसरो अवार्ड से व सुरेश मिश्रा को सम्मानित किया गया। पुरूस्कार स्वरूप सभी को पगड़ी, उपरन,प्रशस्ति पत्र,स्मृतिचिन्ह प्रदान किया गया।

सुदेश भांेसलें ने अपना प्यार लुटानें और जनता का प्यार पाने के लिये मंच पर आते ही जनता के बीच जाते हुए अमिताभ बच्चन की फिल्म का गीत आपका क्या होगा जनाबे आली...को अपनी सुरीली आवाज में गाते हुए अपने कार्यक्रम की शुरूआत की। इसे बाद इन्होंने प्यार दिवाना होता है,मस्ताना होता है...,तेरी गली से आता सनम.... जैसे अनेक सदाबहार गीतों सहित यूथ को पसन्द आने वाले गीतों को भी अपनी आवाज दी।

इससे पूर्व लाइफ टाईम अचीवमेन्ट अवार्ड से सम्मानित गीतकार एवं फिल्म दिल से अपने करियर की शुरूआत करने वाले समीर अंजान जिदंा रहूंगा लेकिन हार नहीं मानूंगा क्येांकि मैंने जीवन फिल्मों के हर दौर में गीत लिखनें की चुनौती स्वीकार करते हुए उस दौर को जीनें का प्रयास किया। जो भी चैलेन्ज मुझे दिया जायेगा उसे मैं सहर्ष स्वीकार करूंगा। उन्होंने कहा कि मेरे पिता अंजान ने अमिताभ की 90 प्रतिशत फिल्मों के गानें लिखें। उन्होंने कहा कि पिता पिता होता है, हम उनसे आगे नहीं जा सकते है और मैनें जो उनसे सीखा वह जनता को पुनः लौटा रहा हूं। समीर ने कहा कि बॉलीवुड के माध्यम से हिन्दी का जितना प्रचार-प्रसार हुआ उतना किसी माध्यम से नहीं हुआ है।

इस अवसर पर सह कलाकारों ने.... कैसे कटेगा पल हर पल, हर पल...,इक प्यार का नगमा है...,थ्हारे बिना लागे नहीं म्हारा जीया रे...,मैं ख्वाबों की शहजादी...मैं मेरा दिल प्यार का दिवाना है... जैसे गानों को अपनी सुरीली आवाज दे कर जनता तालियों के जरिये बेहद प्यार पाया।
समारोह में सृजन द स्पार्क के संस्थापक आईजी प्रसन्न कुमार खमेसरा, अतिथियों आईजी प्रफुल्ल कंुमार, पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चन्द्रशील ठाकुर, इन्दिरा आईवीएफ के डॉ. अजय मुर्डिया,पी.एस.तलेसरा,गोविन्द अग्रवाल,गुलाम अब्बास खंा के पुत्र,उदयपुर सृजन संस्था के अध्यक्ष राजेश खमसेरा, सचिव किशोर पाहुजा अब्बास अली बन्दुकवाला, राजेन्द्र शर्मा, दिनेश कटारिया, श्याम एस. सिंघवी ने सभी सम्मानित अवार्डिज़ को पुरूस्कार प्रदान किये।  समारोह में दिल ने कुछ कहा..नामक पुस्तक का सभी अतिथियों ने विमोचन किया।  प्रारम्भ में सृजन द स्पार्क अपेक्स के जी.आर.लोढ़ा ने संस्था का परिचय दिया। समारोह में संस्था द्वारा फेसबुक लाइव चलाये जा रहे संगीत कार्यक्रम में बेहतर प्रस्तुति देने वाली पुरूस्कार विजेता तीन बालिकाओं को भी पुरूस्कृत किया गया।कार्यक्रम का संचालन दृष्टि कौर ने किया।


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